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26 Jan 2019 · 1 min read

हाथ की लकीरों में

गर निगाहें सुन्दर हो तो अदा मार देती है।
दिल से जो निकलती है वो सदा मार देती है।
उलझी हुई हूँ मैं ,अपनी हाथ की लकीरों में –
गर तकदीर हो हाथ से जुदा मार देती है।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
170 Views
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