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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
422 posts
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जिन्दगी ख़ास है
जिन्दगी ख़ास है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फूलों सी प्यारी हो मुस्कान सदा
फूलों सी प्यारी हो मुस्कान सदा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
असर बुरा है
असर बुरा है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर शख्स चोर है
हर शख्स चोर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पागलपन में खो गया
पागलपन में खो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुस्किल में संसार
मुस्किल में संसार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूखी डाली पतझड़ से पूछती
सूखी डाली पतझड़ से पूछती
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अल्फ़ाज़ अखर गए
अल्फ़ाज़ अखर गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे
पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपना कौन है
अपना कौन है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूखी शाखाएँ
सूखी शाखाएँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हक हम पर जताया कर
हक हम पर जताया कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विकास का झाड़ू
विकास का झाड़ू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोली
गोली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोली
गोली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काम कब आया
काम कब आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चारपाई
चारपाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लता अब न पैदा होगी धरा पर
लता अब न पैदा होगी धरा पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
देखा करीब से
देखा करीब से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पल दो पल ही पास तो बैठो
पल दो पल ही पास तो बैठो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करवटें बदल बदल
करवटें बदल बदल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इस कदर छा गए
इस कदर छा गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या से क्या हो गया
क्या से क्या हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शर्म हया खो गई
शर्म हया खो गई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं समझा नहीं
मैं समझा नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या दौर है
क्या दौर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मस्तियाँ
मस्तियाँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अजनबी रात भर
अजनबी रात भर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मकर-संक्रांति
मकर-संक्रांति
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत बुरा हाल घर का
बहुत बुरा हाल घर का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर का पानी नमकीन है
शहर का पानी नमकीन है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भीड़ में अकेला
भीड़ में अकेला
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहले वाली शाम नहीं
पहले वाली शाम नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़मीर सो गया
ज़मीर सो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रीत निराली है
रीत निराली है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रुका रुका सा छोर है
रुका रुका सा छोर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल को रुला गए
दिल को रुला गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चले आओ अभी सांस बाकी है
चले आओ अभी सांस बाकी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पास शमशान है
पास शमशान है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खड़ा नजर आया
खड़ा नजर आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसी हवा चली
कैसी हवा चली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिगर में बसा लो
जिगर में बसा लो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मौत के मुँह में जाते बच गए
मौत के मुँह में जाते बच गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंदाज बदला है
अंदाज बदला है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बदनाम हो गया
बदनाम हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल की बताते हो नही
दिल की बताते हो नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मौसम बदला बदला सा
मौसम बदला बदला सा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग्रन्थों का सार है गीता
ग्रन्थों का सार है गीता
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खास वजह नही है
खास वजह नही है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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