अंजनीत निज्जर Language: Hindi 261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next अंजनीत निज्जर 31 May 2020 · 1 min read सपना जानती हूँ मैं , बहुत कुछ है खोया, फिर भी हार कहाँ मानी मैंने, हर रोज़ एक नया ही सपना है बोया, रोज़ एक एक सपने का क़द बड़ेगा, कुछ... Hindi · कविता 3 2 298 Share अंजनीत निज्जर 30 May 2020 · 2 min read पिशाचनी सुबह सुबह मँजुला अपनी बेटी को लेकर काम पर आई, इतनी सुबह उसे देख कर कोफ़्त तो हुई मुझे, पर बच्ची को देख कर थोड़ी हिचकिचाई, जल्दी जाना है वापिस... Hindi · कविता 4 2 274 Share अंजनीत निज्जर 29 May 2020 · 1 min read मेरी क़ीमत घर लौटते वक़्त, चलता है दिमाग़ में, चाबियों का गुच्छा, बाहर बैठा मेरा कुत्ता, बिजली का आन-ऑफ़ स्विच, और पानी का आना न आना, सब ख़ाली कर जो सुबह था... Hindi · कविता 5 2 484 Share अंजनीत निज्जर 26 May 2020 · 1 min read जगाना दिखा कसाईखाने के दबड़े में, इक मुर्ग़ा, बेबस हालातों में, लाचार मुर्ग़ा, पंजे मुड़े हुए, पंख टूट कर बिखरे, तो कुछ जुड़े हुए, इस दुशवारी में भी पर, गर्दन थी... Hindi · कविता 3 2 596 Share अंजनीत निज्जर 23 May 2020 · 1 min read वही लड़कियाँ वही लड़कियाँ, केवल वही लड़कियाँ, जो देखती हैं खिड़कियाँ खोल कर खुले आसमान को, झाँकती नही हैं दरवाज़ों की दरारों से, केवल वही लड़कियाँ, जिन्हें आता है,प्रश्न करना,ऊँगली उठाना, घबराती... Hindi · कविता 2 2 403 Share अंजनीत निज्जर 23 May 2020 · 1 min read आख़िरी बैंच वह बच्चे हाँ वही बच्चे, जो बैठते हैं कक्षा की आख़िरी बैंच पर जिनके हाथों की मुठ्ठियों में भरी रहती है दुगनी आज़ादी जो गले में बाँधे घूमते हैं नालायक... Hindi · कविता 3 6 261 Share अंजनीत निज्जर 22 May 2020 · 2 min read बिंदास लड़कियाँ हाँ इस शहर की थी हम बिंदास लड़कियाँ लोग देखते हमें, आहें भरते पर औरों को नसीहत करते इनकी तरह मत होना, हाँ,हम में होने जैसा था ही क्या? सो,... Hindi · कविता 5 4 626 Share अंजनीत निज्जर 22 May 2020 · 1 min read ख़ामोश मत रहो ख़ामोश मत रहो, जब लगे तुम्हें कुछ ग़लत, तो सवाल उठाओ, अचानक से जब भर जाओ, ख़ामोशी से अंदर तक, चीख़ो, चिल्लाओ और शोर मचाओ, मत हावी होने दो ख़ुद... Hindi · कविता 5 4 612 Share अंजनीत निज्जर 21 May 2020 · 1 min read सूरजमुखी प्रेम के साथ जोड़े जाते हैं अक्सर, गुलाब के फूल, सुर्ख़ लाल रंग लिए है एकाधिकार प्यार का, गुलाब की ही तरह, तभी अचानक नज़र पड़ती है, खेतों में खड़े... Hindi · कविता 4 2 300 Share अंजनीत निज्जर 21 May 2020 · 1 min read इतना मुश्किल भी नही इतना मुश्किल भी नही, आसानी से मंज़िलों को पा जाना, और मुस्कुराना, सच मानो, इतना मुश्किल नही है, बस एक ही बात है मन को समझाना, बिना रुके बढ़ते जाना,... Hindi · कविता 4 2 534 Share अंजनीत निज्जर 19 May 2020 · 2 min read सवाल-जवाब एक सवाल और कब तक? साथ रहोगी या दोगी साथ मेरा, मैं इक मीठा छलावा बन, ठगता रहा हूँ तुझे सदा, मैंने फूल दिए, तुमने बग़ीचा सजा दिया, दिया गर... Hindi · कविता 5 449 Share अंजनीत निज्जर 18 May 2020 · 1 min read मेरा हिस्सा सृजन का शायद कोई नियम रहा होगा, तभी तो विरोधाभास अस्तित्व में आया, आदम और हव्वा बन अवतरत हुए जब हम, तो कोमलता का पर्याय बनी मैं, तो कठोरता का... Hindi · कविता 5 4 459 Share अंजनीत निज्जर 17 May 2020 · 1 min read कब तक और कब तक? साथ रहोगी या दोगी साथ मेरा, मैं इक मीठा छलावा बन, ठगता रहा हूँ तुझे सदा, मैंने फूल दिए, तुमने बग़ीचा सजा दिया, दिया गर इक बीज... Hindi · कविता 5 6 496 Share अंजनीत निज्जर 17 May 2020 · 1 min read कभी उदास मत होना कभी उदास मत होना, इस जीवन पथ पर कभी जाए अगर हाथ छूट, किसी का साथ होना, भ्रम मात्र है, छलावा है, दुनियादारी महज़ दिखावा है, मैं रहूँगी साथ हमेशा... Hindi · कविता 5 8 325 Share अंजनीत निज्जर 16 May 2020 · 1 min read क्यूँ इनके पीछे पड़ी है? क्यूँ इनके पीछे पड़ी है? अनहोनी तुझे कौन रोके, कौन तुझे समझाए, क्यूँ यह चीथड़े संभाले मलिन लोग, अभावग्रस्त, अव्य्व्स्थाओं के मारे लोग, फिरते सड़कों पर मारे मारे यह बेचारे... Hindi · कविता 4 5 282 Share अंजनीत निज्जर 16 May 2020 · 1 min read चाँद चाँद मशहूर है, ज़माने में जो हर रोज वादा खिलाफी करता है। कभी रुप बदलता है। तो कभी झरोखे में छिपता है। पर क्यों न कोई ज़माने में सूरज सा... Hindi · कविता 4 2 238 Share अंजनीत निज्जर 15 May 2020 · 1 min read तू ही बता ज़िंदगी तू ही बता ऐ ज़िंदगी, मैं तुझको अब क्या लिखूँ, घाव का मरहम लिखूँ या जीत का परचम लिखूँ, धूप में एक छांव लिख दूं या पुराना गांव लिख दूँ,... Hindi · कविता 5 8 422 Share अंजनीत निज्जर 14 May 2020 · 1 min read ज़िंदगी है आपसे ज़िंदगी है आपसे, घर, घर लगता है आपसे, आपके अनुभव की छांव से, महकती है इस जीवन की फुलवारी, हाँ , माँ-बाबूजी आप ही से ज़िंदगी है हमारी, मंज़िले आसानी... Hindi · कविता 4 9 458 Share अंजनीत निज्जर 13 May 2020 · 1 min read वहम था मेरा वहम था मेरा, कि दिखाई देता है तुम्हें, सुनाई देता है तुम्हें, पर सच में यह वहम था मेरा, तुम पढ़े-लिखे वाइट collared लोग, तुम्हें कहाँ दिखाई देता है, सड़कों... Hindi · कविता 6 4 335 Share अंजनीत निज्जर 13 May 2020 · 1 min read रात रात ठहर गयी है मुझमें गहरी काली स्याह , होती जा रही स्याह दर स्याह, छटपटाहट बढ़ती है जाती, दिन प्रतिदिन हर दिन, पर अँधेरा है जो घिरता जाता, रोज़-रोज़... Hindi · कविता 6 9 505 Share अंजनीत निज्जर 12 May 2020 · 1 min read जीवनशैली दवा की ज़रूरत न पड़े गर दें हम ख़ुद पर थोड़ा ध्यान, सुधारें अपनी जीवनशैली, सुधारें अपना खान-पान, सूरज के आने से पहले, उठ जाएँ और करें प्राणायाम, थोड़ी सी... Hindi · कविता 4 4 261 Share अंजनीत निज्जर 10 May 2020 · 1 min read माँ कहती है माँ कहती है, मेरी माँ अक्सर कहती है, अपना ख़्याल रखना, अरे! जीवन के चालीस बसंत देख चुकी हूँ मैं, माँ फिर भी दोहराती है, अपना ख़्याल रखना, माँ को... Hindi · कविता 8 2 380 Share अंजनीत निज्जर 10 May 2020 · 1 min read माँ माँ... जो शब्द तुम्हें परिभाषित कर दे, वो शब्द कहाँ से लाऊँ, कैसे माँ तुझे दो शब्दों में, मैं लिख पाऊँ? तेरा व्याख्यान कर सकूँ, वो ओज कहाँ से लाऊँ,... Hindi · कविता 2 2 354 Share अंजनीत निज्जर 9 May 2020 · 1 min read अपने अंदर अपने अंदर डूब जा, ज़रा झाँक अपने अंदर, आक्रोश के अलावा और बहुत कुछ है समाया, मनन कर, हो सके तो विषय-विकारों का तू दमन कर, हृदय मैं समायी कोमल... Hindi · कविता 3 4 229 Share अंजनीत निज्जर 8 May 2020 · 1 min read तुम आना एक और बात, जो कहनी है तुम से, तुम आना मेरे पास, पर इसलिए मत आना कि मजबूरी है, तुम आना, क्यूँकि तुम आना चाहते हो, सोचना मत कोई बहाना,... Hindi · कविता 3 482 Share अंजनीत निज्जर 7 May 2020 · 1 min read तेरा सूरज हो जाना अक्सर माँगा मैंने, इक तारा बन जाना, तुझे चाँद समझ के तेरे क़रीब हो जाना, पर तुमने चुना सूरज हो जाना, तपिश में सब को जलाना, अपने ताप की मोहर... Hindi · कविता 5 247 Share अंजनीत निज्जर 5 May 2020 · 1 min read कर्म एक एक करके, सब अपने बिछड़ते चले जाएँगें, काल की चक्क़ी निरंतर चलती, सब दानें पिसते चले जाएँगें, क्या जाएगा साथ हमारे, यह पंडित,मौला,धर्म-ग्रंथ, धर्म-गुरु न हमें समझा पाएँगे, धर्म... Hindi · कविता 5 9 255 Share अंजनीत निज्जर 4 May 2020 · 1 min read तितली के रंग तितलीयों के रंग में, रंग लो यह जीवन, तरह तरह के रंगों को तुम समेट लो, जैसे समेट रखा है हर रंग तितली रानी ने, लाल अपनाओ सशक्त विचारों और... Hindi · कविता 3 4 626 Share अंजनीत निज्जर 3 May 2020 · 1 min read मन की केतली मन की केतली भरी पड़ी है, ज़िंदगी चाय सी उबल पड़ी है, पानी से सपनों में, उम्मीदों की चायपत्ती घुली पड़ी है, इक इलाइची है नए अवसर जैसी, तो अदरक... Hindi · कविता 3 2 422 Share अंजनीत निज्जर 2 May 2020 · 1 min read सोचा था कभी ?? सोचा भी था क्या कभी कि ऐसे भी दिन आएँगें? छुट्टियाँ तो होंगी पर, हम मना नहीं पाएँगे, आइसक्रीम का मौसम होगा, पर हम खा नहीं पाएँगे, रास्ते खुले होंगे... Hindi · कविता 4 2 452 Share अंजनीत निज्जर 1 May 2020 · 1 min read चलो, आज अपने मन की करते हैं चलो आज अपने मन की करते है, बदलते हैं अपने बनाए नियमों को, मुक्त ख़ुद को सब बंधनों से करते हैं आज अंजुली में अपनी सागर, और बाहों में आसमान... Hindi · कविता 7 4 229 Share अंजनीत निज्जर 28 Apr 2020 · 1 min read कहाँ खोए हुए हो कहाँ खोए हुए हो, वक़्त फिसल रहा हाथ से रेत बन कर, तुम किस उम्मीद में सोए हुए हो, ख़्वाब कभी न बदलेंगे हक़ीक़त में इस तरह, तुम कौन से... Hindi · कविता 4 2 425 Share अंजनीत निज्जर 25 Apr 2020 · 1 min read आह्वान वैश्विक स्तर पर फैली एक बीमारी, केवल बीमारी नही एक महामारी, चल रही जंग अभी इस के ख़िलाफ़, जल्द ही जीतेंगे और मुस्कुराएँगे हम, पर सोचा है कभी क्या हम... Hindi · कविता 4 6 229 Share अंजनीत निज्जर 25 Apr 2020 · 1 min read एक चिड़िया सुबह की पहली धूप की किरण, छन कर आती है जब मेरी बालकोनी में, रंगबिरंगा इंद्र्धनुष छिटका सा जाता है, तभी अचानक इक छोटी सी चिड़िया, नीले पंख लिए आती... Hindi · कविता 3 2 397 Share अंजनीत निज्जर 23 Apr 2020 · 1 min read तरस गये हैं तरस गये हैं पहली बार हुआ यूँ , कि सुनने को तेरी बातें तरस गये हैं, मोबाइल से रिश्ते निभाते निभाते, संवेदनाओं को ही हम ख़र्च गये हैं अब ऊब... Hindi · कविता 2 304 Share अंजनीत निज्जर 21 Apr 2020 · 1 min read इश्क़ आना जाना लगा रहेगा, तेरी यादों का यूँ दिल धड़काना लगा रहेगा, बेमौसम बरसातों का कभी भी आ जाना लगा रहेगा, चिड़ियों का चहचहाना लगा रहेगा, फूलों का मुस्कुराना लगा... Hindi · कविता 2 2 452 Share अंजनीत निज्जर 20 Apr 2020 · 1 min read बेमौसम बरसात बेमौसम बरसात यह, दिखा जाती है आइना अक्सर, हर बार,बार-बार सही क्यूँ केवल प्रकृति ही हो, मनमर्ज़िया केवल मनुष्य ही क्यूँ करे, क्यूँ न हो जाए क़ुदरत भी मानव जैसी,... Hindi · कविता 2 225 Share अंजनीत निज्जर 16 Apr 2020 · 1 min read सन्नाटा यह सन्नाटा, सन्नाटा यह दिल को चुभता है, अक्सर माँगा है अवकाश मैंने, और कुछ क्षण फुर्सत के, अपनी व्यस्तताओं के चलते, कभी दिन का तो न कभी रात का,... Hindi · कविता 3 2 283 Share अंजनीत निज्जर 15 Apr 2020 · 1 min read बह रही ज़िंदगी दो किनारों की तरह बह रही ज़िंदगी, शांत,गुमसुम,घबराई ज़िंदगी, एक सन्नाटा सा पसरा चारों ओर, न आज का पता न भविष्य की खबर, मन में घबराहट, दिमाग में खलबली, आज... Hindi · कविता 3 2 202 Share अंजनीत निज्जर 13 Apr 2020 · 1 min read क्यूँकर बंधे हैं हम? जीवन है असीम, नहीं बंधा सीमाओं में यह, तो क्यूँकर बंधे हैं हम, हवा है स्वछंद खुली खुली सी, पंछी उड़ते उन्मुक्त उन्मुक्त से, तो क्यूँकर बंधे हैं हम, जल... Hindi · कविता 3 2 240 Share अंजनीत निज्जर 9 Apr 2020 · 2 min read सुपर वुमन इस lockdown में हर कोई अपने घर में बंद है, सब एक अनजाने भय से घरों में दुबके पड़े है, हाँ मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी नहीं आजकल नरिंदर मोदी... Hindi · लेख 4 2 458 Share अंजनीत निज्जर 4 Apr 2020 · 1 min read इन दिनों इन दिनों, रात, रात जैसी नहीं लगती, न ही दिन चढ़ता है दिन की तरह सूरज की सुर्ख लाल टिकिया भी कहीं गुम हो जाती, आपने प्रकाश छोड़ने से पहले... Hindi · कविता 4 2 283 Share अंजनीत निज्जर 27 Mar 2020 · 1 min read रिश्तों के कारोबार में रिश्तों के कारोबार में, अक्सर हार जाते है कुछ लोग, उलझ जाते है , भावनाओं के नगद और उधार में , अक्सर समझ नहीं पाते, इच्छाओं के बहीखाते और हिसाब... Hindi · कविता 5 2 302 Share अंजनीत निज्जर 24 Mar 2020 · 1 min read जीवन अहसासों के दरिया पर शब्दों का पुल बांधती हूँ हंसी, प्यार, दर्द, तड़प, व्यंजनों में परोसती हूँ जोड़ती हूँ विविध आयाम, ज्यामिति के कोणों सी दुरूह जीवन-शैली को निर्जीव भाषा... Hindi · कविता 5 471 Share अंजनीत निज्जर 24 Mar 2020 · 2 min read पाप गाँव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वैश्या का मकान था।वैश्या के यहाँ रात−दिन लोग आते−जाते रहते थे। यह देखकर... Hindi · लघु कथा 5 4 1k Share अंजनीत निज्जर 23 Mar 2020 · 1 min read पत्ते अक्सर पार्क के किसी कोने में सिमटे नज़र आते, डाल से टूटे सूखे पत्ते, कहते व्यथा अपने जीवन की, कि किस प्रकार वसंत आया, और नवपल्ल्व बन इन्होंने था एक... Hindi · कविता 6 2 568 Share अंजनीत निज्जर 8 Mar 2020 · 1 min read मेरी पहचान मेरी पहचान , आखिर कौन हूँ मैं? क्या हूँ मैं ? स्त्री या सृजन, करती हूँ सृजन हर पल जीवन का मैं सृष्टि का, भावनाओं, उमंगों और रिश्तों का, पल... Hindi · कविता 8 8 513 Share अंजनीत निज्जर 27 Jan 2020 · 2 min read बुराई एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है न? सभी ने कहा, “हां भगवान ने... Hindi · कहानी 7 5 628 Share अंजनीत निज्जर 27 Jan 2020 · 1 min read बेरुखी खुशबू का पीछा करते करते, वीराने में आ पहुंचे, तेरी तृष्णा में हम न जाने, कहाँ कहाँ हैं पहुंचे, तूने छोड़ा जो मुँह मोड़ा, तो क्या हुआ? तेरी बेरुखी का... Hindi · कविता 6 275 Share अंजनीत निज्जर 1 Jan 2020 · 1 min read पल कुछ याद भी है , कुछ भूले बैठे है, कड़वे-मीठे पल ज़िंदगी में घुले बैठे है, मुश्किल है कड़वे पलों को भूलना, पर मीठे पलों को सहेजना, ज्यादा जरुरी है,... Hindi · कविता 6 2 353 Share Previous Page 3 Next