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3 May 2020 · 1 min read

मन की केतली

मन की केतली भरी पड़ी है,
ज़िंदगी चाय सी उबल पड़ी है,
पानी से सपनों में,
उम्मीदों की चायपत्ती घुली पड़ी है,
इक इलाइची है नए अवसर जैसी,
तो अदरक कड़े इम्तिहान सी पड़ी है,
दूध है नयी आस की तरह,
तो चीनी भी रिश्तों की मिठास सी पड़ी है,
इक कप है दिल के जैसा,
छननी समझ सी लगी पड़ी है,
मन की केतली भरी पड़ी है ।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 370 Views
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