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31 Aug 2019 · 1 min read

बजरंग बाला

मनमनोरम छंद

मापनी-2122 2122

आ गये बजरंग बाला।
फेरते जो राम माला।
अंजनी का लाल प्यारा।
राम का सबसे दुलारा।

लाल वो लंगोट वाला।
दीन के साथी दयाला।
है गले में फूल माला।
खोल देते भाग्य ताला।

देह पर सिन्दूर पोते।
राम में दिन रात खोते।
हाथ में भारी गदा है।
वीर बलशाली सदा है।

वायु का भी लाल हैं ये।
काल का भी काल है ये।
मौत को भी बाँध डाला ।
सेतु जल पर बाँध डाला।

पात तुलसी का मगाऊँ।
भोग लड्डू का लगाऊँ।
चूरमा मेवा बतीशा।
रोज पढ़ते हैं चलीसा।

हाथ जोड़े मैं खड़ा हूँ।
द्वार पर तेरे पड़ा हूँ।
पूर्ण सपना कीजिये प्रभु।
दर्श अपना दीजिये प्रभु।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

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