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29 May 2021 · 1 min read

मृत्यु के साये में राह जीवन चले।

मृत्यु के साए में राह जीवन चले।

आँख खुलते ही मिलता अँधेरे का भय,
उत्तरोत्तर बढ़त है की होता है क्षय,
काल के राहू केतू डगर में मिलें,
मध्य आकाश में भी है दिनकर ढ़ले,
मृत्य के साये में———————-।

सीमीत आयु, असीमित बनाने की धुन,
मन्त्र उतने बनें जितने हों अपशकुन,
शोध इस राह में कितने हैं चल रहे,
जो अटल है वो कुछ पल को कैसे टले,
मृत्यु के साये में———————-।

मौत का भय अमरता का सपना बनी,
स्वप्न के इस सतह पर ये दुनियां चली,
नष्ट होंगे नयन, नाश निश्चित मगर,
नैन में कितने निर्भीक सपने पले,
मृत्यु के साए में————————-।

Language: Hindi
Tag: गीत
11 Likes · 3 Comments · 307 Views
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