Shivkumar Bilagrami Language: Hindi 146 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Shivkumar Bilagrami 27 Feb 2022 · 1 min read ग़मगीन किसलिए दिल को यूं ग़मगीन किए बैठे हो किससे नाराज़ हो क्यों होंठ सिए बैठे हो शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 1 160 Share Shivkumar Bilagrami 25 Feb 2022 · 1 min read आज फिर से... आज फिर से क़ब्र पर आया कोई और रो गया आज फिर जगकर हँसा मैं और हँस कर सो गया देर तक ठहरी रहीं आँखें मेरी उस नक्श पर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 196 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read तो मुझे अच्छा लगे कोई चिड़िया चहचहाये तो मुझे अच्छा लगे कोई भँवरा गीत गाये तो मुझे अच्छा लगे घास का मैदान सुन्दर लग रहा बेहद मगर फूल कोई मुस्कुराये तो मुझे अच्छा लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 736 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read मज़ा / दर्द / बेदर्द कोई अच्छा सा दे फिर दर्द सीने में मज़ा कुछ भी नहीं बे-दर्द जीने में शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 286 Share Shivkumar Bilagrami 23 Feb 2022 · 1 min read मैं मैं तो मैं था ज़िन्से बाज़ार न था वर्ना क्या कोई ख़रीदार न था मैंने ही हर एक से मुँह मोड़ लिया वर्ना क्या कोई मददगार न था दश्तगर्दी थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 176 Share Shivkumar Bilagrami 21 Feb 2022 · 1 min read पुरज़ोर तूफ़ानों के तर्क सही थे पुरज़ोर तबाही लाने के वर्ना जतन किए थे हमने अपना घर बार बचाने के शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 197 Share Shivkumar Bilagrami 21 Feb 2022 · 1 min read संत-संन्यासी यहाँ पर हूँ... वहाँ पर हूँ... वहाँ पर हूँ... वहाँ पर हूँ अकेले में मैं अक्सर सोचता हूँ मैं कहाँ पर हूँ कभी लगता मुझे ऐसा कि मैं तो इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 424 Share Shivkumar Bilagrami 20 Feb 2022 · 1 min read बदतमीज़ी अभी तक मेरी जां न छूटी तुम्हारी वो आदत पुरानी वही बदतमीज़ी वही बदमिज़ाजी वही बदगुमानी शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 173 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read आक्टोपस सैंकड़ों ग़ोते समन्दर में लगाए हैं तब कहीं दो-चार मोती हाथ आए हैं ज़िन्दगी अपनी भी जैसे "ऑक्टोपस" हो रंग इसने भी उसी जैसे दिखाए हैं अक़्ल आती है कहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 201 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read श्री गणेश स्तुति प्रथम सुमरिये गणपति गज आनन वक्रतुंड विघ्नेश्वर शुभ गुण कानन मंगलकर्ता सुख सिद्धि प्रदाता भवताप विनाशक बुद्धि विधाता ओमकार योगाधिप वरदायक ईशान पुत्र हे सिद्धिविनायक एकदन्त गौरीसुत लम्बोदर कृपा करो... Hindi · गीत 384 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read शरारत इस मुहब्बत के तक़ाज़े भी हैं कैसे कैसे सीधे सादे भी दिखो और शरारत भी करो शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 391 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read तबाही तूफ़ानों के तर्क सही थे घनघोर तबाही लाने के वर्ना जतन किए थे मैंने अपना घर बार बचाने के शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 397 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read हौसला बिछड़ते वक़्त मुझको तुम ज़रा सा हौसला देना जब आंसू पोछना अपने तो थोड़ा मुस्कुरा देना शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 239 Share Shivkumar Bilagrami 11 Dec 2021 · 1 min read मसख़रा देर तक ताली बजी उनके लतीफ़ों पर मसख़रों से किस क़दर हम प्यार करते हैं शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 163 Share Shivkumar Bilagrami 10 Dec 2021 · 1 min read मसख़रा देर तक ताली बजी उनके लतीफ़ों पर मसख़रों से किस क़दर हम प्यार करते हैं शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 378 Share Shivkumar Bilagrami 20 Nov 2021 · 1 min read Dost दोस्त क्या तुमको हर दोस्त तुम्हारा झूठा लगता है कौन है आख़िर वो जो तुमको सच्चा लगता है किसको देख के छा जाती है लब पर ख़ामोशी किसको देख के बातें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share Shivkumar Bilagrami 31 Oct 2021 · 1 min read कज़ा उसने यूं अपने गुनाहों की सज़ा पाई है रात दिन की हैं दुआएं तो क़ज़ा आई है -शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 2 306 Share Shivkumar Bilagrami 30 Oct 2021 · 1 min read सबके ऐबों को छुपाने का जिगर दे मुझको मेरे अल्लाह मोहब्बत की नज़र दे मुझको सबके ऐबों को छुपाने का जिगर दे मुझको जिसने दुनिया की किसी चीज़ को अपना न कहा किसी ऐसे बड़े इंसां की नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share Shivkumar Bilagrami 30 Oct 2021 · 1 min read साया मेरा साया न बने बोझ कहीं धरती पर सिर्फ़ इस डर से अंधेरे में निकलता हूं मैं -शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 216 Share Shivkumar Bilagrami 28 Oct 2021 · 1 min read जय जगदम्बे जयति जयति जय , जय जगदम्बे असुर मर्दिनी जय मां दुर्गे सिद्धदायिनी मां शतरूपा परम सुंदरी रूप अनूपा कृष्णा गौरी चंद्रघटा तुम तुम ही देवी आदि स्वरूपा जगत प्रिया शिव... Hindi · गीत 1 380 Share Shivkumar Bilagrami 30 Sep 2021 · 1 min read शैतान भी है मरने को तैयार हूं लेकिन जीने का अरमान भी है मुझसे पंगा ठीक नहीं है मुझ में इक शैतान भी है मेरी आंखें पढ़ने वाले फिर से इनको पढ़कर देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 273 Share Shivkumar Bilagrami 28 Aug 2021 · 1 min read अख़बार सुब्ह जब अख़बार आता है तो डर जाता हूं मैं क़त्ल की ख़बरों को पढ़कर रोज़ मर जाता हूं मैं व्हाट्सअप पर जुल्म के हैं कैसे-कैसे वीडियो वीडियो को देख,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 215 Share Shivkumar Bilagrami 16 Aug 2021 · 1 min read हक़ीक़त हक़ीक़त वो नहीं होती जो दिखती है हमें अक्सर मेरी उठ बैठ सब में है मगर मेरे नहीं हैं सब - शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 219 Share Shivkumar Bilagrami 13 Aug 2021 · 1 min read कैसे गीत लिखूं मैं उन पर कैसे गीत लिखूं मैं उन पर , जिन अधरों ने रक्त पिया है गीतों के हक़दार वही हैं , जिन अधरों ने प्रेम दिया है ख़ुद को श्रेष्ठ बताने वाले... Hindi · गीत 2 258 Share Shivkumar Bilagrami 12 Aug 2021 · 1 min read प्रेम नहीं 'प्रेमी' हो जाना प्रेम हुआ तो जाना हमने प्रेम नहीं होता है वैसा हम समझ रहे थे इसको जैसा । प्रेम नहीं है क्रिया सकर्मक प्रेम नहीं है क्रिया अकर्मक प्रेम नहीं है... Hindi · कविता 1 378 Share Shivkumar Bilagrami 9 Aug 2021 · 1 min read आख़िर कब तक , कब तक आख़िर सिसक सिसक कर रात बिताना आख़िर कब तक कब तक आख़िर सबसे अपना दर्द छुपाना आख़िर कब तक कब तक आख़िर सबके खातिर जीना लेकिन अपनी कोई फ़िक्र न करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 293 Share Shivkumar Bilagrami 9 Aug 2021 · 1 min read आशिक सब के सब हैं फ़र्ज़ी आशिक किस किसको मैं ब्लॉक करूं कब तक इनकी फ़िक्र में अपना बदन जलाकर खाक करूं ---शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 258 Share Shivkumar Bilagrami 8 Aug 2021 · 1 min read बारिश अब्र बरसे हैं हमारी दास्तां सुनकर , मगर हर किसी को ये लगा बारिश का मौसम आ गया शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 283 Share Shivkumar Bilagrami 8 Aug 2021 · 1 min read हमदर्द हमदर्द कैसे-कैसे हमको सता रहे हैं कांटो की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूं मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर भी... Hindi · मुक्तक 571 Share Shivkumar Bilagrami 6 Aug 2021 · 1 min read मुश्किल तेरी मुश्किल में मददगार यहां कोई नहीं सिवा तेरे तेरा ग़मख़्वार यहां कोई नहीं अपने ख़्वाबों के लिए ख़ुद को ही बाज़ार बना तेरे ख़्वाबों का ख़रीदार यहां कोई नहीं... Hindi · मुक्तक 1 232 Share Shivkumar Bilagrami 5 Aug 2021 · 1 min read दाग़ दाग़ जो अब तक अयाँ हैं वो बता कैसे मिटें फास्ले जो दरमियाँ हैं वो बता कैसे मिटें एक मुद्दत से दिलों में दर्द की हैं बस्तियाँ दर्द की जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 176 Share Shivkumar Bilagrami 3 Aug 2021 · 1 min read Ghar / घर जिधर देखूं उधर ही घर सजा संवरा लगे तेरे घर में मुझे सब कुछ बहुत अच्छा लगे नफ़स में घुल रही हैं मीठी मीठी खुशबुएं यहां का ईंट पत्थर चांदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 636 Share Shivkumar Bilagrami 1 Aug 2021 · 1 min read बारिश आज फिर सुब्ह से बारिश हुई है शाम तलक आज फिर ख़्वाब में सैलाब दिखाई देगा Hindi · शेर 2 429 Share Shivkumar Bilagrami 1 Aug 2021 · 1 min read गुनहगार जिनके साये में गुनहगार खड़े होते हैं वो कभी भी न बड़े थे न बड़े होते हैं - शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 465 Share Shivkumar Bilagrami 13 Mar 2018 · 1 min read जय हिन्द वन्दे मातरम कोई भी पन्थ हो अपना कोई भी हो धरम सभी मिलकर कहो जयहिन्द वन्देमातरम हमारे देश ने दी है हमें ये ज़िन्दगी हमारे देश से हमको मिली है हर खुशी... Hindi · गीत 457 Share Shivkumar Bilagrami 23 Aug 2017 · 1 min read मेरे दिल में जो है मेरे दिल में जो है तुमको वो बताऊँ कैसे दिल की सरहद से ज़ुबाँ तक इसे लाऊँ कैसे एक तस्वीर जिसे दिल में छुपा रक्खा है चीरकर दिल को वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share Shivkumar Bilagrami 1 Aug 2017 · 1 min read नई दिल्ली हज़ारों ख़्वाब जनता को दिखाती है नई दिल्ली मगर जनता को अक्सर भूल जाती है नई दिल्ली न तो रहने न ही खाने का बंदोबस्त है कोई मगर फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 462 Share Shivkumar Bilagrami 30 Jul 2017 · 1 min read बड़े भाई मेरी उलझन को इतना क्यों बढ़ाते हो बड़े भाई तुम अपना दर्द मुझसे क्यों छुपाते हो बड़े भाई अकेले में तुम्हे पाया है मैंने सिसकियाँ भरते सभी के सामने तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 536 Share Shivkumar Bilagrami 22 Jul 2017 · 1 min read युद्ध के उन्माद न जाने कौन सा आनन्द इस अतिवाद में है जिसे देखो वही अब युद्ध के उन्माद में है कभी भी युद्ध से होती नहीं है हल समस्या समर्थक युद्ध का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 575 Share Shivkumar Bilagrami 21 Jul 2017 · 1 min read सैंकड़ों गोते सैंकड़ों गोते समुन्दर में लगाये हैं तब कहीं दो चार मोती हाथ आये हैं ज़िन्दगी अपनी भी जैसे आक्टोपस हो रंग इसने भी उसी जैसे दिखाये हैं छोड़ तो आये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share Shivkumar Bilagrami 12 Jul 2017 · 1 min read जहाँ भर में जहां भर में अमन का ग्राफ़ नीचे जा रहा है जिसे देखो वही तलवार खींचे जा रहा है क़लम से काटनी थी नफ़रतों की पौध जिसको वही अब नफ़रतों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 634 Share Shivkumar Bilagrami 10 Jul 2017 · 1 min read तुम्हें बादल दिखायेगा तुम्हें बादल दिखायेगा तुम्हारे वोट ले लेगा मगर कोई सियासतदां तुम्हें बारिश नहीं देगा गरीबों के लिए जब भी कोई योजना आये तो तुम भी देखना मंज़र कि इस पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read मुश्किलों के दौर को मुश्किलों के दौर को हम खुद पे ऐसे सह गए कुछ तो आँसू पी लिए कुछ एक आँसू बह गए उम्र भर आँखों में पाला था जिन्हें अपना समझ ख्व़ाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 283 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read अपनों से न गैरों से अपनों से न ग़ैरों से कोई भी गिला रखना आँखों को खुला रखना होंठों को सिला रखना जो ज़ख्म मिला तुमको अपने ही अज़ीज़ों से क्या ख़ूब मज़ा देगा तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 357 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read हमदर्द कैसे कैसे हमदर्द कैसे कैसे हमको सता रहे हैं काँटों की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूँ मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read मेरी सोच मेरी सोच मेरी हदों का निशां है मगर इसके आगे भी कोई जहां है सितारों को शायद पता हो न इसका सितारों से आगे नई कहकशां है न निकले कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share Previous Page 3