पंकज कुमार कर्ण Tag: कविता 172 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next पंकज कुमार कर्ण 10 Oct 2021 · 1 min read 🙏माँ कूष्मांडा🙏 "माँ कूष्मांडा" ****🙏*** जय जय मां 'दुर्गे', जय माता 'जगदम्बा'; चौथी नवरात्रि बनी, तू ही मां 'कूष्मांडा'; चारों ओर ही पसरा था जब , घोर 'तम'; माता तब तूमने ही... Hindi · कविता 6 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 9 Oct 2021 · 1 min read 🙏देवी चंद्रघंटा🙏 "देवी चंद्रघंटा" ****🙏**** हे माता 'जगदम्बे', हे 'चित्तरूपा'; तू है,मां दुर्गा की तीसरी स्वरूपा; माथे पर तेरे, अर्द्धचंद्र सुशोभित; दैत्य,दानव तूझसे रहे विक्षोभित; तू ही कहलाती मां, देवी चंद्रघंटा; हर... Hindi · कविता 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 8 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता ब्रह्मचारिणी🙏 🌷माता ब्रह्मचारिणी🌷 ********🙏******** जय जय जगजननी , जय जगधारिणी; तू मां दुर्गा की द्वि स्वरूपा ब्रह्मचारिणी। तुम तपस्विनी, नहीं तेरी कोई सवारी है; तुम तो माता, सारे जग को ही... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 7 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता शैलपुत्री🙏 माता शैलपुत्री *****🙏***** मां नवदुर्गे की,तू ही है पहली रूप; करे तेरी आराधना,रंक हो या भूप। तू है, सारे जग की माता महारानी; बने तू सदा, भोले शंकर की रानी।... Hindi · कविता 9 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read भारत के 'लाल' *भारत के लाल* °°°°°°°°°°°°°°°°°° हे! निज भारत के 'लाल'; तुम ही, सच्चे 'बहादुर' थे; उस वक्त तूने देश संभाला, जब हो चुके, कई भूल थे। 'काशी' के थे, तुम वासी;... Hindi · कविता 5 2 743 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read "प्यारे मोहन" "प्यारे मोहन" °′°°°°°°°°°°° 'प्यारे मोहन' तूने ये क्या कर डाला, क्यों तुमने, तभी ऐसी बीन बजाई; 'धरा' आधा ले गया , जिन्न हरजाई; फिर कोई, ऐसा चक्र चलाया होता; अखंड... Hindi · कविता 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 1 Oct 2021 · 1 min read बापू को क्यों मारा.. बापू को क्यों मारा.. ************** माना तुम्हें , मातृभूमि प्यारी थी; छीन गई, इसकी कई क्यारी थी; तूने आखिर, बापू को क्यों मारा; क्या यही इंसानियत तुम्हारी थी। वो तो... Hindi · कविता 4 844 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read "चांद तो हमारा है" "चांद तो हमारा है" ************ चांद तो, अब से हमारा है; हमको ये , बहुत प्यारा है; हम इसे, सदा खूब देखते; ये भी हमें, चांदनी फेकते। अमावस , जब... Hindi · कविता 3 6 691 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Sep 2021 · 1 min read "रचना प्रांजलमय लगे" "रचना प्रांजलमय लगे" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 'कवि', जब-जब लिखते है; पूरा राष्ट्र , उससे सीखते हैं; लेखन में , देशहित दिखता; या , सामाजिक मुद्दा होता। अब ना, किसी का लक्ष्य है;... Hindi · कविता 3 6 558 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Sep 2021 · 1 min read घमंडी *घमंडी* (विजेता दर्शन) मैं.......................................हूं .तुम...............................नहीं. ...तरह.........................तरह... .....यही......................बात..... .......सदा ................कही....... .........जरा ............सोच......... .............मत........बन............ ..................घमंडी................. स्वरचित सह मौलिक ......✍️पंकज कर्ण; ..............कटिहार। तिथि: २६/९/२०२१ Hindi · कविता 3 362 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Sep 2021 · 1 min read "भारत जननी है जग की" "भारत जननी है जग की" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 'भारत' जननी है, इस जग की; जैसे रवि राजा हैं, पूरे नभ की। 'भारत' सा देश ना मिले दुबारा, पर गैरों को, लगे नहीं... Hindi · कविता 3 710 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read "श्री अनंत चतुर्दशी" *श्री अनंत चतुर्दशी* **************** भाद्र मास , शुक्ल-पक्ष, और तिथि चतुर्दशी; करो पूजा श्री अनंत की, जीवन में हो खुशी। हर संकट से सदा, भगवान श्री अनंत निवारे; ये ही... Hindi · कविता 5 8 934 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read अधिवक्ता *अधिवक्ता* ___________ अदालत की यही तो, शान है; इनकी अलग ही , पहचान है। पहनते ये गले में, उजली बैंड; ये है, पुरानी बैरिस्टरी का ट्रैंड। शरीर पर होती है,... Hindi · कविता 4 1 701 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Sep 2021 · 2 min read "सब कुछ रेडिमेड है" *सब कुछ रेडिमेड है* ****************** जहां सूट, पैंट व बनता था कुर्ता, उस टेलर में ही लगा अब शेड है; दर्जी को, अब सीने से परहेज है; सब पहनता सब... Hindi · कविता 6 6 844 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" (हिन्दी दिवस पर विशेष) "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° नीचे धरती, ऊपर अम्बर; देखो, फिर आया 14 सितम्बर। बंगाली बोले, तमिल बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, और बोले आज सिन्धी; हैप्पी... Hindi · कविता 9 7 964 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' (हिन्दी दिवस के सुअवसर पर) रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' *********************** रोती 'हिंदी', बिलखती 'भाषा'; टूट रही अब, जन-मन की आशा; कौन बचाएगा, अपने 'हिंदुस्तान' को, सोए हुए देश-भक्ति के, अरमान को।... Hindi · कविता 4 885 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 2 min read "हिंदी की दशा" हिंदी दिवस के सुअवसर पर एक कविता °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "हिंदी की दशा" ************ भटकती आत्मा देखो, हिंदी की, आज; 14 सितंबर को, फिर प्रकट हुई। दिवस मनाने की, आनन- फानन में,... Hindi · कविता 3 833 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ (हिंदी दिवस पर विशेष) *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जो भी करे, निज मात-पिता से प्यार; वह हिंदी पर , कभी भी ना करे प्रहार; हिंदी ही सदा , राष्ट्र में... Hindi · कविता 7 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *कलम को हम पूजते* ️️ *कलम को हम पूजते* ?️?️?️?️?️?️ कलम को , हम सब पूजते; कलम हमारा , अस्त्र भी है; यही तो , हमारा शस्त्र भी है; इसकी शक्ति , अपरंपार है; यह... Hindi · कविता 5 375 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Sep 2021 · 1 min read "पुलिस" "पुलिस" ****** इसकी होती,एक अच्छी सी वर्दी; सर पर टोपी है , कंधों पे है स्टार; किसी संकट में , ना माने ये हार; चुस्त- दुरुस्त रहता है , यह... Hindi · कविता 4 527 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Sep 2021 · 1 min read "आदित्य-उदय" "आदित्य-उदय" ???? जग जा रे , हे जन-मानस; होने वाला है, "आदित्य-उदय" सोयेगा तो , सब कुछ खोएगा; तन-मन भी तेरा , तब रोयेगा। नित्य , प्रथम - प्रकाश से... Hindi · कविता 7 2 836 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर ***/*****/********/***** जो भी जीवन के हर गूढ़ सिखाता; साथ- साथ हमें , ज्ञान से नहलाता; वह जन सदा, 'गुरु' की संज्ञा पाता; इसके पास ही ,... Hindi · कविता 6 4 513 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read 'गुरु' (शिक्षक दिवस पर विशेष) 'गुरु' ***** नित्य जाओ , घर से गुरुजन तक; ज्ञान पाओ,बचपन से यौवन तक। अच्छे शिष्य बनो , पूरे जीवन तक; सदा शीश झुकाओ,गुरुकदम तक। माता-पिता से मिले , घर... Hindi · कविता 6 589 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Sep 2021 · 1 min read देखो, फिर आई है 'बाढ़'... देखो, फिर आई है 'बाढ़'... ⭐⭐⭐⭐⭐⭐ देखो, फिर आई है 'बाढ़'; आखिर क्या करती ये सरकार, सिर्फ लूट-खसोट मचती हर-बार, देखो, फिर आई है 'बाढ़'; हवाई सर्वेक्षण का लेते सदा... Hindi · कविता 4 439 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Sep 2021 · 1 min read "समावेशी कविता" *समावेशी कविता*(पहाड़ी दर्शन) >>>>> समावेशी, कविता होती, कभी कहानी रूप, कभी लेख की छाया, इसकी नही कोई काया, कभी कोई ,दुखरा होता है; किसी गद्य का , टुकड़ा होता; लूम-... Hindi · कविता 3 742 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Aug 2021 · 1 min read "कृष्णा" (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष) *कृष्णा* ⭐⭐⭐ 'मथुरा' के , जेल में जन्मे; देवकी के, 8 वें संतान ये; 'वासुदेव' पिता थे, इनके; बाद में बन गए, श्याम ये। यशोदा-नंद ने, इन्हें पाला, गोकुल बना... Hindi · कविता 6 4 822 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ऐसा मंजर होगा" *ऐसा मंजर होगा* ************** एक दिन, ऐसा मंजर होगा; जगह -जगह पर घर होगा, आगे, अनजाना डगर होगा, हवा ही , सस्ता जहर होगा; ऐसे बसा हुआ, शहर होगा। एक... Hindi · कविता 5 3 831 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read *नई शिक्षा नीति और बिहार* *नई शिक्षा नीति और बिहार* ************************* जब आप ,नई शिक्षा नीति बना रहे थे; यहां शिक्षक, न्याय हेतु गिरगिरा रहे थे; तब, शिक्षा सुधारवादी प्रवक्ता कहां थे; उच्च से जीती... Hindi · कविता 3 1 535 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read "शिक्षा नीति और शिक्षक" "शिक्षा नीति और शिक्षक" ******************** देखो, यह समान शिक्षा प्रणाली; बिहारी शिक्षक को, मिले गाली। बच्चों का हो, सर्वांगीण विकास; गुरुजन का हो, सदा ही उपहास। गुरू बिन, मिलता था... Hindi · कविता 4 4 683 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "राखी" (रक्षा-बंधन पर विशेष) "राखी" ****** रंग- बिरंगी होती सब राखी; बहनों को खूब , भाती राखी; चंद पैसों में ही, आती राखी; बहन का प्रेम, जताती राखी; बहन चाहे , भाई की भलाई;... Hindi · कविता 6 2 833 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Aug 2021 · 1 min read "गदहा" "गदहा" ****** सीधा साधा, गदहा बेचारा; मुंह न कभी काम से मोड़े। पीठ पर ही बोझा उठाये ; और अपने काम से ये , कभी भी ना घबराये, सब इसको... Hindi · कविता 5 643 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Aug 2021 · 1 min read ??आजादी?? (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष) "आजादी" ?????? मिली हमें यह देश, शहीदों के वारिस में; फिर मिली आजादी, सन सैंतालीस में। इस देश पे कुर्बान, हुए जब लाखों वीर; तब ही टूटी हमारी, दासता की... Hindi · कविता 7 3 473 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "साहित्यिक विधा की महिमा" " साहित्यिक विधा की महिमा" ••••••••••••••••••••••••••••••• किसी पर 'कविता' का असर है , किसी पर असर है 'कहानी' का। कहीं, किसी 'छंद' का असर है; तो कहीं, असर अंतर- द्वंद... Hindi · कविता 7 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "क्षमता वाला परिणाम" "क्षमता वाला परिणाम” ********************* "बेचारे उसका क्या होगा" जो छुपे रुस्तम होते थे, हर परीक्षा परिणामों में, सभी बोर्ड के नतीजों में अचानक जो टॉपर बनते, जो दिखते नहीं थे... Hindi · कविता 11 2 956 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jul 2021 · 1 min read "पानी" "पानी" ****** पानी तो पसरा है , सारा जहां; पर,सबको पानी मिलता कहां। सब मिलकर पानी को बचाइए, हर प्यासे तक, पानी पहुचाइए। पानी को जरूर , शुद्ध कीजिए; शुद्ध... Hindi · कविता 7 2 892 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jul 2021 · 1 min read "बादल"️ "बादल" ☁️☁️ ये बादल, कहां से आता है; कभी मंडराता है, तो कभी, कहीं भी, बरस के जाता है, कभी ये , सूरज को छुपाता, कभी , सूरज से मिट... Hindi · कविता 7 2 678 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read "घर" "घर" ***** 'घर' सबको, प्यारा होता! ये सबका ही सहारा होता, 'घर'में ढूंढता, सब चैन है; घर में रुकता, सब रैन है। घर ही तो , आवास होता; यहीं, सबका... Hindi · कविता 9 4 480 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jul 2021 · 1 min read 'लोभ'और 'लालच' 'लोभ'और 'लालच' ०००००००००००० लोभ-लालच है ,'भाई सौतेला', एक की 'मम्मी' है , 'अहंकारी'; और दूसरे की भी है, 'दुराचारी'; दोनों ही है,' सौतन' अत्याचारी; इसके 'पापा' भी हैं , भ्रष्टाचारी;... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "बगुला-भगत" "बगुला-भगत" *********** चतुराई होती, चरम पार; इतने तेज इसके ,नयन; जैसे बगुला हो, इसकी बहन। बड़ों-बड़ों से होती, इसकी संगत, निपुणता से करे ये , सबकी आव-भगत। तब तो नाम... Hindi · कविता 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "अटपटा प्रावधान" "अटपटा प्रावधान" ****************** देखो, कैसा ये "अटपटा प्रावधान"; मिटा रहा देश से बुद्धि और ज्ञान। आया अब देश में देखो,ऐसा क्षण; दुखी है आज , हर एक ज्ञानी मन। तड़प... Hindi · कविता 7 5 625 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jul 2021 · 1 min read "अपना संविधान" "अपना संविधान" *************** अब, ना वेद, ना ही पुराण, ना बाईबल, ना ही कुरान, सबसे बड़ा, अपना संविधान। संविधान का, देखो खेल, ज्ञानी बेचे तेल, अज्ञानी पढ़े , अब फारसी,... Hindi · कविता 5 611 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jul 2021 · 1 min read "शिक्षक" "शिक्षक" ******** हम शिक्षक हैं , बच्चों के हम ही , असली रक्षक हैं। हममें होता ज्ञान, लेकिन नहीं होता, कोई अभिमान। बच्चें आशा रखते, ज्ञान पाने की हमसे, प्रत्याशा... Hindi · कविता 8 2 684 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jul 2021 · 1 min read "चापलूस" "चापलूस" ********* इसकी पूछो मत, कोई हाल; ये मनुष्य होता, बड़ा कमाल। इसका खास होता नही,नाम; बस होता वह थोड़ा बदनाम। काम करता, जिसके खातिर; वो भी होता, बड़ा ही... Hindi · कविता 7 2k Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 2 min read "प्रोन्नति" "प्रोन्नति" ⚡⚡ पढ़े लिखे हो या, हो कोई अनपढ़; पहले तो, नौकरी लेने को होते तत्पर, ज्यों ही मिलती उन्हें, कोई नौकरी; 'प्रोन्नति' पाने को, वो करे तब धरफर। एक... Hindi · कविता 6 2 685 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 1 min read "आबादी" "आबादी" ??? (विश्व जनसंख्यां दिवस पर विशेष) ?????????? पूरी आबादी को, मेरा प्रणाम; बढ़ती रहे जो सदा ,'जनसंख्या', ऐसे ही चढ़ती जाए, तब दाम; कारनामा हो किसी और का, पर... Hindi · कविता 9 5 741 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jul 2021 · 1 min read संस्कृतम् संस्कृतम् ********* संस्कार की जननी "संस्कृत", भाषाओं में पावनी "संस्कृत"। भाषा यह, भावों से अलंकृत; युगों-युगों से है, ये पुरस्कृत। संस्कृत है, हर भाषा का आधार; इसकी वाणी से गूंजे,... Hindi · कविता 8 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 6 Jul 2021 · 1 min read "घटना और दुर्घटना" "घटना और दुर्घटना" ?️?️?️?️?️ घटना, घटना सदा जरूरी होती है, हर घटने की कोई मजबूरी होती है। घटनों के घटने के भी, कई घटक होते है, घटनाें को घटाने हेतु... Hindi · कविता 6 6 790 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jul 2021 · 1 min read "शुतुरमुर्ग" "शुतुरमुर्ग" ??? बहुत ज्यादा शातिर होता, ये उड़ानरहित प्राणी, होती इसकी तीक्ष्ण दृष्टि, श्रवण शक्ति और घ्राणी। शायद देख-सुन और, सूंघ कर ही जान जाता, अब यहां आयेगा कोई, शक्तिहीन... Hindi · कविता 10 4 643 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jul 2021 · 1 min read "एक और दंगल" "एक और दंगल" ??________?? एक अमीर , दो को कर, गरीब; पता नही अब , वो जायेगा, किसके करीब। हम दोष दें, किसको आखिर, जब सामने हो, बड़ा शातिर। देख... Hindi · कविता 6 2 974 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jul 2021 · 1 min read "शुक्र है, वो चली गई"⭐ "शुक्र है, वो चली गई" ⭐⭐⭐⭐⭐⭐ जाना तो है,सबको एक दिन; सही समय पर वो चली गई। शुक्र है, वो चली गई। वो देख ना पाती, आज का खेला; वैसे... Hindi · कविता 6 4 507 Share Previous Page 3 Next