डाॅ. बिपिन पाण्डेय Language: Hindi 356 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Jun 2023 · 1 min read शंकर छंद शंकर छंद ( 16,10 पर यति) चरणांत में 21 मानव तन जो हमें मिला वह ,ईश का वरदान। नश्वर,क्षण-भंगुर काया पर,मत करें अभिमान। पाँव रखें पृथ्वी पर जब भी, भरें... Hindi 1 209 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 Jun 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद लैला का वह सर्वदा ,लेता है दिल जीत। उसके सम्मुख बोलता,जो लव यू के गीत। जो लव यू के गीत,सभी को नित्य सुनाए। हर लड़की के साथ,प्यार के पेंग बढ़ाए।... Hindi · कुण्डलिया 1 108 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 18 Jun 2023 · 1 min read सवैया छंद चकोर सवैया (भगण ऽ।।×7+ गुरु लघु) खोकर सैनिक मुश्किल है अब,भारत को धरना उर धीर। काट करें तन के टुकड़े हम, दें रिपु को हर निर्मम पीर। वापस लें अपनी... Hindi · सवैया 2 250 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Jun 2023 · 1 min read दोहे प्रहरी सीमा पर मरें,होती जब घुसपैठ। नेता भाषण दे रहे ,बस कमरे में बैठ।।1 कभी कीमती चीज़ की,प्राप्ति नहीं आसान। पर होते हैं खोज से ,पूर्ण सभी अरमान।।2 जेठ माह... Hindi · दोहा 1 1 117 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 10 Jun 2023 · 1 min read कहमुकरी उसने सुन्दर रूप सँवारा, छोड़ूँ उसको नहीं गँवारा। मन में उसकी इज्ज़त तगड़ी, क्या सखि साजन? नहिं सखि पगड़ी।।1 बच्चे - बूढ़े या नर - नारी, दूर करे सबकी बीमारी... Hindi · कहमुकरी 1 1 204 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 3 Jun 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद लिए पिटारा ज्ञान का ,बाँट रहे जो लोग। उन्हें नहीं यह ज्ञात है,आत्ममुग्धता रोग।। आत्ममुग्धता रोग,लगा है जिसको प्यारे। उसके आगे देव, बृहस्पति भी हैं हारे। गढ़ता बैठ कुतर्क ,मूर्ख... Hindi · कुण्डलिया 1 1 167 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read कुंडलिनी छंद पावन होता है जहाँ ,रिश्तों का अनुबंध। भावों से आती वहाँ ,सात्विकता की गंध। सात्विकता की गंध,सदा होती मनभावन। रहती विषय विरक्ति,प्रीत यदि होती पावन।। आकर हो जाए खड़ी ,विपदा... Hindi · कुंडलिनी छंद 293 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read गीतिका बरसती नित नई हर छंद की रसधार को देखा। नहीं जग ने हमारी शब्द से मनुहार को देखा।।1 बनाया प्रेम का रिश्ता खुशी बाँटी सदा जग को, चला हूँ साथ... Hindi · गीतिका 1 213 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read भारत का संविधान मैं भारत का संविधान हूँ , अपनी व्यथा सुनाता हूँ। क्या- क्या मेरे सँग होता है,सारी बात बताता हूँ। कसमें मेरी खाते नेता,और भूल फिर जाते हैं। जिस जनता के... Poetry Writing Challenge · गीत 1 284 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read हास्य वेदना के भाव हास्य, वेदना के भावों को, जो गीतों में बोता है। उसके ही गीतों को केवल,सुनता बहुधा श्रोता है।। महज चुटकुले बाजी को तो, कविता कहना ठीक नहीं। धरा शिरोमणि के... Poetry Writing Challenge · गीत 1 108 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read दिल्ली के दरबारों में डाले झोला घूम रहे जो ,सत्ता के गलियारों में। उनका सपना पहुँच बने बस,दिल्ली के दरबारों में। भूखी नंगे जन को देना,वाणी उनका काम नहीं। बैठे बैठे वे सिर पीटें,... Poetry Writing Challenge · गीत 1 73 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read थाम सुदर्शन चक्र भृकुटि को करके थोड़ा वक्र, हाथ में थाम सुदर्शन चक्र। दमन हित आओ प्यारे श्याम, धरा पर लोग हुए उद्दाम।। देश में हो प्रयास निर्बाध, उठाए नहीं शीश अपराध। शीघ्र... Poetry Writing Challenge · गीत 139 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 30 May 2023 · 1 min read कुंडलिनी छंद निर्धन और बुजुर्ग का,करो नहीं अपमान। इनकी सेवा से सदा ,मिलता है वरदान। मिलता है वरदान,प्रफुल्लित होता है मन। सब ईश्वर संतान,धनी अनपढ़ या निर्धन।।1 जाना हमको एक दिन,तज मिथ्या... Hindi 2 1 361 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read शिकागो में स्वामी जाकर किया शिकागो में जब,भगिनी भ्राता संबोधन। रहा गूँजता बहुत देर तक,सुनकर करतल ध्वनि गर्जन।। सिर पर पगड़ी तन पर भगवा,वस्त्र सुशोभित थे जिनके। आकर्षण का केंद्र बिंदु थे, स्वामी... Poetry Writing Challenge 92 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read नारी का परिधान पुरानी बूढ़ी जिनकी सोच, स्वयं को कहते वे विद्वान। ज़रा भी उन्हें न आता रास, आज की नारी का परिधान।। कहीं तन अंबर हैं अति न्यून, करें कामुकता का संचार।... Poetry Writing Challenge · गीत 1 236 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 May 2023 · 2 min read खोटा सिक्का रात के दो बजे डोरबेल बजी।सैनी जी हड़बड़ाहट में उठे।सोचने लगे इतनी रात गए कौन आया होगा? जो भी हो, देखना तो पड़ेगा। खिड़की से झाँक कर देखा तो पड़ोस... Hindi · लघु कथा 1 2 456 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 May 2023 · 4 min read पास बुलाता सन्नाटा यात्रा सदैव आनंददायक होती है क्योंकि यात्रा के दौरान और गंतव्य स्थान पर पहुँचने पर अनेकानेक व्यक्तियों स्थानों और वस्तुओं से परिचय होता है। यदि यात्रा शैक्षिक उद्देश्य से ही... Hindi · संस्मरण 1 2 225 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read करवट लेती यादें रोम रोम में पड़ी सलवटें, करवट लेती यादें। जब तक आग चिलम में बाकी, हुक्का पीना होगा। यादों का परजीवी बनकर, हमको जीना होगा। उर से लिपटी रोतीं रातें, कैसे... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 2 218 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read गाँवों की पगडंडी राजमार्ग से प्रश्न कर रही, गाँवों की पगडंडी। कब पहुँचेगा मेरे द्वारे, यह विकास पाखंडी। बूढ़े गाँवों में दिखता है, सुविधाओं का टोटा। बच्चे मार रहे तख्ती पर, अब तक... Poetry Writing Challenge · नवगीत 2 2 267 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read दिल में पीड़ा अँखुआई है दिल में पीड़ा, सन्नाटे को पढ़कर। ग्रहण लगाती है खुशियों को, गर्द गमों की चढ़कर।। जान बचाने के लोगों को, पड़े हुए हैं लाले। छोड़ सुरक्षा कवच अनोखा,... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 171 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read लेकर हाथ तिरंगा लेकर हाथ तिरंगा। रैली,धरना,हड़तालों में होता है अब दंगा। नहीं बोलने की आज़ादी, लोग लगाते नारे। रोक सड़क की आवाजाही, बैठें पैर पसारे। लोकतंत्र की देखो खूबी, करे झूठ को... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 2 215 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read समय बड़ा अलबेला है ता - ता थैया खूब नचाए, समय बड़ा अलबेला है। कहीं जेब में बोझिल बटुआ, कहीं न कौड़ी - धेला है। कहीं दौड़ता चीते - सा वह कहीं हाथ पर... Poetry Writing Challenge · नवगीत 177 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read बहरे हैं चलने वाले साथ सभी जब अंधे, गूँगे, बहरे हैं, कैसे पूरे होंगे जो भी देखे स्वप्न सुनहरे हैं। बँधी हुई खूँटे से नावें खाती हैं तट पर हिचकोले, उत्ताल तरंगें... Poetry Writing Challenge · नवगीत 241 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read सहमा- सा माहौल पेशानी पर बल हैं सबके, सहमा-सा माहौल, तोड़ रही है दम मानवता, उड़ता रोज़ मखौल। बस बिधिना से आस लगाए बैठा एक गरीब। दो गज धरती मरने पर भी उसको... Poetry Writing Challenge · नवगीत 186 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read परंपरा का घूँघट लिया समय ने करवट। जिसके हिस्से में रहती थी हर पग पर दुश्वारी, स्वप्नों के बटुवे में उसके आई दुनिया सारी। शिक्षा के झोंके ने उलटा परंपरा का घूँघट। रही... Poetry Writing Challenge · नवगीत 201 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read सज्जनता के जेवर रास नहीं आते दुनिया को सज्जनता के जेवर। फिकरा कसती रहती राहें अपने कहते बुजदिल, खून जोंक-सा चूसा करती रोज अनोखी मुश्किल। धूर्त भेड़िए दिखलाते हैं अपने तीखे तेवर। पूज्य... Poetry Writing Challenge · नवगीत 92 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read बदल गए हैं सब प्रतिमान बदल गए है सब प्रतिमान अस्ताचल में सच का सूरज हुआ झूठ का नवल विहान, त्याज्य हुआ पंचामृत पोषक मैला लगता गंगा नीर, तीर्थाटन है सैर-सपाटा घूम-घूम खींचें तस्वीर। नागफनी... Poetry Writing Challenge · नवगीत 95 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read जो बिकता है! अखबार के रविवारीय परिशिष्ट में जब मैंने अपने मित्र की कहानी पढ़ी ,तो उन्हें बधाई देने के लिए और एक बात के स्पष्टीकरण के लिए फोन लगाया। "हैलो, राज निगम... Hindi · लघु कथा 297 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद चलता रहता आदमी,हरदम ऐसी चाल। मानो उसने कर लिया,बस में अपने काल। बस में अपने काल ,नहीं कोई कर पाया। नहीं सर्वदा साथ,किसी का देती काया। भूल चिरंतन सत्य,स्वयं को... Hindi · कुण्डलिया 2 1 273 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 May 2023 · 2 min read अनजान लड़का मम्मी,"कई दिनों से पापा सुबह ही बाहर कहाँ चले जाते हैं? रात को भी बहुत देर से लौटते हैं?" अनुभूति ने अपनी माँ से पूछा। "जाएँगे कहाँ? एक बाप का... Hindi · लघु कथा 1 221 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल बह्र- ।ऽऽ, ।ऽऽ, ।ऽऽ, ।ऽऽ नए दौर का है नया ये फसाना। सभी चाहते हैं बदन को दिखाना।। चढ़ा है नशा रिंद को देखकर ही, शुरू हो गए हैं कदम... Hindi · ग़ज़ल 3 2 246 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 May 2023 · 2 min read हरिगीतिका छंद हरिगीतिका छंद - यह एक मात्रिक छंद है।इसमें 28 मात्राएँ होती हैं।16 और 12 पर यति का प्रयोग होता है। इसकी 5 वीं ,12 वीं,19 वीं, और 26 वीं मात्रा... Hindi · मुक्तक 1 321 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 May 2023 · 2 min read शृंगार छंद शृंगार छंद- यह एक लालित्यपूर्ण छंद है। इस छंद में भाव नदी की धारा के समान कल-कल निनादित होता हुआ प्रवाहित होता है। यह एक सोलह मात्रिक छंद है। इस... Hindi 2 1 441 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल उमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे। छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।।1 सुंदर है रँग- रूप ,सुहानी है, कैसा है व्यवहार ,बता तो दे।।2 पहन जीन टी- शर्ट,घूमती है, छोड़... Hindi · ग़ज़ल 142 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 May 2023 · 1 min read दोहे आर्तनाद जग का सुनो,हे प्रभु पालनहार। मेटो दुख संत्रास को ,सुखी रहे संसार।।1 होगी फिर मीठी सुबह, और सुहानी शाम। छोड़ उदासी को करो,दुख का काम तमाम।।2 होती है लंबी... Hindi · दोहा 265 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 4 May 2023 · 1 min read दोहा काल चुनौती दे रहा ,करो उसे स्वीकार। जीवन देता सीख ये,कभी न मानो हार।।1 उनको मिलती जीत है,जो करते प्रतिकार। कभी किनारे बैठकर ,नदी न होती पार।।2 भले हमारे पास... Hindi · दोहा 505 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 May 2023 · 1 min read दोहे ( मजदूर दिवस ) प्रेम भाव जिसमें नहीं,शामिल है दुत्कार । श्रम साधक मज़दूर से, करें न वह व्यवहार ।।1।। ---- सबकी अपनी योग्यता,सबके अपने काम । श्रम साधक मज़दूर पर, सहता कष्ट तमाम... Hindi · दोहा 1 1 603 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Apr 2023 · 1 min read दोहे ( किसान के ) अपनी पीड़ा को कभी,कहता नहीं किसान। परहित में करता रहे, शंकर-सा विषपान।।1 लदा पीठ पर ही रहे, दुःखों का बेताल। करता रहे किसान से,ऊट पटांग सवाल।।2 कृषक करे श्रम-साधना,बिना थके... Hindi · दोहा 2 539 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 Apr 2023 · 1 min read कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस) कुंडलिनी छंद में चार चरण ( पाद) होते हैं। इस छंद का निर्माण कुंडलिया छंद की तरह ही किया जाता है। कुंडलिया छंद में पूरे रोला छंद का प्रयोग होता... Hindi 1 2 378 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Apr 2023 · 2 min read दो दिन सायं 8 बजे जब आलोक ऑफिस से घर आया तो उसने अपने ससुर को ड्राइंग रूम में बैठा देखा। उसने उन्हें नमस्ते किया और अंदर चला गया। अंदर जाकर उसकी... Hindi · लघु कथा 1 195 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Apr 2023 · 1 min read कवित्त छंद ( परशुराम जयंती ) ऋषि जमदग्नि और,माता रेणुका के पुत्र, पितृभक्त सिरमौर,भारत की शान हैं। बाल ब्रह्मचारी क्रोधी,विप्र कुल गौरव हैं, आशुतोष आराधक ,जग में महान हैं। काँधे सुशोभित चाप,कर में कुठार खर, सुभट... Hindi 1 1 679 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 20 Apr 2023 · 1 min read दोहे- लोग तजुर्बेकार जो ,करें यही ताकीद। हार मानकर वक्त से,मत छोड़ो उम्मीद।।1 प्यार जिन्हें करते रहे,लोग सदा भरपूर। धीरे - धीरे जा रहे ,वे दुनिया से दूर।।2 जाता है जब... Hindi · दोहा 1 258 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 17 Apr 2023 · 1 min read खुद्दारी ( लघुकथा) अंकल रुकिए, पीठ पर टोकरी लादे, धूप में जाते हुए व्यक्ति को आवाज देते हुए कौतुक ने कहा। आवाज़ सुनकर उस व्यक्ति ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बीस-बाइस साल... Hindi · लघु कथा 2 327 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 17 Apr 2023 · 1 min read आत्मा की शांति वृद्धाश्रम पहुँचे रासबिहारी जी से गोविंद जी ने पूछा- " कैसे हैं भाई साहब? चिंता मत करिए, कुछ दिन बाद मन लगने लग जाएगा। यहाँ सभी लोग बहुत अच्छे हैं।... Hindi · लघु कथा 1 243 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Apr 2023 · 2 min read दोहे- माँ है सकल जहान दोहे- माँ है सकल जहान रहकर माँ के गर्भ में ,आती तन में जान। माँ के सम्मुख तुच्छ है,मित्रो सकल जहान।।1 टाँगा मैंने कक्ष में ,जब से माँ का चित्र।... Hindi · दोहा 2 302 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 9 Apr 2023 · 1 min read नवगीत बदल गए है सब प्रतिमान अस्ताचल में सच का सूरज हुआ झूठ का नवल विहान, त्याज्य हुआ पंचामृत पोषक मैला लगता गंगा नीर, तीर्थाटन है सैर-सपाटा घूम-घूम खींचें तस्वीर। नागफनी... Hindi 2 401 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Apr 2023 · 1 min read नवगीत रास नहीं आते दुनिया को सज्जनता के जेवर। फिकरा कसती रहती राहें अपने कहते बुजदिल, खून जोंक-सा चूसा करती रोज अनोखी मुश्किल। धूर्त भेड़िए दिखलाते हैं अपने तीखे तेवर। पूज्य... Hindi 1 296 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल ये खबर हमने पढ़ी है आज के अखबार में। दे रहे नारा महज जो लोग हैं सरकार में।। बात पर उनकी फिदा जनता हमारे देश की, सत्य देखा ही नहीं... Hindi · ग़ज़ल 1 423 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Apr 2023 · 1 min read लिया समय ने करवट लिया समय ने करवट। जिसके हिस्से में रहती थी हर पग पर दुश्वारी, स्वप्नों के बटुवे में उसके आई दुनिया सारी। शिक्षा के झोंके ने उलटा परंपरा का घूँघट। रही... Hindi · नवगीत 1 227 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Mar 2023 · 1 min read कहमुकरी कहमुकरी- जब वह आए खूब सताए। अंग-अंग में दर्द जगाए। उसके आगे मैं सब हारी। क्या सखि साजन? नहिं बीमारी।।1 स्वाद,गंध,रस रास न आए। लेटा रहता मुँह लटकाए। साथ रहूँ... Hindi · कहमुकरी 3 2 214 Share Previous Page 3 Next