Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2019 · 1 min read

मधुमास

हरिगीतिका छंद
ये रात दुल्हन-सी सजी आया सुखद मधुमास रे।
मनमोहना पूरे करेंगे आज सबकी आस रे।

वसुधा सजी है सौम्य अनुपम सब सुखद अहसास रे।
सोलह कला से पूर्ण चंदा लग रहा है खास रे।
ये रात पूनम की सुहानी सज गया आकाश रे।
मुरली मनोहर राधिका के संग रचते रास रे।
ये रात दुल्हन-सी सजी आया सुखद मधुमास रे।

ये डोर बाँधे प्रीत की मादक भरे हर साँस रे।
सजते भ्रमर के ओठ पे वासंती सरस अनुप्रास रे।
नयना दिखे छवि श्याम की अंतस हुआ बृज वास रे
आज तीनों लोक की यमुना बुझाती प्यास रे।
ये रात दुल्हन-सी सजी आया सुखद मधुमास रे।

चंदा अमृत बरसा रहा मन में भरे उल्लास रे।
लक्ष्मी भ्रमण करने लगी स्वागत करें अरदास रे।
छत खीर रखना रात भर मन में लिए विश्वास रे।
ये रात दुल्हन-सी सजी आया सुखद मधुमास रे।
लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 1 Comment · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
तुम्हारा प्यार अब मिलता नहीं है।
तुम्हारा प्यार अब मिलता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मौसम  सुंदर   पावन  है, इस सावन का अब क्या कहना।
मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
नई शुरुआत
नई शुरुआत
Neeraj Agarwal
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
कवि रमेशराज
" एक बार फिर से तूं आजा "
Aarti sirsat
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
शेखर सिंह
मर्द का दर्द
मर्द का दर्द
Anil chobisa
बैठी रहो कुछ देर और
बैठी रहो कुछ देर और
gurudeenverma198
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
रिमझिम बारिश
रिमझिम बारिश
Anil "Aadarsh"
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
#OMG
#OMG
*Author प्रणय प्रभात*
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
2804. *पूर्णिका*
2804. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
इश्क चाँद पर जाया करता है
इश्क चाँद पर जाया करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
Bramhastra sahityapedia
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
💐प्रेम कौतुक-551💐
💐प्रेम कौतुक-551💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धैर्य और साहस
धैर्य और साहस
ओंकार मिश्र
Loading...