लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 Next लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2019 · 1 min read हुंकार भड़क उठे है दिल में शोले आँखों में अंगार। ऐसे रिपु को जिन्दा छोड़े तो जीवन धिक्कार। हर शहीद का बदला लेगें देगें सीना चीर - युद्ध करो, हुंकार भरो,... Hindi · मुक्तक 315 Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2019 · 1 min read आतंकी गद्दार आतंकी गद्दारों के सीने में गोली भर डालो। संयम टूटा गुस्से का शत्रु का शीश चिता पर डालो। सैनिक की कीमत क्या होती इनको जाकर बतलाओ - यदि सीने में... Hindi · मुक्तक 219 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2019 · 2 min read पुलवामा शहीद दिवस आँखों से आँसू बहे, कलम रक्त की धार। हुआ आज कश्मीर में, वीरों का संहार।। १ इंच - इंच ताबूत में, आया माँ का पूत। भस्म करो आतंक को, बन... Hindi · दोहा 2 2 236 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2019 · 1 min read मित्र मद मादक मदमस्त सा,घुला साँस में इत्र। मन मन्दिर महका गया, मोहक मनहर मित्र।। कैनवास पर फैलते, रंग बिरंगे चित्र। भाग्य कर्म की तूलिका, देती सच्चा मित्र।। देतीं हैं ये... Hindi · दोहा 2 322 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2019 · 1 min read परछाई चाहे कितना भी अधिक, श्वेत मनुज का अंग। उसकी परछाई मगर, होती काली रंग।। १ है परछाई भी तभी, जब तक रहे उजास। वैसे ही मुश्किल समय, कोई रहे न... Hindi · दोहा 2 1 209 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2019 · 1 min read वसंत चंचल हुआ नवल भू यौवन प्रिय । पा स्नेहिल स्पर्श आलिंगन प्रिय। रूप रस गंध की सरिता मचली - करने वसंत का अभिवादन प्रिय। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 173 Share लक्ष्मी सिंह 13 Feb 2019 · 1 min read विरह वसंत पिया नहीं आये सखी,क्यों आ गया बसंत। दहके टेसू-सा बदन,तृष्णा भरे अनंत।। १ कोयलिया कुहके सखी, सुध बुध लेती छीन। बौराई हूँ आम सी,तन हो गया मलीन।।२ पिया अनाड़ी नासमझ,... Hindi · दोहा · वसंत · विरह 207 Share लक्ष्मी सिंह 12 Feb 2019 · 1 min read मानव बाहर चंदन सा महक रहा, लेकिन अंदर से खारा है। आने जाने की चक्की में, पिसता मानव बेचारा है। बस लगा रहा अपनी धुन में, जीवन भर समझ नहीं पाया... Hindi · मुक्तक 190 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2019 · 1 min read वसंत आ गया केशरिया वस्त्र पहन, मानो कोई संत आ गया। सकुचाई शकुन्तला, उपवन में दुष्यंत आ गया। मनहारी सकल सृष्टि, मादक सुगंध चहुँ दिश बिखरे - सभी सुप्त सपने सजाने, देखो वसंत... Hindi · मुक्तक 252 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2019 · 1 min read वीणा वादिनी हे सौम्य रूपा, रूचिर वीणा वादिनी जयति जय माँ। माँ शारदा वागीश्वरी वरदायिनी जयति जय माँ। हे विद्या, कला, बुद्धि प्रदा, तमस हारिनी ज्योतिर्मयी - परमेश्वरी कमल नयनी कमलासिनी जयति... Hindi · मुक्तक 186 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2019 · 1 min read मकरंद गुंजित सुमनों के अधर,जब नेहों के छंद। केसरिया के रंग से, झड़ते हैं मकरंद।। १ कवि वसंत पर लिख रहे, कविता दोहा छंद। हर्फ - हर्फ में है भरी, मीठा... Hindi · दोहा 764 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2019 · 1 min read जो फूल ही फूल है बाहर से जो फूल ही फूल है बाहर से। वो जख्म ही जख्म है अंदर से। सहमा- सहमा बेगुनाह चिराग - कुछ सितमगर हवाओं के डर से। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 264 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2019 · 1 min read चाॅक्लेट मै लाई बाजार से, इक चाॅक्लेट बार। स्वाद भरा इतना अधिक , जैसे माँ का प्यार।। १ चाॅक्लेट डे से हमें, बहुत अधिक है प्यार। क्योंकि मिले इस दिन हमें,... Hindi · दोहा 1 169 Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2019 · 1 min read जुबाँ से कह न पाऊँगी जुबाँ से कह न पाऊँगी,समझ लो आँखो की बोली। जरा तुम ध्यान से देखो बनी है तेरी रंगोली। समर्पण है समर्थन है मैं बनूँ हर जनम तेरी- चले आओ सनम... Hindi · मुक्तक 220 Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2019 · 1 min read जागते आँखों में जागते आँखों में कोई ख्वाब आया था। आसमाँ से जमीं पर आफताब आया था। महक उठा है मेरे मन का हर इक कोना - लगता है मुझ से मिलने गुलाब... Hindi · मुक्तक 169 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2019 · 1 min read वसंत 1) आया वसंत फूटे कोपल अनंत शीत का अंत। 2) वसंत आता गीत गाता मुस्काता पंख फैलाता। 3) सुन्दर धरा चुनरी ओढ़े हरा फूलों से भरा। 4) कोयल बोली किसान... Hindi · हाइकु 2 513 Share लक्ष्मी सिंह 4 Feb 2019 · 1 min read हमराही हरदम हमदम बनाना चाहती हूँ। तेरा हर गम चुराना चाहती हूँ। तेरा हमदर्द हमराही बनूँ मैं - कदम से कदम मिलाना चाहती हूँ। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 1 263 Share लक्ष्मी सिंह 4 Feb 2019 · 1 min read प्रिय विरह - २ स्मृति प्रेम की नींद में, सुख क्रीड़ा का ध्यान। सुख चपला की छटा, हर लेती है ज्ञान ।। १ अश्रु भीगते नित नयन, अविरल जल की धार। मन व्याकुल तड़पे... Hindi · दोहा · विरह 767 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2019 · 2 min read चूड़ियाँ युग बदला, बदला नहीं, चूड़ी का श्रृंगार। इस युग में भी चूड़ियाँ, मिलते कई प्रकार।। १ फैशन के युग में बने, नित नूतन आकार। हर युग में हरदम रही, चूड़ी... Hindi · दोहा · नारी शक्ति 626 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2019 · 1 min read जुगनू जुगनू जगकर रात भर, क्या करता हैं खोज। खुद ही खो जाता सुबह, क्रम चलता हर रोज।। १ भरी दुखों से जिन्दगी, नहीं अँधेरा साथ। मैं जुगनू हूँ रोशनी, रखता... Hindi · दोहा 236 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2019 · 1 min read तन्हा पलाश 1) तन्हा पलाश, भौंरा आये ना पास, खड़ा उदास। 2) पलाश रस्ते सजे ना गुलदस्ते दर्द सहते। 3) पलाश लाल गूँथता नहीं माल न पूजा थाल। 4) फूल पलाश जीवन... Hindi · हाइकु 2 356 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2019 · 1 min read क्यो परदेशी होती हैं बिटिया बाबुल के आँगन की इक चिड़िया, क्यों परदेशी होती है बिटिया? पिता आँगन जो फूल सी खिलती, महक ले जाती दूसरी बगिया। बाबुल आँगना से कोसों दूर, बसती है उसकी... Hindi · गीत · बेटी/बेटियां 1 563 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2019 · 1 min read हास्य दोहे कविता दिल्ली आ गई, छपी खबर अखबार। हमने पढ़कर ये खबर, लिख दी फिर दो-चार।। कविता है मनमोहिनी, बड़ी रसीली नार। जिसको पाने के लिए, कवियों में तकरार।। भूषित कविता... Hindi · दोहा · हास्य कविता 255 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2019 · 2 min read मरीचिका मरीचिका हँसती रही, लगा मनुज को बेंत। मृत भू में जल ढ़ूढता,सच है केवल रेत।। १ मन मेरा भरमा गया, इक आशा की फाँस। मरीचिका केवल दिखी, डूब रही है... Hindi · दोहा 335 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2019 · 1 min read मरीचिका पानी बहुत अधिक गहरा होता है रेगिस्तान में। मृग मनुज दोनो ही दौड़ते मरीचिका के भान में। लेकिन जल की लुभावनी प्रतिछवि देती केवल मौत - ऐसे ही छला जाता... Hindi · मुक्तक 1 216 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2019 · 2 min read फिजा लेकर आई है फिजा, मेरे प्रिय को आज। मैं दिल की कैसे कहूँ,आये मुझको लाज।। १ दीपक उर में प्रेम का, फिजा हुई सतरंग। मिला सजन का साथ जब, निखरा... Hindi · दोहा 255 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2019 · 1 min read नित्य-नियम नित्य दिवस उठ कर करें, सर्व प्रथम यह काम। देख स्वयं निज हाथ को, लेना प्रभु का नाम।। १ प्रात काल उठकर करें, नित भू को स्पर्श। आश्रय, कपड़ा,अन्न, जल,... Hindi · दोहा 656 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2019 · 1 min read उम्मीद सब कुछ खो जाये अगर, मत खोना उम्मीद। सपने आते हैं तभी, जब आती है नींद।। एक सजग इंसान ही, करता है उम्मीद। बिन कारण खोता नहीं,वह आँखों का नींद।।... Hindi · दोहा 326 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2019 · 2 min read क्रोध चार नरक के द्वार हैं,काम,लोभ ,मद,क्रोध। जीवन उसका है सफल,जिसको इसका बोध।।१ क्रोध दूसरों में करे, सिर्फ क्रोध संचार। करे शांति को भंग जो, ऐसा एक विकार।। २ क्रोध कभी... Hindi · दोहा 177 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2019 · 1 min read हाथ की लकीरों में गर निगाहें सुन्दर हो तो अदा मार देती है। दिल से जो निकलती है वो सदा मार देती है। उलझी हुई हूँ मैं ,अपनी हाथ की लकीरों में - गर... Hindi · मुक्तक 193 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2019 · 1 min read नया कानून माँगती हूँ नया कानून माँगती हूँ ,नूतन संविधान कीजिए । रहे सुरक्षित बहू-बेटियाँ ,ऐसा जहान कीजिए। नित दिन दरिन्दगी बढ़ रहा है ,यह देश शर्मसार है - गुनाहगारों के लिए मृत्यु दंड... Hindi · मुक्तक 170 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2019 · 1 min read बालवीर तुम ही भारत के बाल वीर हो। अभिमन्यु सरीखे महा धीर हो। अमित शक्ति क्षमता के मालिक तुम- अति तीव्र दो धारी शमशीर हो। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 248 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2019 · 1 min read कश्मीर से कन्याकुमारी कश्मीर से कन्याकुमारी। वीरों की यह धरा हमारी। पावन है गणतंत्र देश का- हमें जान से ज्यादा प्यारी। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 202 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2019 · 1 min read बेटियाँ एक पुत्र को जन्म दूँ, रही सभी की चाह। दो बेटी की माँ बनी, मुझे नहीं परवाह।। १ मुझे मिली जब बेटियाँ, समझ न आई बात। जग ने ताने दी... Hindi · दोहा · बेटी/बेटियां 247 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2019 · 1 min read गणतंत्र आज बहुत पावन दिवस, आया है गणतंत्र। अमर तिरंगा देश का, गाओ गौरव मंत्र।। १ आज दिवस गणतंत्र है, जिस पर हमको गर्व। देशभक्ति बलिदान की ,यह वीरों का पर्व।।... Hindi · दोहा 356 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2019 · 1 min read दुख दुख के आँचल में छिपा, सभी सुखों का सार। सघन सजल सब भावना, है जिसका आधार।। ऊपर है भगवान तो, नीचे दुख का ढेर। चमके सूरज नित गगन, धरती पर... Hindi · दोहा 180 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2019 · 1 min read नारी शक्ति हे! मृदु स्वर लहरी बदल, कर भीषण संहार। लाज बचाने के लिए , करो तेज तलवार।। १ कोमलता को त्याग दो, धर रणचंडी रूप। जीभ तृप्त कर रिपु लहू, लेकर... Hindi · दोहा · नारी शक्ति 240 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2019 · 1 min read परिवार ?????? इक अभिन्न-सा अंग है, जीवन में परिवार। प्रेम - स्नेह से सींच कर, स्वर्ग बने घर-द्वार।। १ फूलों की बगिया लगे, यह अपना परिवार। हिल मिल सब रहते जहाँ,... Hindi · दोहा 1 194 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2019 · 1 min read सादगी नाज-नखरे व लटके-झटके, कभी पसंद न आई। एक मोहिनी भोली सूरत दिल में रही समाई। गजब सादगी में सुन्दरता मन विचलित कर जाए- शर्म हया का पहने गहना, नज़रें खड़ी... Hindi · मुक्तक 1 1 433 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2019 · 1 min read तुझे दिल में उतारूँ मैं तुझे दिल में उतारूँ मैं। नजर भर कर निहारूँ मैं। छुपाकर याद को तेरी - हकीकत को सवारूँ मैं। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 1 165 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2019 · 1 min read फूटे हुए मटके में फूटे हुए मटके में जज्बात भरती हूँ। भरता नहीं है फिर भी दिन-रात भरती हूँ। मिटते नहीं हैं दर्द बेजुबान अश्कों से- टूटे हुए इस दिल की बरसात भरती हूँ।... Hindi · मुक्तक 185 Share लक्ष्मी सिंह 15 Jan 2019 · 1 min read साग आया मौसम साग का, पोषण से भरपूर। नित इसका सेवन करें, रोग रहेगा दूर।।१ पालक, चौलाई, चना, सोया, सरसो साग। सदा स्वस्थ तन को रखे, दौड़े तेज दिमाग।। २ बथुए... Hindi · दोहा 259 Share लक्ष्मी सिंह 10 Jan 2019 · 1 min read काम हुआ मशीनों का मनुज,कितना आज गुलाम बटन दबाते ही सभी, हो जाते हैं काम।। १ छोटे बच्चे भी कभी, कर जाते वो काम। बड़े-बड़े जिस काम में, होते हैं नाकाम।।... Hindi · दोहा 2 2 374 Share लक्ष्मी सिंह 6 Jan 2019 · 1 min read सर्द सूर्य देव मद्धिम हुए, उतरा नभ का ताप। श्वेत घना घन कोहरा, बरस रहा चुपचाप।। १ धुआँ-धुआँ-सा बन उड़े, रूई की सी फाह। ठिठुरी ठिठुरी सर्द की, सहमी-सहमी राह।। २... Hindi · दोहा 1 216 Share लक्ष्मी सिंह 6 Jan 2019 · 1 min read कर्म होनी तो होकर रहे, मत कर व्यर्थ विचार। कर्म पंथ पर बढ़ चलो, यह जीवन का सार।। १ दिल में मानवता रखें, होठों पर मुस्कान। बिना स्वार्थ तू कर्म कर,... Hindi · दोहा 1 376 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jan 2019 · 1 min read याद खट्टी-मीठी सी लगे, भूली बिसरी याद। यादों में आते सभी, चल जाने के बाद।। १ बीत रहा जो पल यहाँ, बन जाते हैं याद। जो गम खुशियों से भरा, गठरी... Hindi · दोहा · विरह 1 227 Share लक्ष्मी सिंह 4 Jan 2019 · 1 min read विश्वास जग में मुश्किल कुछ नहीं, हो मन में विश्वास। हिम्मत से बढ़ते रहो, पूरी होगी आस।। १ जीवन पतझड़ सा लगे, होना नहीं उदास। फूल खिला विश्वास का, लौटेगा मधुमास।।... Hindi · दोहा 1 3 225 Share लक्ष्मी सिंह 3 Jan 2019 · 2 min read भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन भाव, ताल औ"राग से, निकला भारत देश। आज बना है इंडिया, बदल गया परिवेश।। १ देवों ने जिसको रचा, अपना भारत धाम। बदल दिया अंग्रेज ने, रखा इंडिया नाम।। २... Hindi · दोहा 2 2 487 Share लक्ष्मी सिंह 31 Dec 2018 · 1 min read नव वर्ष आज रात है आखिरी, बीत रहा है साल। झूमे स्वागत में सभी, चमक रहे हैं गाल।। १ साल पुराना हो रहा, आज सभी से दूर। क्या करना जब है यही,... Hindi · दोहा 1 230 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2018 · 1 min read मन 1) पावस मन, बतास सा बदन, मग्न झूमता। 2) टेसू सा मन, रंग भरा जीवन, सदा मुस्काता। 3) इत्र सा मन, गुलाबों सा बदन, मुग्ध करता। 4) उन्मादी मन, मतवाला... Hindi · हाइकु 6 2 473 Share Previous Page 12 Next