Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2021 · 1 min read

जय जगदम्बे

जयति जयति जय , जय जगदम्बे
असुर मर्दिनी जय मां दुर्गे

सिद्धदायिनी मां शतरूपा
परम सुंदरी रूप अनूपा
कृष्णा गौरी चंद्रघटा तुम
तुम ही देवी आदि स्वरूपा

जगत प्रिया शिव शंभू प्रिये
जयति जयति जय जय जगदंबे

अकार उकार मकार प्रणव की
तुम ही सत्व , रजस तम तुम ही
तुम ही योग महामाया मां
आदि अंत सब तुम ही जननी

शैलसुते तुम , तुम सिंधुसुते
जयति जयति जय जय जगदंबे

चंड मुंड मधु कैटभ हंत्री
महिषासुर मर्दिनि कापाली
शुंभ निशुंभ निकंदनिन देवी
रक्तबीज वध करने वाली

आधि व्याधि सब जग की हर ले
जयति जयति जय जय जगदंबे

-शिवकुमार बिलगरामी-

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
Anil chobisa
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
Jyoti Khari
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*खोटा था अपना सिक्का*
*खोटा था अपना सिक्का*
Poonam Matia
अप्प दीपो भव
अप्प दीपो भव
Shekhar Chandra Mitra
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
पं अंजू पांडेय अश्रु
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
गुमनाम 'बाबा'
*नासमझ*
*नासमझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
gurudeenverma198
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
तिरे रूह को पाने की तश्नगी नहीं है मुझे,
तिरे रूह को पाने की तश्नगी नहीं है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोरोना महामारी
कोरोना महामारी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
डॉक्टर रागिनी
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
भूत अउर सोखा
भूत अउर सोखा
आकाश महेशपुरी
Ajj fir ek bar tum mera yuhi intazar karna,
Ajj fir ek bar tum mera yuhi intazar karna,
Sakshi Tripathi
सुकून
सुकून
Neeraj Agarwal
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हमारे विपक्ष में
हमारे विपक्ष में
*प्रणय प्रभात*
ख्वाबों ने अपना रास्ता बदल लिया है,
ख्वाबों ने अपना रास्ता बदल लिया है,
manjula chauhan
*परियों से  भी प्यारी बेटी*
*परियों से भी प्यारी बेटी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
अपनी मसरूफियत का करके बहाना ,
अपनी मसरूफियत का करके बहाना ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*सरस रामकथा*
*सरस रामकथा*
Ravi Prakash
Loading...