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27 May 2017 · 1 min read

अहसास लिखूं।

अहसास

सोच ​रही हूं आज पिया मैं
तुम पर एक उपन्यास लिखूं।
तुमको अपनी मौज लिखूं या
अपने जीवन का ह्रास लिखूं।

तेरी झूठी फितरत से ही
खत्म हुआ उल्लास लिखूं।
अनुभूति पीड़ा की लिखूं या
प्रेम-प्रीत का उपहास लिखूं।

तुमको अपने पास लिखूं या
आस हुयी निराश लिखूं।
तुमको कोरी कल्पना लिखूं
या होने का आभास लिखूं।

हर्ष लिखूं आवेग लिखूं या
तुम्हारा एक परिहास लिखूं।
तुमको अपना आज लिखूं या
भूला सा इतिहास लिखूं।

व्यथा वेदना मन की लिखूं
या विरह पीड़ा ख़ास लिखूं।
बाहर से मैं चहकती बुलबुल
जी भीतर दुखी उदास लिखूं।

तू ही बता नीलम मैं अहसास की
क्या परिभाष लिखूं।
सोच रही हूं आज पिया मैं
मन के कुछ अहसास लिखूं।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 288 Views
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