प्रीतम श्रावस्तवी Tag: मुक्तक 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2024 · 1 min read मुक्तक लगी होती है क्या दिल की इसे दिलबर ही समझेगा ये तन्हाई का आलम मील का पत्थर ही समझेगा ज़माना ये कहाँ समझेगा ये बेताबियाँ दिल की नदी बेचैन है... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 25 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Mar 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बिछड़े दिलों को पास बुलाता ये पर्व है हर भेदभाव मन के मिटाता ये पर्व है ये होली सिर्फ़ रंग का त्योहार ही नहीं आपस में प्रेमभाव बढ़ाता ये... Hindi · मुक्तक 37 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Mar 2024 · 1 min read मुक्तक 🌻🌻🌻 #पिता मेरी बेटी दुल्हन बनकर तू जब ससुराल जाएगी नए माहौल में ख़ुद को तू कैसे ढाल पाएगी वहाँ पति के अलावा और भी कुछ फ़र्ज़ हैं तेरे वो... Hindi · मुक्तक 52 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक शहरों के पार्क में न तो जुल्फों की छाँव में मिलता अज़ब सुक़ून है आकर के गाँव में लगता है कोई राग सुनाती हैं कोयलें पाजेब जब छमकते हैं गोरी... Hindi · मुक्तक 79 Share प्रीतम श्रावस्तवी 20 Aug 2023 · 1 min read अवधी मुक्तक ना धोती ना कुरता ना गमछा कै अब चलन रहा पच्छूँ के ख़्वाहिस मा समाज ई आपन मगन रहा काव कही जब से ई डेनिम कै फैसन आय गवा नौका... Hindi · मुक्तक 160 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Apr 2023 · 1 min read मुक्तक 221 1221 1221 122 पीना है तो फिर शाम को घर आ के पिया कर है तुझको कसम ठेके पे मत जा के पिया कर मैं भी तो तेरे साथ... Hindi · मुक्तक 203 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक ज़िंदगी तब महान लगती है जब तुम्हारी दुकान लगती है पान खाने जो आऊँ तो तेरी आँख ये मेज़बान लगती है प्रीतम श्रावस्तवी Hindi · मुक्तक 174 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक नफ़रतें दिल की मुहब्बत को जला देती है ये तो रिश्तों की सदाक़त को जला देती है चोरियाँ करते जो देखो न हिकारत से उन्हें पेट की आग शराफत को... Hindi · मुक्तक 176 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक बाहों में आसमान भर लेना हौसलों से उड़ान भर लेना चोरी करके पड़ोसियों के यहाँ अपनी सारी दुकान भर लेना प्रीतम श्रावस्तवी Hindi · मुक्तक 202 Share प्रीतम श्रावस्तवी 3 Dec 2022 · 1 min read बेटी की विदाई दूर देश के संबंधों से, बचपन की सखियाँ बिछड़ गईं। जैसे हिमगिर के आंगन से, बहती नदियाँ बिछड़ गईं।। माँ की ममता बिछड़ गई है, भाई से बंधन टूट गया।... Hindi · मुक्तक 144 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक ढूँढता हूँ जिसे यादों के बियाबानों में बस गया जाके वो गैरों के गुलिस्तानों में मिल न पाया है सिला कोई दोस्ती का मुझे बेवज़ह नाम मेरा लिख गया दीवानों... Hindi · मुक्तक 160 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक दुनिया से भला किसलिए फरियाद करें हम आ जाओ नई दुनिया को ईजाद करें हम ग़म का न तनफ़्फ़ुर का का बसेरा हो जहाँ पर उल्फ़त की वहीं बस्ती को... Hindi · मुक्तक 134 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक हाथों में अपने मेंहदी लगाए नहीं हो तुम ताली बजाओ ऐसे ही आये नहीं हो तुम खुजली सी उठ रही है तुम्हारे बदन में जो लगता है मुद्दतों से नहाये... Hindi · मुक्तक 1 161 Share प्रीतम श्रावस्तवी 12 Jan 2022 · 1 min read मुक्तक यही पैग़ाम है दिल में, रखो जज़्बा मोहब्बत का मिटाओ जड़ से नफ़रत यूँ,जलाओ दीप उल्फ़त का दुआ दिल से यही मेरी, निकलती है सदा प्रीतम। विवेकानंद के जैसा, हरिक... Hindi · मुक्तक 232 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 Apr 2021 · 1 min read ये मोदी हैं स्कूल को खुलने नहीं देंगे हक़ीक़त बच्चों को कोई ख़्वाब वो बुनने नहीं देंगे कहते हैं मगर इनको तो पढ़ने नहीं देंगे कितना भी कहें आप मगर सुन लो गुरु जी ये मोदी हैं स्कूल... Hindi · मुक्तक 1 270 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक आँखों में थी इक चिंगारी, दिल में एक समुन्दर था। अँग्रेजों से लड़ने वाला, भगत सिंह जोरावर था। मंगल पाण्डेय राजगुरू, सुखदेव लाजपत गाँधी, गुदड़ी के अब वो लाल कहाँ,... Hindi · मुक्तक 530 Share प्रीतम श्रावस्तवी 25 Dec 2020 · 1 min read मुक्तक प्यार के नाम पर खलबली किसलिए आशिकों से ये दुनिया जली किसलिए गर मनाही है भौरों के आने की तो बाग़ में खिल रही फिर कली किसलिए प्रीतम श्रावस्तवी श्रावस्ती(उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 1 382 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2020 · 1 min read मुक्तक ( माँ) प्यारी माँ मेरी ज़िन्दगी हो तुम ग़म भरी शब की रौशनी हो तुम मर्तबा आला है तुम्हारा माँ तुम इबादत हो बन्दग़ी हो तुम प्रीतम राठौर भिनगाई Hindi · मुक्तक 1 1 262 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक ये न सोचो ये सजा देंगी तुम्हें ये हवाएं तो मिटा देंगी तुम्हें क़ुर्बते तुम मत बढ़ाओ हुस्न से खाक़ में इक दिन मिला देंगी तुम्हे प्रीतम राठौर भिनगाई Hindi · मुक्तक 221 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरी उल्फ़त मिटाना चाहता है कि मुझ्को आज़माना चाहता है जला कर दिल भी शायद ख़ुश नहीं वो मुझे पल पल जलाना चाहता है प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 378 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक क्या हुआ जो लुट गयी है ज़िन्दगानी फिर सही काम तो आई वतन के ये जवानी फिर सही फख़्र करता हूँ हमारी हिन्द की है सर ज़मीं इसकी ख़ुशियाँ हैं... Hindi · मुक्तक 1 272 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक कैसे तलें पकौड़ा के मँहगा हुआ है प्याज है भाव इसका जैसे कि सोना हुआ है प्याज मँहगाई के इस दौर में हम और क्या करें अम्बर पे चाँद बन... Hindi · मुक्तक 448 Share प्रीतम श्रावस्तवी 7 May 2019 · 1 min read मुक्तक देश पर जान ये लुटाना है इसका सम्मान यूँ बढ़ाना है इसकी सेवा ही है मेरी पूजा लेके माटी तिलक लगाना है प्रीतम राठौर भिनघाई Hindi · मुक्तक 248 Share प्रीतम श्रावस्तवी 7 May 2019 · 1 min read मुक्तक प्रेम का सूर्य फिर से उगेगा यहाँ धुँध घृणा का इक दिन छँटेगा यहाँ एक दीपक जो मिल कर जला दें सभी ये अँधेरा न हरगिज़ रहेगा यहाँ प्रीतम राठौर... Hindi · मुक्तक 439 Share प्रीतम श्रावस्तवी 6 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक दिल का चैनों-क़रार खोया है मेरा बरसों का प्यार खोया है ढूँढ़ता हूँ मैं कू-ब-कू उसको कौन दुनिया में यार खोया है प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 190 Share प्रीतम श्रावस्तवी 6 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक दिल को लुभा रहा है ये मनुहार आपका किसके नसीब में है लिखा प्यार आपका कहने लगी चमन की कली फूल और सबा दीवाना बन गया है ये संसार आपका... Hindi · मुक्तक 203 Share प्रीतम श्रावस्तवी 6 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक मुक्तक दिल ये क्यों """बे क़रार रहता है क्यों नहीं """इख़्तियार रहता है कौन है वो कि हर घड़ी जिसका आज़ """"""भी इन्तजार रहता है प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०... Hindi · मुक्तक 384 Share प्रीतम श्रावस्तवी 6 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक ज़िन्दगी इस तरह भी बिताया हूँ मैं हर घड़ी मौत को पास पाया हूँ मैं दोस्त अहबाब सब दूर जाने लगे फिर अकेले ही खुद को रुलाया हूँ मैं प्रीतम... Hindi · मुक्तक 313 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक उस ख़ुदा पर मुझे बहुत है यकीं जिसने ये आसमां बनाया ज़मीं ये यक़ीनन क़रम उसी का है मेरे अंदर जो बोलता है कहीं प्रीतम राठौर भिनगाई Hindi · मुक्तक 211 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Jan 2019 · 1 min read आँखों की तेरे इतनी गहराई चाहता है चार मिसरे अल्लाह जाने अब क्या हरज़ाई चाहता है अब और कैसे मेरी रुसवाई चाहता है दिल डूब जाए इसमें बस देखते ही तुमको आँखों की तेरे इतनी गहराई चाहता... Hindi · मुक्तक 221 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक मिसरे ज़िन्दगी इस तरह भी बिताया हूँ मैं हर घड़ी मौत को पास पाया हूँ मैं दोस्त अहबाब सब दूर जाने लगे फिर अकेले ही खुद को रुलाया हूँ मैं... Hindi · मुक्तक 211 Share प्रीतम श्रावस्तवी 30 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक देश के जो भी -------परस्तार बने बैठे हैं ये फ़क़त कुर्सी ----के दिलदार बने बैठे हैं धर्म की आँड़ में हम सबको लड़ाते हैं जो मेरी नज़रों में ---------वो ग़द्दार... Hindi · मुक्तक 185 Share प्रीतम श्रावस्तवी 27 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक न काला धन ही आया है न पंद्रह लाख आया है न जाने आए कब वो दिन जिसे अच्छा बताया है जरा समझो वतन के हुक्मरां की इस सियासत को... Hindi · मुक्तक 185 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read अतिश्योक्ति अलंकार अतिश्योक्ति अलंकार पुष्प पग पर """"""""गिरे पाँव काले पड़े जिस्म पर """""""चाँदनी से थे छाले पड़े आँख चुँधियाए उस कामिनी की अगर दिन में भी""""""जुगनुँओं के उजाले पड़े प्रीतम राठौर... Hindi · मुक्तक 418 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक चार मिसरे माँ के चरणों में समर्पित रिश्तों ने जब भी छोड़ दिया रूठ कर मुझे माँ ने दिया है आसरा हर राह पर मुझे "प्रीतम" जो बारिशें हों ग़मों... Hindi · मुक्तक 376 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक दिल में दुनिया का डर तुम न लाया करो प्यार है मुझसे गर मिलने """""आया करो ये ज़माना तुम्हे -----------ज़ख़्म देगा मगर दर्द में भी सदा----------- मुस्कराया करो प्रीतम राठौर... Hindi · मुक्तक 218 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक क़तअ प्यार तुमने अगर किया होता जाम उल्फ़त का जो पिया होता फिर समझते लगी है क्या दिल की दिल किसी को अगर दिया होता प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 215 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक मापनी 212 212 राह में छोड़ कर यूँ न मुृँह मोड़ कर पास आ बैठ तो दिल न जा तोड़ कर प्रीतम राठौर भिनगाई Hindi · मुक्तक 213 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक आप जैसा """""" न मोतबर होगा और कोई """""""" न नामवर होगा आज़ शायद ही शह्र में "प्रीतम" आप सा कोई """"""ज़ल्वागर होगा प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 186 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक रूठते """"रूठते वो मनाने लगे दूर थे जो बहुत पास आने लगे इस तरह हो गया उनपे मेरा असर प्यार के गीत वो गुनगुनाने लगे प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 201 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक खाक़ में तू """मिला न पायेगी हौसलों को"""मिटा न पायेगी जिन दरख़्तों का हो ख़ुदा रहबर उनको आँधी """हिला न पायेगी प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 205 Share प्रीतम श्रावस्तवी 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक करते थे जो फ़क़त बात भर रह गये अब वो गुजरात भर आशियाँ कागजों पर बने घर मेरा टपका बरसात भर प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 428 Share प्रीतम श्रावस्तवी 18 Sep 2017 · 1 min read विषय : आसान ?????? मुश्किले- दौर भी आसान खुदा कर देगा तुझसे खुशियों की वो पहचान खुदा कर देगा मत परेशान हो आफत-ओ-बलाओं से तू वो सिहतयाब ऐ हमदान खुदा कर देगा प्रीतम... Hindi · मुक्तक 236 Share प्रीतम श्रावस्तवी 18 Sep 2017 · 1 min read वतन की चाह चाहत ये वतन की तो दिल से न निकलती है अब खुश्बू-ए-मिट्टी से हर सांस महकती है हम जाएँ कहीं लेकिन इसकी ही इबादत में दिन मेरा गुज़रता है हर... Hindi · मुक्तक 536 Share प्रीतम श्रावस्तवी 18 Sep 2017 · 1 min read हिंदी दिवस पर चार पंक्तियाँ "हिन्दी" पर मेरा प्रयास ??? कितनी सरस है प्यारी भाषा हमारी हिन्दी सारे जगत में न्यारी सबकी दुलारी हिन्दी संकल्प आज कर लें सम्मान यूँ करेंगे हो राष्ट्र की ये... Hindi · मुक्तक 498 Share प्रीतम श्रावस्तवी 10 Sep 2017 · 1 min read दोस्ती तस्वीरी अहसास दोस्ती अब अदू भी निभाने लगे लग रहा अम्न के दिन हैं आने लगे काश! इंसान भी कुछ सबक़ इनसे ले फिर मसर्रत ही हर सिम्त आने लगे... Hindi · मुक्तक 369 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read जय हिंद जिगर में आज भी अपने तिरंगा मुस्कुराता है भगत सुखराज वो बल्लभ वो गंगा मुस्कुराता है -----??---- वो टूटी झोपड़ी में सो सूखी रोटी ही खाकर जो 'जन गण मन'... Hindi · मुक्तक 318 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read क़तआ मिलते हैं जख़्म दिल को मुहब्बत में आजकल होती नही गुजर है शराफ़त में आजकल ----- जो भी मिले हैं दोस्त जमाने में अब तलक करते हैं सब जफ़ा ही... Hindi · मुक्तक 227 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read एक मतला दो शेर हुआ कैसा मिरे दिल पे निगाहों का असर है जिधर है वो सनम कातिल नज़र मेरी उधर है ?? जहां पर हैं कदम तेरे ऐ मेरी दिलरुबा तू सुन मेरी... Hindi · मुक्तक 273 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 May 2017 · 1 min read मुक्तक "वतन" ????????? मेरा दिल जिग़र जां वतन के लिए है मेरी जिन्दगानी अमन के लिए है ?? नहीं छीन सकता है ये दुश्मन जमाना तिरंगा तो मेरी क़फ़न के लिए है... Hindi · मुक्तक 253 Share Page 1 Next