Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2019 · 1 min read

भाग्य

विधा-विधाता छंद
1222 -1222, 1222-1222

विधा ऐसी नहीं कोई, पढ़े जो भाग्य का लेखा।
मनुज के हाथ में होती, मनुज के हाथ की रेखा।।
करोगे कर्म जैसा तुम, बनेगी भाग्य की रेखा।
खुदा के पास होता है मनुज के कर्म का लेखा।

विधाता ने लिखा है जो कभी वह मिट नहीं सकता।
मगर इक कर्म के आगे खुदा भी टिक नहीं सकता।।
फसल वह काटता जो जिस तरह का बीज बोता है।
किया आलस सदा जिसने मिला हर चीज खोता है।।

दिया है भाग्य भी दस्तक उसी के द्वार पर आकर।
किया विश्वास जिसने है सदा निज कर्म के ऊपर।
प्रबल हो सोच तो पर्वत वहाँ पर सिर झुकाता है।
नदी भी छोड़ दे राहें समंदर तैर जाता है।

भला यह कौन कहता है कि खाली हाथ आया है।
कहा मानव जगत को छोड़ खाली हाथ जाता है। ।
मगर सच है मनुज का भाग्य उसके साथ आता है।
मनुज का कर्म जाते वक्त उसके साथ जाता है।।

अँधेरा भाग्य दीपक का, उजाला कर्म है उसका।
जला चुपचाप से जग में, उजाला धर्म है उसका।।
धरो तुम धैर्य ऐ! मानव, यही है रूप का गहना।
अमिट है लेखनी रब की, मिला जो भाग्य है सहना ।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 1 Comment · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
Neeraj Agarwal
କୁଟୀର ଘର
କୁଟୀର ଘର
Otteri Selvakumar
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
Dr MusafiR BaithA
ईद आ गई है
ईद आ गई है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"कूँचे गरीब के"
Ekta chitrangini
तुम्हारी निगाहें
तुम्हारी निगाहें
Er. Sanjay Shrivastava
" मेरा राज मेरा भगवान है "
Dr Meenu Poonia
13, हिन्दी- दिवस
13, हिन्दी- दिवस
Dr Shweta sood
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Mulla Adam Ali
23/34.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/34.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
Rj Anand Prajapati
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
सावन भादो
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये अलग बात है
ये अलग बात है
हिमांशु Kulshrestha
मैं तो महज संसार हूँ
मैं तो महज संसार हूँ
VINOD CHAUHAN
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
"दुःख से आँसू"
Dr. Kishan tandon kranti
मा शारदा
मा शारदा
भरत कुमार सोलंकी
*नव वर्ष पर सुबह पाँच बजे बधाई * *(हास्य कुंडलिया)*
*नव वर्ष पर सुबह पाँच बजे बधाई * *(हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
Dr. Man Mohan Krishna
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
Phool gufran
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
gurudeenverma198
■ मेरे विचार से...
■ मेरे विचार से...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...