लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next लक्ष्मी सिंह 17 Aug 2019 · 1 min read मच्छर हाय कहाँ से आ गया,ये मच्छर शैतान। मटक-मटक कर घूमता,अपना सीना तान।। मच्छर है खच्चर बहुत, जड़ूँ उसे दो चाट। मुझे अकेला देख कर, झट से लेता काट।। जूँ-जूँ कर... Hindi · दोहा 487 Share लक्ष्मी सिंह 17 Aug 2019 · 1 min read नीति युक्त दोहे विष अमृत सम भाव से,कर लेता जो पान। इस जग में शिव की तरह, उसको योगी मान।। ठोकर खाये हर कदम, सहा भाग्य का लेख। बाँट रहे फिर भी सुमन,... Hindi · दोहा 1 528 Share लक्ष्मी सिंह 17 Aug 2019 · 1 min read सावन सावन सोना- सा लगे, मोती-सी हर बूँद। धरती अंबर से मिली, अपनी पलकें मूँद।। सावन बरसाने लगा,निर्मल जल की धार। बूँद-बूँद जीवन भरा, अमृत की बौछार।। गूँज रहा धरती गगन,... Hindi · दोहा · सावन 454 Share लक्ष्मी सिंह 16 Aug 2019 · 1 min read राखी/भैया क्यों आये नहीं प्रात काल उठते सुनी, जब कागा की बोल। भैया आयेगें लगा, हृदय गया फिर डोल।१। उड़ -उड़ कागा आंगना ,बहुत मचाया शोर। सुन उसकी वाणी मगर, मन में उठे हिलोर।२।... Hindi · दोहा 2 301 Share लक्ष्मी सिंह 16 Aug 2019 · 1 min read रिश्वत बड़ा गज़ब का देखिए, ये रिश्वत का खेल। लेते हैं रिश्वत मगर, कभी न जाते जेल।१। घूस मांगते प्यार से, चूसे तन का रक्त। पर अपने व्यवहार से, बने देश... Hindi · दोहा 1 356 Share लक्ष्मी सिंह 14 Aug 2019 · 1 min read प्रश्नों का अंबार मन में भर कर मत रखें, प्रश्नों का अंबार। धीरे धीरे से सुलग, बनता है अंगार।। मन में जितने प्रश्न हैं, उस पर करो विचार। उचित समय पर बोल दो,... Hindi · दोहा 2 208 Share लक्ष्मी सिंह 13 Aug 2019 · 1 min read जीवन जीवन जीने का तभी, मन में उठा सवाल। जब आईने में नजर, आया उजला बाल।। आया उजला बाल, नहीं पहले देखा था। जमा कई थे ख्वाब, उदासी की रेखा था।... Hindi · कुण्डलिया 2 1 273 Share लक्ष्मी सिंह 13 Aug 2019 · 1 min read सावन के पर्व-त्योहार ***************** सावन लाया है सखी, कई पर्व – त्योहार। छिपा हुआ हर पर्व में, जीवन का आधार।।१ सावन पावन माह में , है हरियाली तीज। घर-आँगन झूले पड़े, व्यंजन बने... Hindi · दोहा · सावन 1 1 239 Share लक्ष्मी सिंह 12 Aug 2019 · 1 min read राम भजन हरिगीतिका -छंद सूरत सलोनी श्याम सुंदर, नाथ मेरे राम है। करुणा भरा कोमल हृदय में, राम का ही धाम है। श्री राम से खाली यहाँ पर, कौन- सा स्थान है।... Hindi · गीत · भजन · वंदना · स्तुति · हरिगीतिका छंद 255 Share लक्ष्मी सिंह 9 Aug 2019 · 1 min read दहेज विधा-कुकुभ एवं ताटंक छंदाधारित मुक्तक देख तराजू दुल्हा बैठा, कलप रही बेटी प्यारी। दे दी घर की दौलत सारी, फिर भी है पलड़ा भारी। ये दौलत के कितने भूखे, करते... Hindi · गीत · बेटी/बेटियां · लावणी /ताटंक छंद 484 Share लक्ष्मी सिंह 9 Aug 2019 · 1 min read ये कैसी झाँकी है ये कैसी झाँकी है समाज के। पूत कपूत है कितना आज के। मात-पिता के इज्जत भूले हैं- ये नंगा नाचते बिन लाज के।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 1 252 Share लक्ष्मी सिंह 9 Aug 2019 · 1 min read मंजिल मंजिल नहीं मिले जब तक आराम नहीं करना। अपने आप को कभी खुद नाकाम नहीं करना। जो दाग शीश पर है, पसीने से मिटा लेना - अपने हौसलों का नाम... Hindi · मुक्तक 2 386 Share लक्ष्मी सिंह 9 Aug 2019 · 1 min read जिंदगी आधे अधुरे मन से कोई काम नहीं करना। यूँ हीं बरबाद अपना सुबह-शाम नहीं करना। ऐसे जियो की आखरी सांस भी मुक्कमल हो- अपने जिन्दगी को यूँ ही तमाम नहीं... Hindi · मुक्तक 1 403 Share लक्ष्मी सिंह 8 Aug 2019 · 1 min read पावस की रात शुन्य हृदय में प्रेम की,गहन जलद बरसात। गहन अँधेरा कर गयी, पावस की यह रात।। झुलस रही हूँ अग्नि-सी, बढ़ा दिया संताप। मुझ विरहण को यूँ लगे, दिया किसी ने... Hindi · गीत · दोहा · दोहा गीत · बरसात 3 2 513 Share लक्ष्मी सिंह 8 Aug 2019 · 1 min read गाँधी जी के बंदर गाँधी जी के तीनों बंदर। सबक सिखाते हैं अति सुंदर। प्रथम सिखाता मुख मत खोलो। जब भी बोलो मिश्री घोलो। मौन साध कर करो तपस्या, सभी समस्या ऐसे टालो। मधुर... Hindi · गीत · चौपाई · बाल कविता 285 Share लक्ष्मी सिंह 8 Aug 2019 · 1 min read बचपन याद है वो बचपन के दिन, किताब के पन्नों के बीच, हम मोर पंख पाला करते थे। उसमें रोज़-रोज़ चॉक झाड़ कर पन्नों के बीच में डाला करते थे। इसी... Hindi · कविता · बचपन 1 402 Share लक्ष्मी सिंह 7 Aug 2019 · 1 min read सुषमा स्वराज प्रबल प्रखर मृदुभाषिणी,श्रेष्ठ सुषमा स्वराज। अमिट छाप निज छोड़ कर, चली गई हैं आज।। सरल सौम्य व्यक्तित्व में, खिली मधुर मुस्कान। अतुलनीय सौन्दर्य की, बिन्दी थी पहचान।। नारी की आदर्श... Hindi · दोहा 132 Share लक्ष्मी सिंह 6 Aug 2019 · 1 min read अखंड भारत भारत माँ के शीश से, हटा पुरातन पीर। लहर तिरंगा कह रहा,अपना है कश्मीर।। सपना अखण्ड हिन्द का , अब होगा साकार। आज राष्ट्र को मिल गया, इक नूतन आकार।।... Hindi · दोहा 483 Share लक्ष्मी सिंह 6 Aug 2019 · 1 min read घाटी- ए -कश्मीर घाटी- ए -कश्मीर में,होगा अब अनुराग। मोदी जी ने धो दिये, इसके गहरे दाग।। इसके गहरे दाग, तीन सौ सत्तर धारा। कुचल दिये सब नाग,हटा आतंकी सारा। बहे नहीं अब... Hindi · कुण्डलिया 1 146 Share लक्ष्मी सिंह 5 Aug 2019 · 1 min read मित्र बुरे वक्त में ही दिखे, सबके असली रंग। केवल सच्चा मित्र ही, रह जाते हैं संग।। टाँग खींचती दोस्ती, कुछ मीठी नमकीन। केवल खुशियाँ बाँटते, गम लेते हैं छीन।। राह... Hindi · दोहा 4 1 506 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2019 · 1 min read प्रियवर प्रियवर अपने हाथ से, रचे महावर पाँव। धन्य हुई मैं तो सखी, पाकर ऐसा ठाँव।। प्रेम इसी का नाम है, मिटे अहं का भाव। राधा कृष्णा की तरह, होता जहाँ... Hindi · दोहा · प्रेम 1 590 Share लक्ष्मी सिंह 1 Aug 2019 · 1 min read मोर छाये बदरा जब गगन, गड़-गड़ करते शोर। फैला कर निज पंख को, वन में नाचे मोर। वन में नाचे मोर,मस्त होकर मतवाला। मनमोहक चितचोर, पंख है बूटे वाला। सिर पर... Hindi · कुण्डलिया 1 210 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jul 2019 · 1 min read .बहु सूरत सीरत शुभ सुखद, मधुकर करती बात। बहु अलबेली रूपसी, भगवन की सौगात। भगवन की सौगात, शुद्ध चमकीला हीरा। अंतस भरे प्रकाश,हरे जो सबकी पीरा। देती सबको प्यार,लगे ममता की... Hindi · कुण्डलिया 422 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jul 2019 · 1 min read शिव छंद-मधुमालती गीत ****************** खोलो नयन, दर पर पड़े। काँवड़ लिए, कब से खड़े। शिव भक्ति का, वरदान दो। पा लूँ तुझे, वह ज्ञान दो। मेरा हृदय, पावन करो। देकर खुशी,... Hindi · गीत · भजन · मधुमालती छंद · वंदना · स्तुति 201 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jul 2019 · 1 min read प्रेम निर्मल,पावक प्रेम है, पुण्य तीर्थ का धाम। गंध प्रीत की हो जहाँ, बसते राधा-श्याम।। बसते राधा- श्याम, बजे मधुरिम यह मुरली। कर सोलह श्रृंगार, सजे राधा नित पगली। बिछे प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 468 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jul 2019 · 1 min read प्रेम ऐसे छलता प्रेम नित,मृगजल-सा आभास। सूखे अधरों पर पड़े, बढ़े हृदय की प्यास।। बढ़े हृदय की प्यास, जोड़ते झूठी आशा । कितने भी हो दूर, आस में जीवन प्यासा ।... Hindi · कुण्डलिया 272 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2019 · 1 min read कब मैंने चाहा सजन कब मैनें चाहा सजन, मिले नौलखा हार। देना है तो दिजिए, थोड़ा समय उधार।। समय तुझे मिलता नहीं,पल भर बैठे पास। कैसे समझोगे भला, मैं क्यों हुई उदास।। रूठी हूँ... Hindi · दोहा · प्रेम 4 2 438 Share लक्ष्मी सिंह 3 May 2019 · 1 min read चुनाव लोकतंत्र इस देश का, दिया हमें अधिकार।। अपना नेता खुद चुने,ले मत का हथियार।। हर मतदाता वोट दे,लेकर निर्मल भाव। बटन दबाना सोच कर,करना सही चुनाव।। जागरूक हो कर करे,... Hindi · दोहा 1 402 Share लक्ष्मी सिंह 2 May 2019 · 1 min read आँसू होता दिल में दर्द जब, बढ़े हृदय की ताप। मोती बनकर बह चले,आँसू तब चुपचाप।।१ आँसू की होती नहीं, कोई भी पहचान। गम हो चाहे हो खुशी, बहते एक समान।।२... Hindi · दोहा 2 757 Share लक्ष्मी सिंह 2 May 2019 · 1 min read गर्मी अब गर्मी बढ़ने लगी, इतना रखना ध्यान। नित पानी छत पर रखें ,बचे परिन्दा जान।। दिल्ली वासी ने किया, जाने कैसा पाप। प्रचंड गर्मी का मिला,बड़ा भयानक श्राप।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · दोहा 1 360 Share लक्ष्मी सिंह 1 May 2019 · 1 min read मेरे मन के अंधेरे कमरे में मेरे मन के अंधेरे कमरे में अनेक ही ख्वाब पलते हैं। कुछ अधुरे से, कुछ पूरे से, इन ख्वाबों के परिंदों को मैं उड़ाना चाहती हूँ। जिंदगी के शहद को... Hindi · कविता 1 219 Share लक्ष्मी सिंह 27 Apr 2019 · 1 min read तितली तितली रानी आ गयी, लेकर रंग हजार। फूल फूल पर डोलती, करती उससे प्यार।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · दोहा 1 385 Share लक्ष्मी सिंह 26 Apr 2019 · 1 min read कलंक शुद्ध श्वेत से वसन पर,लिपट गया ज्यों पंक। धोने से धुलता नहीं, ऐसे लगे कलंक।। १ काजल से काला अधिक, जीवन भर का डंक। काजल धुल जाये मगर, धुलता नहीं... Hindi · दोहा 251 Share लक्ष्मी सिंह 6 Apr 2019 · 1 min read चैत्र माह नववर्ष चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, सब के लिए विशेष। सूर्य-चंद्र आधार पर, नया वर्ष इस देश।।१ प्रकृति में चारों तरफ, छाया शुभ संदेश। नव संवत्सर आ गया, धर खुशियों का वेश।।२... Hindi · दोहा 244 Share लक्ष्मी सिंह 3 Apr 2019 · 1 min read तारे श्वेत धवल किरणें लिए, निकले चाँद- सितार। रोज दिवाली है गगन, सजते दीप हजार।।१ टिम-टिम कर हँसते मगन, तारों का संसार। हँस-हँस सबको बाँटते, किरणों का उपहार।।२ रात-रात भर जाग... Hindi · दोहा 490 Share लक्ष्मी सिंह 1 Apr 2019 · 1 min read अच्छा लगता है बारिश में भीगना, बूंदों को चूमना, गीले जुल्फों को झटकना, नैनों को मटकाना, कितना अच्छा लगता है। कोयल के संग कूकना, मोर के संग नाचना, सरसों के खेतों में दौड़ना,... Hindi · कविता 3 355 Share लक्ष्मी सिंह 28 Mar 2019 · 1 min read संयम श्रम ,संयम की वंदना, करता जा तू कर्म। कर्म करे किस्मत बने, जीवन का यह मर्म।। जीवन के हर क्षेत्र में, संयम है अनिवार्य। मंजिल चूमेगी कदम, पूरे होगे कार्य।।... Hindi · दोहा 478 Share लक्ष्मी सिंह 28 Mar 2019 · 1 min read हस्तशिल्प हस्तशिल्प अद्भुत कला, रचनात्मक उत्पाद। जिसमें होती है मिली,रक्त-स्वेद का खाद।। १ हस्तशिल्प है हाथ के, कौशल से तैयार। रीति रिवाजों से जुड़ा, परंपरा से प्यार।।२ बाँस बेंत की टोकरी,... Hindi · दोहा 241 Share लक्ष्मी सिंह 10 Mar 2019 · 1 min read आवास तिनका-तिनका जोड़कर, बनता है आवास। भाव एक सम हो जहाँ, सुख-शांति का निवास। । छोटा चाहे हो बड़ा, हो अपना आवास। खुशियों से परिपूर्ण हो, प्यार भरा अहसास।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · दोहा 2 227 Share लक्ष्मी सिंह 9 Mar 2019 · 1 min read नारी यहाँ शुरू से ही रहा, समाज पुरुष प्रधान। नारी को हरपल मिला,पुरुष बाद स्थान।। हो जिस घर औ” देश में,नारी का सम्मान। रहता घर खुशहाल तब,होता देश महान। -लक्ष्मी सिंह Hindi · दोहा · नारी शक्ति 232 Share लक्ष्मी सिंह 6 Mar 2019 · 1 min read सत्य सदा विजय हो सत्य की, हो असत्य की हार। रहे तनिक भी भय नहीं, साहस जिसके द्वार।। पाप तिमिर सब मिट गया, फैला सत्य प्रकाश। आततायी प्रकृति का, करके समूल... Hindi · दोहा 286 Share लक्ष्मी सिंह 5 Mar 2019 · 1 min read महाशिवरात्रि अति शुभ मंगलमय दिवस,आज महाशिव रात। शिव शंकर दुल्हा बने,अद्भुत है बारात।।१ शिव गौरा व्याहन चले, सकल देवता संग। भूत प्रेत पिशाच सभी, मचा रहे हुडदंग।।२ बैठे नंदी बैल पर,... Hindi · दोहा 213 Share लक्ष्मी सिंह 4 Mar 2019 · 1 min read वीर-जवान सीमा पर डट कर खड़े, रहते वीर जवान। मातृभूमि के वास्ते, हो जाते कुर्बान।। सरहद जिसका घर बना, जंग बना त्योहार। माथे मिट्टी का तिलक,करे शत्रु संहार।। सरहद पर तैनात... Hindi · दोहा 345 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2019 · 1 min read भारत का एयर स्ट्राइक बंद कलम को मिल गई, ताजी नई खुराक। कानों में जैसे पड़ा, छप्पन इंची धाक।। मंगल ही मंगल रहा, शुभ मंगल है आज। गढ़ दुश्मन का हिल गया, ढ़ाया कहर... Hindi · दोहा 1 241 Share लक्ष्मी सिंह 25 Feb 2019 · 1 min read देश- विरोधी तत्व साँप-सपोलों की तरह, देश विरोधी लोग। करो शीघ्र उपचार कुछ, खतरनाक यह रोग।। खत्म जड़ों से कीजिये,देश विरोधी तत्व। धर्म जाति के नाम पर, मिटा रहे अपनत्व।। देश विरोधी तत्व... Hindi · दोहा 1 208 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2019 · 1 min read सनम आज अभी इस बात का, करते हैं इजहार। तू ही दिल धड़कन सनम, तू ही मेरा प्यार।। मैं नदिया की धार हूँ, बहती तेरे संग। रोक सको तो रोक लो,... Hindi · दोहा · प्रेम 2 260 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2019 · 1 min read बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। जो भी इधर कदम बढ़ाया वो बूरी तरह जल जायेगा। रिपु की धरती पर सुन लो अब अपना झंडा लहरायेगा। गूँज उठा है नभ मंडल हर हर महादेव के नारों... Hindi · मुक्तक 1 341 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2019 · 1 min read मातृभूमि संकट में हो मातृभूमि तब हर व्यक्ति हुंकारा है। जिसने दृष्टि हम पर डाली उसे कुचल कर मारा है। अब रिपु की धरती भी रक्त के आँसू रोयेगी - भयंकर... Hindi · मुक्तक 1 187 Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2019 · 1 min read बचपन मुस्कुराता, इठलाता,लगे बचपन प्यारा-प्यारा। जीवन की जीवन्तता, मस्ती के पल ढेर सारा। बेपरवाह, निश्चित, मासूमियत, शरारत से भरा, ईश्वर की देन बचपन जिसे वे दिल से सँवारा। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 345 Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2019 · 1 min read श्रृंगार रस विधा-दोहा 20/7/2019 श्रगार-रस ******** भाव रूप उर में बहे, जो बनकर रस धार। सभी रसों का मूल रस, रसपति है श्रृंगार।।१ कविता में श्रृंगार रस, मर्म हृदय का घोल। जो... Hindi · दोहा 1 1 1k Share Previous Page 11 Next