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23 May 2017 · 1 min read

जिंदगी

बहृ-२१२ २१२ २१२

तुम गये जिंदगी थम गयी,
ढूंढते ही रहे जिंदगी।
जिंदगी हादसा बन गयी,
पर हमको ना मिली वोे कभी।

मिलकर तुमसे यूं लगा,
देख आईना हंसी/बसी जिंदगी।
आसरा जो बनी अब नहीं,
खुश्बू खोती रही जिंदगी।

नीलम शर्मा

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