Comments (4)
14 May 2020 09:28 AM
समाज में व्याप्त संवेदनहीनता पर कुठाराघात करती हुई सुंदर प्रस्तुति।
धन्यवाद !
अंजनीत निज्जर
Author
14 May 2020 09:30 AM
Thank you ?, आप मेरी कविताएँ पढ़ते हैं, बहुत आभार
Aapko In line ke liye Sadar Naman वहम था मेरा,
कि दिखाई देता है तुम्हें,
सुनाई देता है तुम्हें,
पर सच में यह वहम था मेरा,
तुम पढ़े-लिखे वाइट collared लोग,
तुम्हें कहाँ दिखाई देता है,
सड़कों पर पैदल चलता मजदूर,
वक़्त और हालातों से मजबूर,
धन्यवाद, आप ही मेरे प्रेरक है, अगर आज कुछ अच्छा लिख पा रही हूँ, तो उसकी एक वजह आप भी हैं,??????