लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next लक्ष्मी सिंह 1 Nov 2019 · 1 min read कभी-कभी कभी-कभी हर काम में, सबसे होती भूल। गलती गिन कर आप यूँ, नहीं चुभाएँ शूल।। नमक रसोई में रखा,उठ कर लेते आप। बिना नमक का दाल फिर, क्यों खाते चुप... Hindi · दोहा 2 3 256 Share लक्ष्मी सिंह 17 Oct 2019 · 1 min read करवा चौथ सभी सुहागिनों को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।प्रभु सबको सौभाग्यशाली बनाये रखें। व्रत है करवा चौथ का, पूरा दिन उपवास। चाँद सफल तप को करो, आओ जल्दी पास। माँगूँगी वरदान मैं,... Hindi · गीत · दोहा गीत 1 239 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read मधुमास हरिगीतिका छंद ये रात दुल्हन-सी सजी आया सुखद मधुमास रे। मनमोहना पूरे करेंगे आज सबकी आस रे। वसुधा सजी है सौम्य अनुपम सब सुखद अहसास रे। सोलह कला से पूर्ण... Hindi · गीत · हरिगीतिका छंद 1 1 230 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read चलो चलें कश्मीर घूमने -लावणी छंद सृजन चलो चलें कश्मीर घूमने, शिमला नैनीताल नहीं। इस धरती का स्वर्गं यहीँ है, इसकी कहीं मिसाल नहीं। शांत सुखद बर्फीली घाटी,लगे देव की मूरत है। जहाँ फिजा... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 408 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read मर्यादा -लावणी छंद सृजन मर्यादा में जीवन जीना,जीवन शोभायमान है। बिम्बित हो मानस अंबर में,नव किरण स्वर्ण समान है। संयम,नित्य-नियम अपनाता, जो खुद पर रखता वश है। युगों-युगों तक याद करें... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 249 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read मानवता ताटंक छंद आधारित गीत मानव जन्म मिला है हमको, मानवता अपनाना है। देवों को दुर्लभ काया से, कुछ तो लाभ उठाना है। जो है जग में दीन-हीन अति,दुख से हो... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 1 1 209 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read श्रम ताटंक छंद आधारित मुक्तक गीत ख्वाब उसी के पूरे होते, जो श्रम को अपनाता है। गगन नापने की खातिर निज, पंखों को फैलाता है। बहुत कीमती सपने सारे, कीमत जिसने... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद · श्रम 2 187 Share लक्ष्मी सिंह 29 Sep 2019 · 1 min read प्रकृति ताटंक छंद आधारित गीत ००००००००००००★०००००००००००००० प्रकृति अद्भुत अति मनोहारी, लगती कितनी प्यारी है। मोहित मन को करती है तू, तेरी लीला न्यारी है। कभी गगन में दिखते तारे, घिरती बदरा... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 3 1 427 Share लक्ष्मी सिंह 29 Sep 2019 · 1 min read कृष्ण वंदना तोटक छंद आधारित गीत) 112 112 112 112 ००००००००००००००★००००००००००० नित ,केशव,माधव ,श्याम जपो। हरि कृष्ण ,सुरेशम नाम जपो बलि,देव दयानिधि जेष्ठ कहो। रविलोचन, शंतह श्रेष्ठ कहो। मनमोहन, विष्णु विशेष्ठ कहो।... Hindi · गीत · तोटक छंद · भजन 3 2 1k Share लक्ष्मी सिंह 28 Sep 2019 · 1 min read तुम प्रेम सदा सबसे करना । (तोटक छंद आधारित गीत) मापनी-112 112 112 112 ००००००००००००००★००००००००००० तुम प्रेम सदा सबसे करना । मत द्वेष कभी मन में रखना। हम तो प्रभु के प्रिय बालक हैं। प्रभु ही... Hindi · गीत · तोटक छंद · प्रेम · प्रेम गीत 1 286 Share लक्ष्मी सिंह 26 Sep 2019 · 1 min read जिस आँगन में बिटिया चहके। (तोटक छंद आधारित गीत) मापनी-112 112 112 112 ००००००००००००००★००००००००००००० जिस आँगन में बिटिया चहके। नित फूल खिले बगिया महके। तितली बन के उडती-फिरती। घर- स्वर्ग बना खुशियाँ भरती। ममता निज... Hindi · गीत · तोटक छंद · बेटी/बेटियां 2 1 460 Share लक्ष्मी सिंह 25 Sep 2019 · 1 min read जन्म दिवस जन्म दिवस सबके लिए, होता सबसे खास। भू पर आये आज ही, हो जाता अहसास।। दिये बधाई दोस्त सब, लेकर आये केक। सोच रहे थे हम मगर,करे काम कुछ नेक।।... Hindi · दोहा 2 1 176 Share लक्ष्मी सिंह 25 Sep 2019 · 1 min read शोख- चंचल-सी हवा _गीतिका छंद_सृजन मापनी-2122 2122 2122 212 शोख- चंचल-सी हवा ये छेड़ जाती है मुझे। है बड़ी बदमाश-सी कितनी सताती है मुझे। अंग से ऐसे लिपट जाती बदन को चूमती। बावली... Hindi · गीत · गीतिका छंद · हवा 3 447 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2019 · 1 min read कर्म रक्ता छंद मापनी-2121212 कर्म देव द्वार है। एक दिव्य धार है तुष्टि-पुष्टि प्यार है। युक्ति-मुक्ति सार है। कर्म रत्न खान है। स्वेद रक्त दान है कर्म ही प्रधान है। सर्व... Hindi · कविता · बाल कविता · रक्ता छंद 2 184 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2019 · 1 min read कर्म गीतिका छन्द 2122,2122,2122,212 कर्म दैविक रूप है, तो कर्म ही आकार है। कर्म दैविक संपदा है ,मुक्तियों का द्वार है। कर्म जो भी श्रेष्ठ करता, ईश का अवतार है। कर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · गीतिका छंद 3 1 397 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read खेल/मेल/तेल.... हाड़ माँस केवल बचा, बंद हुआ सब खेल। दीपक जलता है तभी, जब उसमें हो तेल।। जिजीविषा में है फसा, इस जीवन का रेल। ममता माया मोह से, प्रीत किये... Hindi · दोहा 3 282 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read मात खेल रहा है लालना, मात यशोदा गोद। हर्षित है घर आँगना, छाया मंगल मोद।। हाथ उठा कर मात जब, देती है आशीष। झुक जाते भगवान भी, रख चरणों में शीश।।... Hindi · दोहा 4 1 432 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read लक्ष्य भटक रही हूँ लक्ष्य बिन, मंजिल से अंजान। जाऊँ कैसे किस दिशा, नहीं मुझे पहचान।१। लक्ष्य हीन ऐसी दशा, ज्यों मुरझाये फूल। जीवन पग-पग पर लगे, जैसे चुभते शूल।२। लक्ष्य... Hindi · दोहा 2 621 Share लक्ष्मी सिंह 7 Sep 2019 · 1 min read रोटी रूप माला छंद मापनी-21222122. 212221 एक रोटी फूल-सी, फूली हुई जो आग। आग में जिसको पकाने, से लगे कुछ दाग। एक रोटी गोल, थाली से रही है झाँक। चाँद-सी सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · रूपमाला छंद 3 3 262 Share लक्ष्मी सिंह 6 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना .रक्ता छंद सृजन मापनी....२१२ १२१ २ श्री गणेश बोलिये। भक्ति भाव घोलिये। आरती उतार लो। देव को निहार लो। श्री महेश लाल हो। दीन के दयाल हो। सूंड़ एक दंत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · रक्ता छंद · वंदना 2 1 463 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना _आनंद_वर्धक_छंंद_ मापनी_2122_2122_212 बाल गणपति! भाल पर चंदा सजे। शोकहारी! जग तुम्हेँ ज्यादा भजे।। हो सदाशुभ लाभ के दाता तुम्हीं। कामगति! ब्रह्मांड के ज्ञाता तुम्हीं। थाल में मोदक लगाया भोग है।... Hindi · आनंद वर्धक छंद · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन 2 1 261 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2019 · 2 min read धन जीवन यापन के लिए, धन का बहुत महत्व। धन से ही मिलते हमें, जग के सारे तत्व।। १ दान, भोग औ" नाश हैं, धन की गतियाँ तीन। दान, भोग जिसका... Hindi · दोहा 236 Share लक्ष्मी सिंह 2 Sep 2019 · 1 min read पूजा हे प्रभु !पूजा पाठ का, मुझे नहीं है ज्ञान। पलक झपकती जब कभी, करती तेरा ध्यान।। किसी जरूरत मंद का, सेवा करें जरूर। तब ही पूजा पाठ हो,भगवन को मंजूर।... Hindi · दोहा 196 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read बुढ़ापा कठिन बुढ़ापे की डगर, रुके नहीं पर चाल। गहन अँधेरा चीर दो, लेकर हाथ मशाल।। तन तो बूढ़ा हो गया, मन से रहो जवान। जब मन से बूढ़ा हुआ, टूट... Hindi · दोहा 640 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read प्रेम प्रेम सरल होता नहीं, बहुत कठिन है राह। करे विसर्जन स्वयं का, जिसको इसकी चाह। । पी कर प्याला प्रेम का, जी पाया है कौन। जिसने इसको पी लिया, हो... Hindi · दोहा · प्रेम 292 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read फूल, /कूल /शूल /मूल /धूल एक बात तो सत्य है, खिलकर झरते फूल। दुर्दिन आतें ही सभी, हो जाते प्रति कूल।। आज मित्र व्यवहार में, छिपा कपट का शूल। कीट -सर्प अब सेवते, मानवता का... Hindi · दोहा 1 2 408 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read प्रार्थना आनंद वर्धक छंंद सृजन मापनी-2122 2122 212 ************************ हे भवानी मात तेरा राज है। सिद्ध करती तू सदा सब काज है। माँ पुजारन हाथ जोड़े दान दो। मैं सुहागन ही... Hindi · आनंद वर्धक छंद · गीत · प्रार्थना · वंदना 2 1 485 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read प्रेम मनमनोरम छंद? मापनी-2122 2122 ****************** प्रेम का रस घोल देना। मूक हो पर बोल देना। प्रेम का सपना सजाना। हाँ नई दुनिया बसाना। सोच लो जब प्यार होगा। मौत पथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read हनुमान जी अति प्रिय प्रभु श्री राम को ,सीता जी से जान। पूरे तन सिन्दूर से, पोत लिए हनुमान।। सब देवों को छोड़ कर,जप लो श्री हनुमान। संकट मोचन नाम यह, कलयुग... Hindi · दोहा · वंदना · स्तुति 1 1 253 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read मेंहदी रंग मेंहदी के लिए,मेरे सब अरमान। कुछ गहरे फीके रचे, कुछ के मिटे निशान।। जो तुम हम से प्रेम प्रिय, करते नहीं कमाल। हाथों की ये मेंहदी, होती फिर क्या... Hindi · दोहा 249 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read रेत बीज कभी उगते नहीं,धरा भरी हो रेत। उर्वर मिट्टी में सदा, हरे-भरे हो खेत।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · दोहा 139 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read विरह खुशबू लेकर प्रेम की, गया भ्रमर परदेश। मैं मुरझाई सी पड़ी, बचा नहीं कुछ शेष।। बिछड़ी हूँ मैं इस तरह, ज्यों डालीं से पात। निर्झर नयनों से झरे, दर्द भरी... Hindi · दोहा · विरह 253 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read विरह इन्द्रवज्रा छंद मापनी-२२१ २२१ १२१ २२ पातीं लिखूँगी हर रोज ऐसे। तेरी करूँगी नित खोज ऐसे। यादें सताती दिन रात तेरी। आँखें भिगाती हर बात तेरी। आओ सुनाये मन की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read बजरंग बाला मनमनोरम छंद मापनी-2122 2122 आ गये बजरंग बाला। फेरते जो राम माला। अंजनी का लाल प्यारा। राम का सबसे दुलारा। लाल वो लंगोट वाला। दीन के साथी दयाला। है गले... Hindi · गीतिका · भजन · मनमनोरम छंद · वंदना · स्तुति 414 Share लक्ष्मी सिंह 30 Aug 2019 · 1 min read तीज का त्यौहार आया। - मनमनोरम छंद मापनी-2122 2122 तीज का त्यौहार आया। सोलहों श्रृंगार लाया। बूँद में मलहार आया। प्रीत की बौछार लाया। आयु लंबी हो पिया की। रंग हाथों में हिना की।... Hindi · गीतिका · मनमनोरम छंद · वंदना 434 Share लक्ष्मी सिंह 30 Aug 2019 · 1 min read जिंदगी से प्यार करना आयोजन_मनोरम_छंद एक कोशिश मापनी- 2122 2122 जिन्दगी से प्यार करना। मन न मैला यार करना। प्रीत का श्रृंगार करना। हर दिवस त्योहार करना। स्वर्ग-सा संसार करना। सत्य का जयकार करना... Hindi · गीतिका · ज़िन्दगी · प्रेम · मनमनोरम छंद 2 2 417 Share लक्ष्मी सिंह 29 Aug 2019 · 1 min read हे नव प्रात मत्तगयंद सवैया छंद -------------------------------------- मापनी-211/ 211/211/211, 211/211/211/22 हे नव प्रात! सदा नव जीवन, लेकर नित्य धरा पर आना। सूरज की किरणें बिखरा कर, अंतस के तम को हर जाना। हो... Hindi · गीतिका · मत्तगयंद सवैया · विहान/भोर 1 1 425 Share लक्ष्मी सिंह 26 Aug 2019 · 1 min read भाग्य विधा-विधाता छंद 1222 -1222, 1222-1222 विधा ऐसी नहीं कोई, पढ़े जो भाग्य का लेखा। मनुज के हाथ में होती, मनुज के हाथ की रेखा।। करोगे कर्म जैसा तुम, बनेगी भाग्य... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 501 Share लक्ष्मी सिंह 26 Aug 2019 · 1 min read वसंत और पतझड़ विधा-ललित छंद सृजन हुआ जीवन का प्रतिपल, मंगलमय जग सारा। फूट रहे हैं नव किसलय-दल, कितना सुखद नजारा। प्राण-भरा भू के कण-कण में, सजी दिशाएँ सारी। वृक्ष लदे फूलों से... Hindi · गीतिका · बसंत · ललित छंद/सार छंद 2 568 Share लक्ष्मी सिंह 25 Aug 2019 · 1 min read किसान :दर-दर ठोकर खा रहा, है लाचार किसान। राजनीति शासन प्रकृति,दिया उसे दुख दान।। जितनी सरकारें बनी, किया नहीं कुछ काम। दिखलाया सपने हमें,मृग मरीचिका नाम।। मायूसी छाया रहा, मुखरे पर... Hindi · दोहा 1 206 Share लक्ष्मी सिंह 25 Aug 2019 · 1 min read कृष्ण भक्ति इन्द्रवज्रा छंद 221 221 121 22 आओ मुरारी दर पे पड़ा हूँ। साथी सुदामा बन के खड़ा हूँ।। क्या मैं बताऊँ कह के सुनाऊँ। कैसे कहो मैं दुख को छुपाऊँ।।... Hindi · इन्द्रवज्रा छंद · गीतिका · भजन · वंदना 4 1 543 Share लक्ष्मी सिंह 25 Aug 2019 · 1 min read कृष्ण जन्म विधाता छंद सृजन १२२२-१२२२-१२२२-१२२२ महीना नेक भादो का, दिवस बुधवार शुभकारी। अँधेरी रात काली थी, लिए जब जन्म वनवारी। कड़क कर बिजलियों ने , दीप राहों में जलाया था। बरसकर... Hindi · गीतिका · भजन · विधाता छंद · स्तुति 4 2 475 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read बेटी और प्रकृति स्त्री और प्रकृति की करो सुरक्षा, तभी होगा विश्व कल्याण की रक्षा। —लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 1 374 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read ख्वाब कुकुंभ/ ताटंक छंद ख्वाब उसी के पूरे होते, जो श्रम को अपनाता है। गगन नापने की खातिर निज, पंखों को फैलाता है। बहुत कीमती सपने सारे, कीमत जिसने जानी है।... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 2 1 255 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read विरह की आग विजात छंद विरह की आग है ऐसी, बना तन राख के जैसी। सहूँ यह वेदना कैसे, हृदय में पीर भारी है। बना बैरी पिया मेरा, नयन में नीर भारी है।... Hindi · गीत · गीतिका · विजात छंद · विरह · विरह गीत 236 Share लक्ष्मी सिंह 22 Aug 2019 · 1 min read कजरी लोक गीत हमके हरवा ले आ द बालमा हम आज नैहरवा जइबै ना।।२।। ला द नथनी औ बिजुलिया, संग मा सिनूर अौ टिकुलिया। ला द नथनी औ बिजुलिया, संग मा सिनूर अौ... Hindi · कजरी लोक गीत · गीत 1 670 Share लक्ष्मी सिंह 21 Aug 2019 · 1 min read बाढ़ - रूप माला छंद बाढ़ से हालत विकट है,सब किया है नाश। भूख से बेहाल हैं सब, देखतें आकाश। हाय देवों ने लिखा है,भाग्य में संत्रास। तब कहाँ दिखती वहाँ... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 1 1 458 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2019 · 1 min read सरस्वती वंदना हरिगीतिका छंद- हे शारदे !वरदायनी माँ! कर कृपा वरदान दो। हे मात! वीणावादिनी माँ! दिव्यता का ज्ञान दो। हे भगवती!जगदम्बिका माँ! वत्सला कमलासना। सविनय निवेदित वंदना माँ! कर रहें नित... Hindi · गीत · प्रार्थना · वंदना · स्तुति · हरिगीतिका छंद 2 1 460 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2019 · 1 min read सदा तुम्हारी झोली में सदा तुम्हारी झोली में खुशियों की सौगात हो। गम से कोशों दूर रहो फूलों की बरसात हो। हँसी-खुशी हर दिन बीते,मंगलमय हो कार्य सब , चाँद-सितारों से रौशन सुखद सुहानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2019 · 1 min read जिंदगी ढ़लती जाती जिन्दगी, करे उम्र की जिक्र। उलझन अब बढने लगीं, मुखरे पर है फिक्र।। मुखरे पर है फिक्र, सभी साथी अब छूटे। पकड़ लिये हैं खाट, घरौंदे सारे टूटे।... Hindi · कुण्डलिया 3 182 Share Previous Page 10 Next