Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
168 posts
Page 3
जहां इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों।
जहां इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों।
Kumar Kalhans
चप्पल बुआ।
चप्पल बुआ।
Kumar Kalhans
पानी की तरह बनना सीखो।
पानी की तरह बनना सीखो।
Kumar Kalhans
खान साहब।
खान साहब।
Kumar Kalhans
खोटा भाई और उनकी फाइल।
खोटा भाई और उनकी फाइल।
Kumar Kalhans
नाक।
नाक।
Kumar Kalhans
मां और पिता के आंसू।
मां और पिता के आंसू।
Kumar Kalhans
संग मेला कोई नहीं लाया।
संग मेला कोई नहीं लाया।
Kumar Kalhans
चाइना का टिकाऊ माल।
चाइना का टिकाऊ माल।
Kumar Kalhans
खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में।
खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में।
Kumar Kalhans
पिता।
पिता।
Kumar Kalhans
एक ही पल होता है टूटने का।
एक ही पल होता है टूटने का।
Kumar Kalhans
आत्महंता।
आत्महंता।
Kumar Kalhans
सब ऋतुओं की रानी हो तुम , बरखा अमर जवानी हो तुम।
सब ऋतुओं की रानी हो तुम , बरखा अमर जवानी हो तुम।
Kumar Kalhans
बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है।
बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है।
Kumar Kalhans
आओ इश्को करम की बात करें, आओ तेरे सनम की बात करें।
आओ इश्को करम की बात करें, आओ तेरे सनम की बात करें।
Kumar Kalhans
आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं।
आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
विश्वासों ने पार उतारा।
विश्वासों ने पार उतारा।
Kumar Kalhans
भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं।
भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं।
Kumar Kalhans
सूरज रोज नहीं आएगा।
सूरज रोज नहीं आएगा।
Kumar Kalhans
कितने ग़मगीन हैं जमाने में।
कितने ग़मगीन हैं जमाने में।
Kumar Kalhans
इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं।
इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं।
Kumar Kalhans
मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
Kumar Kalhans
दर्द को आंसूं बना कर देख लो।
दर्द को आंसूं बना कर देख लो।
Kumar Kalhans
प्यार का स्वभाव।
प्यार का स्वभाव।
Kumar Kalhans
मृत्यु के साये में राह जीवन चले।
मृत्यु के साये में राह जीवन चले।
Kumar Kalhans
रेलगाड़ी रेलगाड़ी
रेलगाड़ी रेलगाड़ी
Kumar Kalhans
सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं।
सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं।
Kumar Kalhans
ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे।
ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे।
Kumar Kalhans
देखो बरखा की रुत आयी।
देखो बरखा की रुत आयी।
Kumar Kalhans
टेम्पल रन।
टेम्पल रन।
Kumar Kalhans
देखो बरखा की रुत आयी।
देखो बरखा की रुत आयी।
Kumar Kalhans
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
Kumar Kalhans
कटी हुई नाक।
कटी हुई नाक।
Kumar Kalhans
जीजा जी ।
जीजा जी ।
Kumar Kalhans
दीपक।
दीपक।
Kumar Kalhans
नेह के बादल कहते जाओ अब कब फिर से आना होगा।
नेह के बादल कहते जाओ अब कब फिर से आना होगा।
Kumar Kalhans
एक सफर ऐसा भी।
एक सफर ऐसा भी।
Kumar Kalhans
कुबूल है। कुबूल है। कुबूल है।
कुबूल है। कुबूल है। कुबूल है।
Kumar Kalhans
गाज़ियाबाद कै बियाह।
गाज़ियाबाद कै बियाह।
Kumar Kalhans
जेएनयू धिक्कार तुम्हे है जेएनयू धिक्कार।
जेएनयू धिक्कार तुम्हे है जेएनयू धिक्कार।
Kumar Kalhans
हरा पत्ता।
हरा पत्ता।
Kumar Kalhans
साहेब की अंतर्दृष्टि।
साहेब की अंतर्दृष्टि।
Kumar Kalhans
पीड़ा कैसे समाप्त होती है।
पीड़ा कैसे समाप्त होती है।
Kumar Kalhans
खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा।
खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा।
Kumar Kalhans
जिंदा लाश।
जिंदा लाश।
Kumar Kalhans
एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर।
एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर।
Kumar Kalhans
हाँ मैं दोमुंहा हूं।
हाँ मैं दोमुंहा हूं।
Kumar Kalhans
मां का दिल।
मां का दिल।
Kumar Kalhans
मुक्तक।
मुक्तक।
Kumar Kalhans
Page 3
Loading...