जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहे -लालची
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
मेले चैती के शुरू, दिखती धूसर धूल (कुंडलिया)
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
वायरस और संक्रमण के शिकार