Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2019 · 1 min read

गाँधी जी के बंदर

गाँधी जी के तीनों बंदर।
सबक सिखाते हैं अति सुंदर।

प्रथम सिखाता मुख मत खोलो।
जब भी बोलो मिश्री घोलो।
मौन साध कर करो तपस्या,
सभी समस्या ऐसे टालो।
मधुर वचन में जादू- मंतर।
गाँधी जी के….

दूजा कहता बात अनोखी।
बुरी बात कर दो अंदेखी।
घृणा-क्रोध-लालच को त्यागो,
ऐसी चीज़ नहीं है चोखी।
अच्छाई को रखना अंदर।
गाँधी जी के….

कहे तीसरा सुन लो बच्चा।
बनना नहीं कान से कच्चा।
कभी नहीं पर निन्दा सुनना,
दिल को रखना हरदम सच्चा।
जग माया का एक समंदर।
गाँधी जी के…..

आँख, कान, मुख अपना बाँधो।
बात पते की कहता माधो।
सदा कर्म-योगी बन जीना।
राह कठिन पर खुद को साधो।
जीवन होगा मस्त कलंदर।
गाँधी जी के……
गाँधी जी के तीनों बंदर।
सबक सिखाते हैं अति सुंदर।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" मन मेरा डोले कभी-कभी "
Chunnu Lal Gupta
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
खुद से मिल
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
2
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
Anil chobisa
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
Rita Singh
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
surenderpal vaidya
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मंदिर जाना चाहिए
मंदिर जाना चाहिए
जगदीश लववंशी
"वो अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
हाथ में खल्ली डस्टर
हाथ में खल्ली डस्टर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आ जाये मधुमास प्रिय
आ जाये मधुमास प्रिय
Satish Srijan
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
Neelam Sharma
कोरोंना
कोरोंना
Bodhisatva kastooriya
Next
Next
Rajan Sharma
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
🫴झन जाबे🫴
🫴झन जाबे🫴
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
एकादशी
एकादशी
Shashi kala vyas
रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार (कुंडलिया)
रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
Shreedhar
कुपमंडुक
कुपमंडुक
Rajeev Dutta
ये जो समुद्र है कि बड़े अकड़ में रहता है
ये जो समुद्र है कि बड़े अकड़ में रहता है
कवि दीपक बवेजा
Loading...