Neelam Sharma Language: Hindi 518 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next Neelam Sharma 3 Jun 2017 · 1 min read प्रकृति हाइकु प्रकृति सुंदर सृष्टि सींचे इंद्रधनुष खुशी सिंदुरी। फैला गंदगी शोध समीक्षा करें मानव। बुढाये ख्वाब साझा धरा का कोना रोती प्रकृति। ढूंढते बच्चे खुशहाल प्रकृति खोजें न मिली। दुखी... Hindi · हाइकु 1 649 Share Neelam Sharma 3 Jun 2017 · 1 min read देखो खिली मन की कली। देखो खिली मन की कली......! मैं चंचला चपला अति हूं कल-कल हर्ष सी बहती नदी। मैं प्रीत के मधुर नाद सी प्रेमी युगल संवाद सी। मेरा नाम क्या तुमको है... Hindi · कविता 212 Share Neelam Sharma 3 Jun 2017 · 1 min read प्रकृति से संवाद। प्रकृति से संवाद......। वाह! अद्भुत! अप्रतीम ! अतीव सुंदर है अचला मेरी। क्या खूब कुदरत-सृष्टि एवं प्रकृति ने सजाई धरा मेरी। हे मां प्रकृति आज तुम मेरा स्नेहिल संवाद ले... Hindi · गीत 584 Share Neelam Sharma 2 Jun 2017 · 1 min read तस्वीर तस्वीर खींचकर कुछ आड़ी तिरछी लकीरें इक दिन कोरे कागज पर। मुझसे भोला बचपन बोला यह तस्वीर तुम्हारी है मां , और मुझे नन्हे हाथों से झंझोला। फिर से पेंसिल... Hindi · कविता 1 590 Share Neelam Sharma 2 Jun 2017 · 1 min read दीवारों के कान। दीवारों के कान। निंदा करना छिपकर सुनना,इंसानों का अरमान। करते बदनाम दीवारों को कि इनके लग गये कान निंदा रस की चाशनी कानों में रस सा घोले कहते दीवारें सुनलेगीं,तो... Hindi · कविता 482 Share Neelam Sharma 1 Jun 2017 · 1 min read बेवफा हाइकु बेवफा शाम सिंदुरी हरजाई सूरज घर न लौटा। बसी रूह में कुछ यादें सुहानी बेवफा पिया। भोला मनवा हरजाई बालम रोज सताए। बूंदें शक की हरजाई मन में बेचैनी... Hindi · हाइकु 1 314 Share Neelam Sharma 1 Jun 2017 · 1 min read शर्म हाइकु शरम/शर्म पर्दा न कर, शर्म आंखों की काफी खुद से डर। मन बांवरा शरम छोड़कर रहा मचल। शरम हया बस नाम के बचे कहते लोग। बनते नेता शरम बेचकर... Hindi · हाइकु 1 236 Share Neelam Sharma 1 Jun 2017 · 2 min read किताबें किताब का बदलता स्वरूप। आधुनिकता और अपने बदलते स्वरूप से विचलित कल पुस्तक मेरे सपने में आई। बैठ समीप मेरे मुझको फिर अपनी व्यथा सुनाई। बोली- बहुत विस्मित विचलित अचंभित... Hindi · लेख 436 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read सनम वल्गा- सनम कहूं खुदा की इनायत या तक़दीर का करम हुआ। ले तेरी चाहत,तेरी इबादत से आज तेरा सनम हुआ। हकीकत है,सपना है या फिर मुझे ही भरम हुआ, बता... Hindi · गीत 293 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read मुक्तक उन्वान- मुकद्दर, भाग्य, तक़दीर। कर रही नित नया प्रयास, मैं संवारने को तक़दीर। बन जाए तक़दीर मेरी,नित खोजूं नयी तद्वीर। भाग्य मुकद्दर और नसीब, किस स्याही से लिखा क्या तासीर... Hindi · मुक्तक 433 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read दर्पण दर्पण हो अपलक कर रहा,प्रेयसी का मनुहार। है पिया मिलन को कर रही सुरभित पुष्प श्रृंगार। चंचल चितवन,चंदन सा बदन,है चंद्र सम आभा, नयनों में स्वप्न चमक रहे लिए प्रेम... Hindi · मुक्तक 713 Share Neelam Sharma 31 May 2017 · 1 min read ख़फा ख़फा। रद़ीफ- ख़फा ख़फा। हवाएं भी ख़फा ख़फा फिजाएं भीख़फा ख़फा। नज़रें मिलें भी तो कैसे मिलें, हैं निगाहें भी ख़फा ख़फा। ये मौसम भी ख़फा ख़फा और घटाएं भी ख़फा... Hindi · गीत 540 Share Neelam Sharma 30 May 2017 · 1 min read रिश्ते रिश्ते कुछ हैं ख़ून के तो कुछ खुद ही बनाए रिश्ते। बात ख़ास ये है कि किसने कितने निभाए रिश्ते। बोझ लगते हैं अगर विश्वास न हो रिश्तों में आओ... Hindi · गीत 342 Share Neelam Sharma 30 May 2017 · 1 min read नहीं जाता। कुछ रिश्ते साथ होकर भी,याद नहीं आते कुछ दूर हो फिर भी, भुलाया नहीं जाता। ये इश्क हर किसी को रास आए,सच नहीं कोई नहीं भूलता, तो किसी को याद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 234 Share Neelam Sharma 30 May 2017 · 1 min read नहीं मिले। रद़ीफ़- नहीं मिले। क्यों इक हसीं ख्वाब सी है, किताब जिंदगी जब चाहा इसे पढलें तो साबूत पन्ने ही नहीं मिले। ढूंढा किए बहुत ज़ीस्त-ए-किताब में, मग़र दिल को दें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 418 Share Neelam Sharma 30 May 2017 · 1 min read यादों की तितलियां उड़ गई देख बनकर वो सब तितलियां यादें जो जुगनू बन चमकती थी। बस वही थी जो विराने में संग मेरे हर घड़ी हर पल विचरती थी। काश! होता कि... Hindi · कविता 208 Share Neelam Sharma 29 May 2017 · 1 min read जब शब्द बनते हैं तेरी यादों के रंगी तितलियां। तेरी यादों के कुछ रंगीं लम्हे होकर के शब्द भी उड़े बनकर तितलियां ?? सताती है जो वेदना मुझे तेरी जुदाई की आज वो फिर निकली हैं लगाके पंख यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 241 Share Neelam Sharma 29 May 2017 · 2 min read मानव और विज्ञान लघुकथा- मानव और विज्ञान दादा जी बहुत बेसब्री से गर्मी की छुट्टियों का इंतजार कर रहे थे कि कब उनके पोती-पोता उनके साथ रहने आएंगे और वे उन्हें गांव की... Hindi · कहानी 375 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read चाहत कभी बेरंग गुज़री है कभी बेज़ार गुज़री है तेरी ही चाहतों के सिलसिलों में य़ार गुज़री है रंग तो आसमान में भी बिखेरे थे इन्द्रधनुष ने मेरे आँचल पे ही... Hindi · गीत 1 1 466 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read आशा आशा कुछ और नहीं सुन ,मेरे हिय, बस तुमसे मिलने की आशा है , हाँ तुम ही कहो,जी चौर पिया,क्या प्रेम की यही परिभाषा है l मधुमास लिए,अहसास लिए मेरे... Hindi · कविता 497 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण पर्यावरण पर मुक्तक कर ऐसा तू कृत्य मनु, वसुधा पर छाये बसंत, खग मृग तरु ताड़ वल्लरी,सब हो जायेंप्राणवंत। प्रदूषण की कुरूप घटा, कहीं रहे न शेष, सकल पर्यावरण में... Hindi · मुक्तक 290 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read गज़ल मिसरा- मेरी चाहत के सांचे में पिघल जा। काफ़िया-पिघल (ल) रद़ीफ़- जा। परवाना खुद ही आता है ख़ाक होने को शम्मा नहीं कहती,तू आकर जल जा। नहीं मिलना मिलाना अब,ख़फा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 299 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read गज़ल मिसरा- जब बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम। काफ़िया-आ रद़ीफ़-क्यूं करें हम। सीधा सादा है महबूब मेरा, उससे शिकवा भला क्यूं करें हम। जब वो रहता है मेरे जिगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read अरमान अरमान (मुक्तक) तुम्हें पाया तो यूं लगा,जिंदगी का अरमां मिल गया तेरी चाहत की खुश बूसे फूलों को समां मिल गया हाथ उठते थे इबादत को कुछ मांगने के लिए,... Hindi · मुक्तक 251 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read हाइकु हाइकु (१) ठूंठ हो गई गुलज़ार जिंदगी वृक्ष न काटो। (२) राष्ट्र हमारा सियासत उनकी गई निगल। (३) भूला बिसरा बचपन जो बीता ढूंढ रहे हैं। (४) पुष्प खिलता तालाब... Hindi · हाइकु 2 1 449 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read तेरे लिए तेरे लिए। आ नव बसंत खिलादूं, मैं सजनी तेरे लिए। खुशियां अपार अनन्त फैलादूं तेरी खुशियों के लिए। फागुन के रंग मंगादूं, तेरे गालों के लिए। सुरभित सुंदर सुमन मंगादूं,... Hindi · गीत 555 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read अश्क अश्क क्या सुप्त मन की छिपी वेदना हैं ये अश्क तेरे।क्यों करते नहीं मन की अभिव्यक्ति खुलकर कभी कौन सी चिंता पीड़ा है तेरे मन को घेरे। हां जानता हूं... Hindi · कविता 199 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक १) सकारात्मकता को बीज बनाकर तू सींचदे,मन वसुधा पर सोकर। सुखद फसल हीं उपजेगीं सब, काटने हेतु तू रहना तत्पर। २) मेंहदी कंगना चूड़ियां सजा सुहागन चाँद निहारे चाँद... Hindi · मुक्तक 374 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read चांद हाइकु चांद बुढ़िया माई है चरखा कातती चांद पे देखो। रात चांदनी चित्रकार अंबर भाव उकेरे। नन्हे बालक चंद्रमा की चाहत खिलखिलाएं। यादें पिया की चांद का प्रतिबिंब शीतल मन।... Hindi · हाइकु 1 1 281 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read अहसास लिखूं। अहसास सोच रही हूं आज पिया मैं तुम पर एक उपन्यास लिखूं। तुमको अपनी मौज लिखूं या अपने जीवन का ह्रास लिखूं। तेरी झूठी फितरत से ही खत्म हुआ उल्लास... Hindi · गीत 1 1 324 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read गज़ल मिसरा-आप मेरी जिंदगी बन जाइए। सुनकर मेरी बात मंद मंद न मुस्कुराइए। दिल को आएगा सुकून पास आइए। बस आप ही हमारे दिल में हैं सनम। है कौन दिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 2 min read सच्चा सुख । सच्चा सुख......?? "मालिनी आजकल बहुत परेशान रहती है और उसका चिड़चिड़ापन भी बढ़ता जा रहा है" कुसुम अपने पति मोहन से कह रही थी।मोहन कुछ सोचते हुए बोला- "न जातु... Hindi · कहानी 471 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read अंगड़ाई अंगड़ाई १) क्यों हुई गुलाबी सुरमई पुर्वा यह बात समझ न आई। नील गगन पर भी काली घनघोर घटाएं छाई। पक्षियों ने मधुर सुर छेड़े और तरु वल्लरी नाचें। लगता... Hindi · मुक्तक 364 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 2 min read व्यापारी राजा व्यापारी राजा! हे भारतीय मन मेरी बात ध्यान से सुनना। चाहिए ग़र बदलाव विकास संग तो नव स्वप्न सब बुनना। शब्द 'व्यापारी राजा' से क्यों हम संशय में पड़ जाते... Hindi · कविता 232 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read शुभ्र कपोत हे शुभ्र गौर, श्वेत,अमल रंग कपोत, वलक्ष, शुक्ल,अवदात पारावत। तुझे देख हृदय ऊर्जावान हुआ, अति हर्ष से मन मेरा हुआ ओतप्रोत। हे रक्तलोचन उज्ज्वल धवल, है परवाज़ तेरी उन्मुक्त निश्छल।... Hindi · गीत 294 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read गज़ल २५/५/१८ मिसरा- हमसे ऊंची उड़ान किसकी है। क़ाफ़िया- किसकी ( ई) गिरह- आ करें खुले मैदान में एक मुकाबला, हम भी देखें ,हमसे ऊंची उड़ान किसकी है। १) ये इज़हार-ए-मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 285 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read गज़ल आज का हासिल मिसरा- तुम हकीकत नहीं हो हसरत हो। काफ़िया-अ रद़ीफ़-हो। तुम जियारत हो मुहब्बत की सनम, तुम्हीं मेरे इश्क की नफासत हो। बागबां में तरो ताज़ा खुश्बू फूलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read यादों का सफ़र। यादों का सफ़र यादों का तेरी इस कदर छाया उन्माद है, वो मीठी स्मृतियां आज फिर बन गयी संवाद है। आलोकित मधुर बसंत सी पिया हैं तेरी यादें, जब हम... Hindi · मुक्तक 341 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read क्यों मेघ ये बरसते हैं। बादल देखो मेघ घन,जलधर,वारिद, की आंखों से क्यों आंसू छलके? क्या सागर ये हैं भर रहे, अपने नयन सजल से? कौन समझा है और समझेगा कि गीले हैं नभ लोचन... Hindi · गीत 335 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read प्रेम प्रेम विद्या- छंद मुक्त तेरे हृदय प्रेम का प्याला, अब तक खाली क्यों है? क्या तेरे उपवन से गया बसंत, चुप बैठा माली क्यों है? क्यों प्रेमी खग अब नहीं... Hindi · कविता 521 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read कारवां जिंदगी का। कुछ इस तरह बढ़ता रहा कारवां जिंदगी का, न तुमने याद किया और न हमने मुडकर देखा। हां बस दीवार ही होती रही खड़ी बीच रिश्तों के दिल में घर... Hindi · शेर 518 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read मिल गई। फ़िलबदीह - २४९ मिसरा - जिसे मां की दुआएं मिल गई। काफ़िया -दुआएं। रद़ीफ़- मिल गई। गिरह- समझो पाली उसने सारी कायनात, जिसे मां की दुआएं मिल गई। १) तुमको... Hindi · गीत 253 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read हिसाब मांगे हैं। फ़िलबदीह-१२२ मिसरा- तिरी निगाह तो सारा हिसाब मांगे हैं। गिरह- महबूब मुहब्बत में आशिक से गुलाब मांगें हैं, क्यों,तिरी निगाह तो सारा हिसाब मांगे हैं। १) है लूटा जिसने, नज़रों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read खनक खनके वलय,कंगना खनखन, प्रिये तू चंचल सुंदर चपल। सुनकर खनक तेरे कटक,कड़े की दिल मेरा जाता है मचल। चटक न जाए तेरे कंकण कंगना ओ दीवानी ज़रा संभल के चल।... Hindi · गीत 343 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 1 min read सफलता तेरे लिए। फ़िया- आया।(आ) २४/५/१७ मत गुरुर कर सफलता खुद पे, मैं हासिल करूंगी तुझे, खातिर तेरी मैंने हर सुख भुलाया, सिर्फ तेरे लिए। असफलताएं मुझे चाहती हैं तो चाहा करें, प्रयास... Hindi · गीत 481 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 2 min read सिंधु का इंटरव्यू सागर किनारे समुद रसागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, वारिधि, नीरनिधि, अर्णव, जलधाम, असीम अपार नील वर्ण की है अद्भुत जिसकी पहचान। पहुंची मैं उसके किनारे कुछ जानने के लिए... Hindi · लेख 238 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 1 min read शब्द छंद मुक्त रचना विषय-शब्द शब्द असीम भाव हैं, नहीं हैं माना हाथ इनके और नहीं पांव हैं। कभी घायल की मरहम बनते, तो किसी को देते घाव हैं। माना इनकी... Hindi · कविता 335 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 1 min read गज़ल फ़िलबदीह-१२१ २३/५/१७ मिसरा-न जाने वजह क्या हुई खुद खुशी की। काफ़िया-ई रदीफ-की। गिरह- हां कोस रहा था कल वो अपनी खलिश को ही, न जाने पर वज़ह क्या हुई, खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 1 min read किस लिए। काफ़िया- जला(आ) रदीफ-लिए। माना अल्लाह की है तू बेनज़ीर अदा इन्सान, फिर अपने ऊपर खामखां रहा इतरा किस लिए। है रहा निगल आफताब रोज़ ताऱीक ज़ीस्त की, दे रहा आदम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 575 Share Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read जिंदगी बहृ-२१२ २१२ २१२ तुम गये जिंदगी थम गयी, ढूंढते ही रहे जिंदगी। जिंदगी हादसा बन गयी, पर हमको ना मिली वोे कभी। मिलकर तुमसे यूं लगा, देख आईना हंसी/बसी जिंदगी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share Previous Page 10 Next