जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
अध खिला कली तरुणाई की गीत सुनाती है।
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
सफलता वही है जो निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण हो।
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्यार ना होते हुए भी प्यार हो ही जाता हैं
जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '