Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

** ज्योति से याराना कर लो **

बाहरी चकाचौंध से अब

मेरे यारों किनारा कर लो

अब दिल में घुप अंधेरा है

ज्योति से याराना कर लो ।।

?मधुप बैरागी

कितना खुशनुमा माहोल है

अपनी धुन में मशगूल है

गर्मी से निजात पाने को

कुछ देर सूरज को भी तो

महफ़िल में बुलाया जाय।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
किसी का यकीन
किसी का यकीन
Dr fauzia Naseem shad
एक काफ़िर की दुआ
एक काफ़िर की दुआ
Shekhar Chandra Mitra
लोग चाहे इश्क़ को दें नाम कोई
लोग चाहे इश्क़ को दें नाम कोई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"पता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
टूटी हुई कलम को
टूटी हुई कलम को
Anil chobisa
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
कवि दीपक बवेजा
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
अनिल कुमार
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
त्याग करने वाला
त्याग करने वाला
Buddha Prakash
*प्रेमचंद (पॉंच दोहे)*
*प्रेमचंद (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
अब हम बहुत दूर …
अब हम बहुत दूर …
DrLakshman Jha Parimal
दानी
दानी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समा गये हो तुम रूह में मेरी
समा गये हो तुम रूह में मेरी
Pramila sultan
आधुनिक बचपन
आधुनिक बचपन
लक्ष्मी सिंह
In case you are more interested
In case you are more interested
Dhriti Mishra
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
"बिन स्याही के कलम "
Pushpraj Anant
पैसा और ज़रूरत
पैसा और ज़रूरत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आज की तारीख़ में
आज की तारीख़ में
*Author प्रणय प्रभात*
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
Surinder blackpen
साक्षात्कार-पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
साक्षात्कार-पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
Piyush Goel
2893.*पूर्णिका*
2893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
शेखर सिंह
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
Umender kumar
Loading...