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20 Nov 2021 · 1 min read

Dost दोस्त

क्या तुमको हर दोस्त तुम्हारा झूठा लगता है
कौन है आख़िर वो जो तुमको सच्चा लगता है

किसको देख के छा जाती है लब पर ख़ामोशी
किसको देख के बातें करना अच्छा लगता है

दिल के बदले मांग रहे दिल छोटे दिल वाले
इस क़ीमत पर तो ये सौदा महंगा लगता है

इश्क़ नहीं होता है सस्ता इतना समझो तुम
ये महंगा होता है इसमें पैसा लगता है

मैंने जिसको अपना समझा वो बेगाना था
क्या तुमको भी जग में कोई अपना लगता है

शिवकुमार बिलगरामी

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