Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2021 · 1 min read

कज़ा

उसने यूं अपने गुनाहों की सज़ा पाई है
रात दिन की हैं दुआएं तो क़ज़ा आई है

-शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो होता है आज ही होता है
जो होता है आज ही होता है
लक्ष्मी सिंह
समय का खेल
समय का खेल
Adha Deshwal
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
Anuj kumar
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
शेखर सिंह
2644.पूर्णिका
2644.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आईना
आईना
Sûrëkhâ
आपदा से सहमा आदमी
आपदा से सहमा आदमी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ज्ञान क्या है
ज्ञान क्या है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
*हम बच्चे हिंदुस्तान के { बालगीतिका }*
*हम बच्चे हिंदुस्तान के { बालगीतिका }*
Ravi Prakash
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
आर.एस. 'प्रीतम'
लोगों को जगा दो
लोगों को जगा दो
Shekhar Chandra Mitra
संघर्ष और निर्माण
संघर्ष और निर्माण
नेताम आर सी
पास नहीं
पास नहीं
Pratibha Pandey
कलम , रंग और कूची
कलम , रंग और कूची
Dr. Kishan tandon kranti
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
shabina. Naaz
A Dream In The Oceanfront
A Dream In The Oceanfront
Natasha Stephen
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच
ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
sushil sarna
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
gurudeenverma198
यूँ ही नही लुभाता,
यूँ ही नही लुभाता,
हिमांशु Kulshrestha
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
Loading...