Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2022 · 1 min read

ग़ज़ल

******** माँ ********
*******************

किस मिट्टी की बनाई माँ,
हर मर्ज़ की दवाई माँ।

सीने है जिन्हे लगाती वो,
करते बेटे पराई माँ।

आँचल माँ का निराला है,
सारी खुशियाँ समाई माँ,

गम खा कर मनाती झट,
रूठी जो ना मनाई माँ,

परबत सी पीर सहती है,
रहती पीड़ा छिपाई माँ,

विपदा में हैं बुलाते सब,
दो पल भी ना बुलाई माँ।

मनसीरत बाल ना बांका,
होती गर्म सी रज़ाई माँ।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
Sanjay ' शून्य'
★
पूर्वार्थ
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shweta Soni
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़िद..
ज़िद..
हिमांशु Kulshrestha
वह बचपन के दिन
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
भूरा और कालू
भूरा और कालू
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नदी तट पर मैं आवारा....!
नदी तट पर मैं आवारा....!
VEDANTA PATEL
जीवन में सफल होने
जीवन में सफल होने
Dr.Rashmi Mishra
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
DrLakshman Jha Parimal
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
2303.पूर्णिका
2303.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
Vaishaligoel
राजनीती
राजनीती
Bodhisatva kastooriya
*धन्य-धन्य वे लोग हृदय में, जिनके सेवा-भाव है (गीत)*
*धन्य-धन्य वे लोग हृदय में, जिनके सेवा-भाव है (गीत)*
Ravi Prakash
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
umesh mehra
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
Shashi kala vyas
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
sushil sarna
ख्याल........
ख्याल........
Naushaba Suriya
दिसम्बर की सर्द शाम में
दिसम्बर की सर्द शाम में
Dr fauzia Naseem shad
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...