Rashmi Sanjay Language: Hindi 200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Rashmi Sanjay 6 Jul 2022 · 1 min read फैल गया काजल गाती रही कोयल देर तक गीत शोरगुल से दूर.. वाह वाह करती रहीं किरणें.. बदलते रहे तरूवर अपनी चाल, मलय भी दाद देता रहा बार-बार रंग बदलते रहे चेहरे के... Hindi · कविता 3 2 362 Share Rashmi Sanjay 1 Jul 2022 · 1 min read मायके की धूप रे आज ऑंगन द्वार ताके देहरी को कौन लीपे है बहुत मजबूर अपनी कल्पना के रूप रे। मन उचक कर फिर बुलाता मायके की धूप रे।। कौड़ियों–गुट्टों के ऊपर छा सा... Hindi · गीत 2 2 230 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2022 · 1 min read सास-बहू बहुत कुछ साझा था उनके बीच ! इच्छाओं के ... टुकड़ों के दर्द... उम्मीदों की मुस्कराहट चलचित्र सा चलते रहने वाला... चिड़चिड़ा अतीत दिव्यांग मन के अनमने भाव उन दोनों... Hindi · कविता 1 683 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2022 · 3 min read 'स्मृतियों की ओट से' जब मेरी सबसे 'पुरानी' और 'पहली' सखी 'भावना' ने (कक्षा ग्यारहवीं से मित्रता थी) मैसेज किया, "आजकल कहां गुम हो रश्मि?" तो मन छ्लछला उठा। 50 वर्ष की उम्र में... Hindi · संस्मरण 2 4 219 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2022 · 3 min read पुस्तक -कैवल्य की परिचयात्मक समीक्षा कैवल्य (कविता-संग्रह) – डा. अंजना टंडन प्रथम संस्करण : 14 सितम्बर 2019 बोधि प्रकाशन सी-46, सुदर्शनपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन, नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर -302006 दूरभाष -0141-4041794 ईमेल:bodhiprakashan@gmail.com मुद्रक :... Hindi · पुस्तक समीक्षा 2 804 Share Rashmi Sanjay 22 Jun 2022 · 3 min read शैशव की लयबद्ध तरंगे मेरी याददाश्त बचपन से बहुत तेज थी। चार-पाॅंच वर्ष की अवस्था में मैं बहुत खबूस थी। अबोध और विस्मय से भरी खाने पीने की दुनिया मुझे सदैव आकर्षित करती रहती... Hindi · संस्मरण 1 322 Share Rashmi Sanjay 21 Jun 2022 · 1 min read दुनिया वो बेरोजगारी के ख्वाबों की दुनिया लरजते सिसकते इरादों की दुनिया वो सांसे थी अंतिम ये जीवन शुरू था धुएं से भरी थी बुरादों की दुनिया ना पूछो कि किससे... Hindi · ग़ज़ल 3 2 384 Share Rashmi Sanjay 16 Jun 2022 · 3 min read पुस्तक समीक्षा उड़ मन पाखी – कविता संग्रह कवयित्री – विजया गुप्ता सहज प्रकाशन 113- लालबाग गांधी कालोनी, मुजफ्फरनगर प्रथम संस्करण – 2019 मुद्रक : पब्लिश प्वाइंट – मुजफ्फरनगर मूल्य : 300... Hindi · Book Review 2 888 Share Rashmi Sanjay 11 Jun 2022 · 1 min read इतना न कर प्यार बावरी खूब प्रणय ने आज जताया अंर्तमन अधिकार साॅंवरी। समझाते प्रियतम यह कहकर इतना मत कर प्यार बावरी।। सजल प्रतीक्षित नयन मिले हैं राहें ऑंख बिछाये हैं। अनुभव से ज़ख्मी ऑंखों... Hindi · गीत 3 2 472 Share Rashmi Sanjay 6 Jun 2022 · 1 min read मन की बात 'मन की बात ' आजकल के माहौल को देखते हुए मेरे मन में यह विचार आया तो अभिव्यक्ति की इच्छा बलवती हो गई। आजकल इतनी अच्छी पुस्तकें छप रही हैं,... Hindi · लेख 2 412 Share Rashmi Sanjay 27 May 2022 · 1 min read 'बेटियाॅं! किस दुनिया से आती हैं' ममता के सदन में किलकारियाॅं भर जाती हैं। अपनी नव-चेतना से दुश्वारियाॅं हर जाती हैं। रौनक से घर को भर, हॅंसती-खिलखिलाती हैं। बेटियाॅं भी जाने किस दुनिया से आती हैं।।... Hindi · कविता 4 8 367 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read आज फिर रात को देकर चले हैं, चंद सपने आज फिर। कुछ महकते याद आये, मुझको अपने आज फिर। मैं अकेले क्या चलूँगी, रुक गई इक मोड़ पर। लौट कर आओ कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 274 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read प्रेम बहुत सहजता से तुम्हारे थरथराते हाथों को थाम लेना.. तुम्हारी नज़दीकियों से अपने सपने रच देना! और तुम्हारी हर आहट पर.. अपनी असंयत धड़कनों को सॅंभालना! कितना अद्भुत है न... Hindi · मुक्तक 1 409 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read मूक प्रेम वो मेरी हथेली पर.. अपनी उंगलियों से.. अपना नाम लिखता रहा! छलकती रहीं छिपी ऑंखें.. और मूक प्रेम.. दृढ़ता के साथ.. सॅंवरता रहा! स्वरचित रश्मि लहर Hindi · मुक्तक 4 2 311 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read साथ तुम्हारा थोड़ी देर का साथ तुम्हारा वो आतुर नज़रों का पहला परिचय.. एक अन्जानी सी खुशबू का अंर्तमन पर छा जाना! अधरों का चुपके से.. अपरिमित प्रेम का कोना पकड़कर, शुकराना... Hindi · मुक्तक 4 359 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read विरह का सिरा उत्खनन कर बैठी मैं नि:शेष खोजे अनगिन अवशेष पर लुप्त रहा हर सिरा अपने विरह का स्वरचित रश्मि लहर Hindi · मुक्तक 2 443 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read चौंक पड़ती हैं सदियाॅं.. रोज आती है गौरैया तुम्हारा संदेश लेकर और खिलखिला पड़ते हैं प्रसून.. वक्त बेवक्त.. रोज मुस्करा देती है प्रतीक्षा.. मुझे देखकर! यूं ही रोज गा उठती है सरगम बेवजह कोयल... Hindi · कविता 4 4 341 Share Rashmi Sanjay 23 May 2022 · 1 min read एक प्रेम पत्र यर्थाथ के चमकते पन्ने पर.. उड़ेल देना अनकहे.. सारे हालात! कुछ अपनी चिंताएं कुछ मुझसे जुड़े सवालात.. तनिक मीठी.. थरथराती.. लजाती सी कल्पना.. और ठहाके लगाता हुआ.. अपने रिश्ते का... Hindi · कविता 4 2 384 Share Rashmi Sanjay 22 May 2022 · 5 min read पुस्तक समीक्षा -एक थी महुआ पुस्तक -‘एक थी महुआ’ लेखिका-सविता वर्मा ‘ग़ज़ल’ ISBN978-93-80835-74-0 प्रकाशक -आरती प्रकाशन साहित्य सदन, इन्दिरा नगर-2, लालकुऑं, जिला नैनीताल -262402 email-asha.shaili@gmail.com पुस्तक-एक थी महुआ (कहानी संग्रह) लेखक-सविता वर्मा 'ग़ज़ल' सर्वाधिकार-लेखक के... Hindi · पुस्तक समीक्षा 1 539 Share Rashmi Sanjay 13 May 2022 · 1 min read सादगी की बात करें चमक-धमक से परे सादगी की बात करें हाथों में हाथ डाल, दोस्ती की बात करें उखड़ती-ठहरती साॅंसें रूक रहीं बेकल जरा लग जाओ गले तिश्नगी की बात करें ऊॅंचे भवन... Hindi · कविता 237 Share Rashmi Sanjay 12 May 2022 · 2 min read 'तुम भी ना' मैं पिछले कुछ दिनों से अजीब हरकतें करने लगी थी, कभी बार-बार चहलकदमी करने लगती तो कभी भविष्य की चिंता में फूट-फूट कर रो पड़ती। मेरे कानों में शिल्पम की... Hindi · कहानी 2 2 475 Share Rashmi Sanjay 5 May 2022 · 1 min read 'मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे' मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे। हिल गया था ये आंचल कभी ज़िक्र पर, जब अदब से मुझे याद तूने किया। तेरी यादों में बस मेरी तस्वीर थी,... Hindi · कविता 3 6 271 Share Rashmi Sanjay 1 May 2022 · 1 min read एक मजदूर एक कर्मठ और सृजनशील मजदूर नहीं मनाता मजदूर दिवस वो लीन रहता है अपने दैनिक कर्मों में निरंतर.. निर्मित कर देता है भवन, बगीचा, अनेक यंत्र, नहीं करता है षडयंत्र,... Hindi · कविता 3 4 479 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 1 min read 'माँ मुझे बहुत याद आती हैं' जब तरल सुबह, तपती बातें, मन उद्वेलित कर जाती हैं। होठों पर स्मित सजल लिये, माँ मुझे बहुत याद आती हैं।। पक्षी कलरव और पत्तों संग, सड़कें सजती-सुसताती हैं। तब... Hindi · कविता 2 4 283 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 1 min read मुसाफिर चलते रहना है तुम्हें बस चलते रहना है। मुसाफिर चलते रहना है।। ये मन काॅंपे या डर जाए या तूफां से सिहर जाए मिले ऑंधी भी पथ पर या अंधेरा दिन में घिर... Hindi · कविता 1 296 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 3 min read समीक्षा -'रचनाकार पत्रिका' संपादक 'संजीत सिंह यश' 'रचनाकार प्रकाशन' द्वारा प्रकाशित साहित्य और संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका (जनवरी माह, 2022), जिसके प्रधान संपादक आदरणीय 'संजीत सिंह यश' जी हैं, जब ऑंखों के सामने आई तो मन सहसा... Hindi · पुस्तक समीक्षा 4 4 1k Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 2 min read पुस्तक समीक्षा-"तारीखों के बीच" लेखक-'मनु स्वामी' पुस्तक समीक्षा-"तारीखों के बीच" लेखक-'मनु स्वामी' मन के साथ-साथ पलकें भी सजल हो पड़ीं, जब "तारीखों के बीच" पुस्तक हाथों में आई...एक अनदिखा अपनापन अनायास ही हाथों से लिपट गया।... Hindi · पुस्तक समीक्षा 2 2 728 Share Rashmi Sanjay 24 Apr 2022 · 1 min read 'याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 17 785 Share Rashmi Sanjay 22 Apr 2022 · 1 min read मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ.. मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ.. मेरी आँखों से उलझा जो.. आँसू! उसको बहला जाओ । मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ।। जो तेरे साथ बिताए क्षण, वो आज हुए स्मृति के कण ।... Hindi · कविता 2 2 233 Share Rashmi Sanjay 12 Apr 2022 · 1 min read 'प्रिय! नैनो ने चुन लिया तुम्हें' प्रिय नैनो ने चुन लिया तुम्हें छू लिए तुम्हारे चरण रहा नहीं बाकी फिर कोई मिलन साँसों ने कर लिया भावों का सत्कार परोस दिया इच्छाओं के व्यंजन का थाल... Hindi · कविता 1 2 207 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read बहुत सूनी ये होली है प्रिये इस बार आ जाओ, बहुत सूनी ये होली है बनो रंग मुझपे छा जाओ, बहुत सूनी ये होली है। सुधि बनकर वधू बैठी सजी सपनों की डोली में समेटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 138 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read धूप पूजती पाॅंव धरा के सप्तर्षि का कंगन पहने अंबर कुछ मुस्काता है। धीमे-धीमे, सॅंवर-सॅंवर कर चंद्र किरण बिखराता है।। धूप पूजती पाॅंव धरा के जलधि प्रणाम सुहाता है।। डोल-डोल कर मलय प्रफुल्लित सरगम गान... Hindi · कविता 259 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read 'ऑंखें छलक रही हैं' ऑंखें छलक रही हैं, सपनों की जान लेकर तुमको भी क्या मिला है ये इम्तेहान लेकर किस आग ने किया है इस चांदनी को पीला अब चाँद भी दुःखी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 131 Share Rashmi Sanjay 22 Mar 2022 · 1 min read 'पुकारो कलम से कोई मीत साथी' डुबो दो खुशी में, लिखो न उदासी। तुम्हें फिर है लिखना कोई गीत साथी।। भरो भावनाएं अलंकृत करो नेह, पुकारो कलम से कोई मीत साथी।। पुकारो कलम से कोई मीत... Hindi · कविता 163 Share Rashmi Sanjay 22 Mar 2022 · 1 min read जल को व्यर्थ बहायें क्यों! आओ हाँथ बढ़ा कर हम सब, जल को एकत्रित कर लें। खेत और खलिहान की भावी पीढ़ी को चित्रित कर लें। मिलें भरे घट, जल-असुवन से, सलिला कहीं मिले निष्ठुर।... Hindi · कविता 329 Share Rashmi Sanjay 2 Mar 2022 · 9 min read अनोखा प्रेम "सुनिए अनमोल जी!" मेरे कानों में जैसे ही आवाज पड़ी, मैं थरथरा उठी ... वहीं जम गये मेरे पैर, जड़ सी हो गई मैं । आप ! आपकी आवाज !... Hindi · कहानी 1 2 319 Share Rashmi Sanjay 12 Feb 2022 · 1 min read प्रेम भरी पाती प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं जली नेह से मन बाती तेरी... Hindi · कविता 224 Share Rashmi Sanjay 8 Feb 2022 · 1 min read अंधेरे की चीख़ अक्सर जब अकेला अंधेरा.. कसमसा कर चीख पड़ता है.. तब चौंक पड़ती हैं ऑंखों की पुतलियाॅं फिर अनिवार्य रूप से सक्रिय हो उठते हैं अंर्तभाव! और उलझ पड़ते हैं शब्दों... Hindi · कविता 1 328 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2022 · 1 min read क्षितिज भर व्यथा ना दिल में गम, न बेताबी, ये कैसी है सजा देखो । हंसाती भी, रूलाती भी, मुहब्बत की अदा देखो ॥ था ये इसरार ख्वाबों का, मिलन की रात को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 269 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2022 · 1 min read कुछ आवाजें कभी मर नहीं सकतीं एक वो आवाज़, जिसे बचपन की लोरी में गुथा पाते थे, जिसे मां की गुनगुनाहट सहेजे रहती थी, जिसकी मधुरता आंचल से छनकर आती धूप की तरह सुख देती थी,... Hindi · लेख 1 213 Share Rashmi Sanjay 5 Feb 2022 · 1 min read फिर ऋतुराज कनखियों देखें.. चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 2 395 Share Rashmi Sanjay 1 Feb 2022 · 1 min read मुझको जाना पड़ेगा वज़्म में, उसका दुशाला ..ओढ़ कर जाना पड़ेगा बाद मुद्दत तल्खियों को छोड़ कर जाना पड़ेगा थी मोहब्बत भी कभी, नज़रें बता देंगी उसे सामने उसके, मुझे मुॅंह मोड़ कर... Hindi · मुक्तक 2 426 Share Rashmi Sanjay 17 Jan 2022 · 1 min read समझौता जीवन के हर एक क्षण से समझौता हम करते आए! पर पीड़ा उर मे ढाँपे विस्मृत खुद को करते आए!! पड़ा सीखना प्रबल गति की आशा को बंधन देना! अपनो... Hindi · कविता 196 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'मीठी साँझ जगाये रखना' खुद पर आँख लगाए रखना अपनी बात बचाए रखना दौर बुतों संग जीने का है हर पल शीश झुकाए रखना बाँटों लंगर जी भर-भरके थाली एक सजाये रखना चेहरा गीला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 229 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'अनोखा रिश्ता' रिश्तों पे ठिठकी फ़क़त उलझने थी! ना वो तुम रहे थे ना वो मैं बची थी!! कभी जो थी तेरी ये स्मित अकेली नयन बिन थे सपने नमी इक सजी... Hindi · कविता 446 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read प्रेम लजाये चेहरे पर! विश्वास की आभा खुशियाँ भर रौनक ढ़लकाये चेहरे पर! तुम साथ रहो इक दूजे के बस प्रेम लजाये चेहरे पर!! अकसर मीठे एहसास तेरे चुप अधरों पर दिख जाते हैं!... Hindi · कविता 403 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'दोस्तों की याद में' यादों भरी फिर सुबह आ रही है.. ये बारिश नयन को डुबो जा रही है.. वो मुस्कान खुद की, वो बातें..वो किस्से! वो परछाईं बनते थे लगते फ़रिश्ते! अकेले भला... Hindi · कविता 223 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'छूना कुछ नज़ाकत से' अगर शब्दों से भी छूना तो छूना कुछ नज़ाकत से बड़ी बारीक यादें है मिली दिल को विरासत में नहीं हैं डर प्रलय का भी मोहब्बत हो गई जब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 390 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'था वो एक ज़माना' था वो एक ज़माना! बस अपना ख़ज़ाना!! वो आसक्ति उन्मुक्त हो के जताना! वो टीका लगा के लजाना लुभाना!! वो जी भर के आँसू से बातें बताना! था वो एक... Hindi · कविता 2 4 498 Share Rashmi Sanjay 10 Jan 2022 · 1 min read साठ की पदचाप! फिर से ना छेड़ो प्रिय आयु की बात.. सुनने दो मुझको साठ की पदचाप! सुनते रहे अबतक सबकी हर बात.. यादों के लम्हात.. उलझे बात बे बात.. चांदी भी सिमट... Hindi · कविता 2 2 301 Share Previous Page 2 Next