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25 May 2017 · 1 min read

कारवां जिंदगी का।

कुछ इस तरह बढ़ता रहा कारवां जिंदगी का,
न तुमने याद किया और न हमने मुडकर देखा।

हां बस दीवार ही होती रही खड़ी बीच रिश्तों के
दिल में घर किए बैठें है कुछ घाव, बिन किश्तों के

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: शेर
440 Views
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