Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2022 · 1 min read

बहुत बुरा हाल घर का

**बहुत बुरा हाल घर का**
*********************

बहुत बुरा हाल है घर का,
खाली पड़ा हाल है घर का।

हैं तोड़ते नींव आलय की,
नहीं बचा माल है घर का।

क्यों रोकते राह राही की,
नहीं रहा ढाल है घर का।

करे भला कौन कोशिश सी,
लगा हुआ जाल है घर का।

दिखे जहां शून्य मनसीरत,
किसे लगा ख्याल है घर का।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुबह-सुबह वोट मॉंगने वाले (हास्य-व्यंग्य)
सुबह-सुबह वोट मॉंगने वाले (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
बाल विवाह
बाल विवाह
Mamta Rani
आँखे नम हो जाती माँ,
आँखे नम हो जाती माँ,
Sushil Pandey
■ मुफ़्तखोरों और जुमलेबाज़ों का मुल्क़।
■ मुफ़्तखोरों और जुमलेबाज़ों का मुल्क़।
*प्रणय प्रभात*
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
*दर्शन शुल्क*
*दर्शन शुल्क*
Dhirendra Singh
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
Dr MusafiR BaithA
"तेरी खामोशियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ख़ामोशी
ख़ामोशी
कवि अनिल कुमार पँचोली
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
कवि रमेशराज
हाँ मैं व्यस्त हूँ
हाँ मैं व्यस्त हूँ
Dinesh Gupta
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
आज हैं कल हम ना होंगे
आज हैं कल हम ना होंगे
DrLakshman Jha Parimal
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
Ram Krishan Rastogi
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
VEDANTA PATEL
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
ये कैसा घर है. . . .
ये कैसा घर है. . . .
sushil sarna
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चतुर लोमड़ी
चतुर लोमड़ी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...