भूरचन्द जयपाल Tag: मुक्तक 218 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** नहीं बोल पाते *** नहीँ बोल पाते कब मिश्री घोल पाते बिनमोल बिक जाते कब तोल पाते ब्रत करवा- करवा पाते कब अपना बताओ ओर कब हम घर बोल पाते ।। ?मधुप बैरागी मादा... Hindi · मुक्तक 1 401 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** उड़ान *** उड़ान का क्या कहना पंछी कब अपनी हार मानता पंछी मुड़ - मुड़ कर कब देखता वो घोंसला अपना उड़ान का पंछी।। ?मधुप बैरागी हर्जाना हो चाहे मरजाना हो उससे... Hindi · मुक्तक 1 301 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read ** अभी बाकी है ** अभी बाकी है कुछ लम्हे मुझे ओर जीने दे क्या फ़र्क पड़ता है मुझे कुछ ओर पीने दे दरख्त भी सूखते हैं वक्त आने पर ऐ 'मधुप' जीना बहुत हुआ... Hindi · मुक्तक 1 445 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read ** माँ शारदे ** माँ शारदे माँ शारदे अब भव-तार दे मुझको अब नव संसार दे अज्ञान- तिमिर गहन -वन दावाग्नि - जीवन संवार दे ।। ?मधुप बैरागी बेकाबू है आज दिल अपना यारो... Hindi · मुक्तक 1 461 Share भूरचन्द जयपाल 5 Oct 2017 · 1 min read ** मेरे मासूक को ** मत मनहूश कह मेरे मासूक को दर्देदिल ना कह मेरे मासूक को बड़ा मासूम है मेरा दिलबर यारों दर्दे इल्ज़ाम ना दो मेरे मासूक को ।। क्या ख्वाब ले रही... Hindi · मुक्तक 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read आदमी जब अपने ही घर.. आदमी जब अपने ही घर में हार जाता है तब उसे हराना बाकी कब रह जाता है तब वह पार पाता है गैरों से किस क़दर वह अपने आप ही... Hindi · मुक्तक 1 412 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read *** नाम में रखा क्या *** आँख नम है तेरे नाम से ये क्या कम है मुहब्बत तुमसे तेरे नाम से ये क्या ग़म है मत रूठ वेवजह मुझसे मैं तेरा सदा से नाम में रखा... Hindi · मुक्तक 1 363 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read *** घुंध *** फैली है धुंध जीवन में साफ दिखलायी नहीं देता जिंदगी की हरियाली तक हमें जाने नहीं देता कहता है सेतु जीवन का धुंध के पार खुशहाली बन्धन मोहमाया का मगर... Hindi · मुक्तक 1 414 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read ** सच्चा प्यार नहीं ** घरबार बहुत द्वार बहुत है लेकिन सच्चा प्यार नहीं दौलत की भरमार बहुत है लेकिन कारोबार नहीं देखो सच्चा यार नहीं क्या दुनियां का व्यवहार यही भूख है जीवन जीने... Hindi · मुक्तक 1 438 Share भूरचन्द जयपाल 1 Oct 2017 · 1 min read ** मुझे शिद्दत से याद किसने किया ** आज फिर मुझे सिद्दत से याद किसने किया आज ग़म-ए-दरिया को प्यासा किसने किया हलक से निकली जुबां इस क़दर बाहर फिर आज दिल-ए-नाशाद को याद किसने किया।। ?,मधुप बैरागी... Hindi · मुक्तक 1 247 Share भूरचन्द जयपाल 16 Sep 2017 · 1 min read *** मेरा *** ख़्वाहिश थी तेरी या फिर सिर फिरा था मेरा बज़्म में आकर अक्सर नाम लेते थे जो मेरा मैं अक्सर तुम्हें समझ बैठा था जो अपना तो लोग कहने लगे... Hindi · मुक्तक 1 285 Share भूरचन्द जयपाल 15 Sep 2017 · 1 min read *** मत, भेद रखिए *** मतभेद रखिए मन भेद ना रखिए ज़िगर में जुदा हर शख्स है फिर भी रखिए ज़िगर में नज़र प्यार की रखिए जाइये ना फ़िगर पे मत,भेद रखिए इंसां के नाजुक... Hindi · मुक्तक 1 264 Share भूरचन्द जयपाल 14 Sep 2017 · 1 min read *** निजभाषा सम्मान *** एक उम्मीद है जगाई निजभाषा सम्मान हिंदी हिन्द की पहचान है मान- सम्मान आज बने एक से अनेक मंच निजभाषा कहो अहो एक सब हिंदी - हिन्द समान ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 428 Share भूरचन्द जयपाल 12 Sep 2017 · 1 min read *** बयां करना मुश्किल है *** ये अल्फाज़ो से बयां करना मुश्किल है ये रिश्ता दोस्ती का निभाना मुश्किल है दिल का दिल ही जाने अब हाल क्या है ये जुबां से बताना भी अब मुश्किल... Hindi · मुक्तक 2 219 Share भूरचन्द जयपाल 8 Sep 2017 · 1 min read *** मत सोच *** मत सोच अपनों के बारे में इतना पोच चलते चलते जब पांव में आ जाये मोच तब बहके कदमो को सम्भालता कौन अपने स्वार्थ से भरे होते है ना ऐसा... Hindi · मुक्तक 1 286 Share भूरचन्द जयपाल 5 Sep 2017 · 1 min read *** मुझे आना पड़ा *** भीड़ से हम दूर थे बहुत पर भीड़ में आना पड़ा होकर मज़बूर जो तेरे दर पर मुझे आना पड़ा रखना चाहा अपने ग़म को छुपाकर जमाने से मगर दस्तूर... Hindi · मुक्तक 1 325 Share भूरचन्द जयपाल 31 Aug 2017 · 1 min read ** नहीं कम किसी से हम ** ऐ चाँद तुझको फलक से ज़मी पर उतार लाएंगे हम मत दिखा तूं अपनी जादूगरी नहीं कम किसी से हम तुझको बना के छोड़ेंगे दिल से अपना हम हमसफ़र ये... Hindi · मुक्तक 1 343 Share भूरचन्द जयपाल 25 Aug 2017 · 1 min read ** भ्रमित कर रहा कान्हा ** 25.8. 16 दोपहर13.25 कैसे भ्रमित कर रहा कान्हा देखो जन्मदाता के हाथों-कान्हा देखो देखो कैसे मुदित हो रहा जगदाता त्राता भाग्यविधाता कान्हा देखो ।। ?,मधुप बैरागी ग़मज़दा हम हैं जिनके... Hindi · मुक्तक 1 388 Share भूरचन्द जयपाल 20 Aug 2017 · 1 min read *** जान-अनजान ,खमोश दर्द *** 18.8.17 **** दोपहर **** 3.51 तुम्हें क्या पता जान ये मुहब्बत अनजान रूह भी उलझ चुकी है मुहब्बत-अनजान इसे इश्क की मेहरबानी कहूं या उल्फ़त तेरा इश्क-इबादत हो गया है... Hindi · मुक्तक 1 267 Share भूरचन्द जयपाल 10 Aug 2017 · 1 min read ** मुहब्बत यूं बदनाम नहीं होती ** चाहत कभी गुमनाम नहीं होती राहे कभी सुनसान नहीं होती होती चाहत तेरे दिल में मेरी तो मुहब्बत यूं बदनाम नहीं होती ।। ?मधुप बैरागी ऐ सूरज ज़रा कैफियत बरत... Hindi · मुक्तक 1 222 Share भूरचन्द जयपाल 4 Aug 2017 · 1 min read ***** अब तो **** दिल टूट चुका है अब तो सब लुट चुका है अब तो कौन बचाये इस मंजर से बस दम टूट जाये अब तो ।। ?मधुप बैरागी है अख़्तियार-ए-मुहब्बत मुझको है... Hindi · मुक्तक 1 517 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jul 2017 · 1 min read *** भावनाओं पर किसका पहरा *** दिल आखिर दिल जो ठहरा भावनाओ पर किसका पहरा उम्र हसीनाओं की पूछना मत घाव करता हृदय पर गहरा।। ?मधुप बैरागी सावन सूखा जाये पिया अब सावन गीत सुनाने आजा... Hindi · मुक्तक 2 516 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2017 · 1 min read *** कुछ हसरतें *** कुछ हसरतें कुछ ख्वाहिसें दिल में बाकि है पूरा करें तो कैसे ना शराब है ना साकी है ।। ?मधुप बैरागी हम रोज नयी कविता गढ़ते हैं क्या दिल को... Hindi · मुक्तक 1 305 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** पगडण्डियां ललचाती *** चलो अब जीवन-पथ पर पगडण्डियां ललचाती है सपाट सड़क आम रास्ता सुगम कह पाती नज़ाकत या नफ़ासत से जीवन-पथ पर चलना निगाहें कब तलक आम से ख़ास हो पाती ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 173 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** प्यार तो आकृति से ही होता है ** कोई डगमगाता है तो कोई लड़खड़ाता है जीवन के रास्ते विद्रूप कब कोई सम्भल पाता है ।। ?मधुप बैरागी प्यार तो आकृति से ही होता है चाहे वह प्रकृति हो... Hindi · मुक्तक 1 545 Share भूरचन्द जयपाल 22 Jul 2017 · 1 min read **** मेरे मुकद्दर में *** मेरे मुकद्दर में शायद इक बात लिखी है तेरे हुस्न-ओ-आलम में इक रात लिखी है ।। ?मधुप बैरागी मेरी आदत नहीं कि इश्क को मैं दोहराऊँ पर क्या करूँ हुस्न... Hindi · मुक्तक 1 266 Share भूरचन्द जयपाल 22 Jul 2017 · 1 min read *** मुहब्बत का ताज *** क्यों मेरे जिस्म ने मुहब्बत का ताज पहना ये इश्क की सत्ता है कि सम्भाले नहीं सम्भलती ।। जब से हमने मुहब्बत का ताज पहना है इश्क की सल्तनत है... Hindi · मुक्तक 1 384 Share भूरचन्द जयपाल 22 Jul 2017 · 1 min read *** गणित ही बदल डाला *** सूरज भी तेरे हुस्न की लाली से निकलता होगा फिर तो चाँद भी तुम्ही से रोशनी लेता होगा ।। तेरे हुस्न ने दस्तूर-ए-संसार ही नहीं बदला समीकरण के साथ गणित... Hindi · मुक्तक 1 258 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jul 2017 · 1 min read *** कुछ मुक्तक *** जिंदगी चाहे तो अब मुझको ना आराम दे जिंदगी जीने के वास्ते थोड़ा तो विश्राम दे मत बन तूं क्रूर इतनी कंस के कारगाह सी अब उठने से पहले थोड़ा... Hindi · मुक्तक 1 577 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jul 2017 · 1 min read **** ईदी मुझे मिल जाये **** ख़्वाब ऐसे कातिलों से गुजर रहे हैं वो हमारे होने से जो मुकर रहे हैं कल ईद है दीद उनका हो ना हो स्वप्न हमारे कत्ल जो ऐसे हो रहे... Hindi · मुक्तक 1 464 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jul 2017 · 1 min read *** अब डर लगता है *** अब डर लगता है उनको लिखते ख़त बहुत बुरी चिट्ठियों के चिट्ठों की हालत पत्र पा सुर्ख हो जाते उनके अधराधर एक खता हो जाती लिख उनको ख़त।। थामलू हाथ... Hindi · मुक्तक 1 194 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jul 2017 · 1 min read *** दिल को कह दो *** रिश्ते बनाने से नही बनते लोग ख़ुद है अपने बनते रूह का साथ गर् हो तो रिश्ते बोझ नहीं बनते ।। ?मधुप बैरागी दिल को कह दो दर्द ना दे... Hindi · मुक्तक 1 213 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jun 2017 · 1 min read *** दो मुक्तक *** 27.6.17 दोपहर। 3.23 रेत के समंदर - सा सूखा ये दिल मेरा अधूरी - प्यार है और बैचैन ये दिल मेरा तुम चाहे प्यार की कितनी बारिश करो क्योंकि ब्लोटिंग-पेपर-... Hindi · मुक्तक 1 424 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jun 2017 · 1 min read ** मंजर मौत का *** मंजर मौत का देखकर यह ख़ंजर भी डर जायेगा सब्रकर ख़ुदा के बन्दे ख़ुद ख़ुदा क्या कर जायेगा नेमतें मांगी दुआ में जिसके लिए तुमने ख़ुद ख़ुदा से क्या पता... Hindi · मुक्तक 1 215 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jun 2017 · 1 min read *** कितने खुशख़त ** कितने खुशख़त लिखे मैंने तुझको चिट्ठी लौटती डाक से डाकिया एक भी नहीं लाया शायद मेरा पत्र लिखना तुम्हे पसन्द नहीं आया या फिर दिल की बात तुमने दिल में... Hindi · मुक्तक 1 315 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jun 2017 · 1 min read **** तेरे शहर में **** हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफ़िर की तरह मुन्तजिर है मुहब्बत-दिल आशिक की तरह सज़दा करले दिल से अब दिल-ए-क़ातिल तूं माने ना माने है मुहब्बत-घायल की तरह अपना... Hindi · मुक्तक 1 377 Share भूरचन्द जयपाल 1 Jun 2017 · 1 min read ** जय महाकालेश्वर ** महाकाल ने जिसे बुलाया ना टाल पाया मंत्र महामृत्युंजय मौत को भी टाल पाया कब काल-जाया हस्ती उसकी मिटापाया जिसपे हो सदा महाकाल की छत्रछाया कब काल-जाया हस्ती उसकी मिटापाया... Hindi · मुक्तक 1 535 Share भूरचन्द जयपाल 30 May 2017 · 1 min read ** कोई बात नही ** बात-बेबात मुझसे ना कर बात कोई बात नहीं कर दे कत्ल दिल-ए-जज़्बात कोई बात नहीं दे दे ग़म की सौगात ऐसे दिल-हालात ना कर अपना माना गर,हो नाराज़ तो कोई... Hindi · मुक्तक 1 332 Share भूरचन्द जयपाल 14 May 2017 · 1 min read ** गुनाह तो नहीं था ** 14.5.17 दोपहर 1.41 मेरा इश्क महज़ एक हादसा तो नहीं था जुल्म करे मैं ऐसा बादशाह तो नहीं था मांगे अब किस गुनाह की सज़ा ऐ ख़ुदा रूह से रूह... Hindi · मुक्तक 1 387 Share भूरचन्द जयपाल 12 May 2017 · 1 min read * ** ऋतु पावस *** ऋतु पावस थी निकट अमावस थी यौवन की वह घटा-छटा विकट थी मन- मयूर-बन नाचा आज बहुत नटराजन-लटा लिपटी मुखचन्द्र थी ।। चाँद को देखकर चंद्रमुखी चकित सी हेर- हेर... Hindi · मुक्तक 1 496 Share भूरचन्द जयपाल 8 May 2017 · 1 min read *** क्यूं किससे *** मायूस हो हम फुर्कत-ए-इश्क में रोए तुम सोचोगे खदीन ख़्वाब लेकर हम रोए आरजू-ए-ख्वाहिश इब्तिदा-इश्क करने हम तो आफ़ताब-ए-ख़ुदा पाने को रोए ?मधुप बैरागी राज-ए-मुहब्बत अब छुपाएं किससे दुनियां को... Hindi · मुक्तक 1 369 Share भूरचन्द जयपाल 6 May 2017 · 1 min read ** तुम वफ़ा क्या जानो ** 6.5.17 ***** रात्रि 11.11 तुम वफ़ा क्या जानो तुम जफ़ा क्या जानो क्यों कोई तुमसे ख़फा हो तुम क्या जानो ख़ार है या प्यार है दिल में तुम्हारे अब प्यार... Hindi · मुक्तक 1 300 Share भूरचन्द जयपाल 26 Apr 2017 · 2 min read ** सिर्फ प्यार ही प्यार हो ** याद आते हैं क्यूं बीते लम्हे जो गुजारे थे उनके साथ रुलाते क्यूं है वो किस्से उन बीती रातों के जो साथ रहकर की थी बातें आज अलग होकर क्यूं... Hindi · मुक्तक 1 480 Share भूरचन्द जयपाल 23 Apr 2017 · 1 min read ** कुरेदा है लफ्जो से ** कुरेदा है लफ्ज़ो से ज़ख्मो को इस क़दर तन्हाई में रोका,आज महफ़िल में रुलाया ।। किस्तो में जलाया जो दिल तुमने धुंआ धुंआ जलन आज भी बाकी है इन आँखों... Hindi · मुक्तक 1 510 Share भूरचन्द जयपाल 16 Apr 2017 · 1 min read * खूबसूरती निगाहों में होनी चाहिए * खूबसूरती ख्वाबों में नहीं निगाहों में होनी चाहिए आनन्द नजारों में नहीं नजरों में होना चाहिए।। करके बिस्मिल जबसे चले तुम गम-ए-इश्क में हमको बहे जो अश्क इन आँखों से... Hindi · मुक्तक 1 276 Share भूरचन्द जयपाल 15 Apr 2017 · 1 min read *मौत के डर से मर जाया नही करते इंसान* वक्त कब किसी पे रहम करता है सम्भालों जीना है जहां में यारों जिंदगी कब कहती है मर मर के जिओ मौत कब कहती है जीते जी मर जाओ रहम... Hindi · मुक्तक 1 335 Share भूरचन्द जयपाल 2 Apr 2017 · 1 min read * उम्र अगर ढ़लती नहीं * 2.4.17 प्रातः * 11.7 उग्र अगर यूं ढ़लती नहीं कामनाये यूं छलती नहीं नज़रें बचाते है यूं उनसे नजरें कहीं दो-चार नहीं ।। डर -डर निकलती है उम्र सर -सर... Hindi · मुक्तक 1 333 Share भूरचन्द जयपाल 28 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक :- क़ातिल निगाहें क़ातिल निगाहें हुआ करती थी कभी मुस्कान से जी जाया करते थे कभी आज जीना भी दुस्वार कर दिया है उफ़ क़ातिल मुस्कान से बचे कैसे कभी ?मधुप बैरागी नींद... Hindi · मुक्तक 2 2 242 Share भूरचन्द जयपाल 23 Mar 2017 · 1 min read *** ग़ुस्ल कर लूं *** ग़ुस्ल कर लूं तेरी स्मित मुस्कान में नहीं टिक पाऊंगा नज़र-पैनी धार में निगाहें फिर भी बख़्श देती जान को मुस्कान कर देती कत्ल लाखहज़ार में ।। क़ातिल निगाहें हुआ... Hindi · मुक्तक 1 206 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** ज्योति से याराना कर लो ** बाहरी चकाचौंध से अब मेरे यारों किनारा कर लो अब दिल में घुप अंधेरा है ज्योति से याराना कर लो ।। ?मधुप बैरागी कितना खुशनुमा माहोल है अपनी धुन में... Hindi · मुक्तक 1 261 Share Previous Page 3 Next