Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2020 · 1 min read

बेरोजगारों का दर्द

न समझे दर्द कोई भी कभी बेरोजगारों का।
मिले उनको नहीं यारों, कहीं मौसम बहारों का।
व्यथा क्या है सबब क्या है न कोई पूछने आता-
रुका है ब्याह भी देखो अभी कितने कुँवारों का।

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
कवि दीपक बवेजा
मेरी तकलीफ़
मेरी तकलीफ़
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*आओ-आओ योग करें सब (बाल कविता)*
*आओ-आओ योग करें सब (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सादगी मुझमें हैं,,,,
सादगी मुझमें हैं,,,,
पूर्वार्थ
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
दरोगा तेरा पेट
दरोगा तेरा पेट
Satish Srijan
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
Sarfaraz Ahmed Aasee
दिखाओ लार मनैं मेळो, ओ मारा प्यारा बालम जी
दिखाओ लार मनैं मेळो, ओ मारा प्यारा बालम जी
gurudeenverma198
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
DrLakshman Jha Parimal
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
एक तेरे चले जाने से कितनी
एक तेरे चले जाने से कितनी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sakshi Tripathi
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
सहित्य में हमे गहरी रुचि है।
सहित्य में हमे गहरी रुचि है।
Ekta chitrangini
Kuch nahi hai.... Mager yakin to hai  zindagi  kam hi  sahi.
Kuch nahi hai.... Mager yakin to hai zindagi kam hi sahi.
Rekha Rajput
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
Fool's Paradise
Fool's Paradise
Shekhar Chandra Mitra
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
लोकतंत्र बस चीख रहा है
लोकतंत्र बस चीख रहा है
अनिल कुमार निश्छल
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सिंदूरी भावों के दीप
सिंदूरी भावों के दीप
Rashmi Sanjay
Don't bask in your success
Don't bask in your success
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
लिबास दर लिबास बदलता इंसान
लिबास दर लिबास बदलता इंसान
Harminder Kaur
Loading...