लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2018 · 1 min read माँ का चुम्बन 1) चेहरे पर, अधरों की छुअन, माँ का चुम्बन। 2) चोट लगे तो, बनती मलहम, माँ का चुम्बन। 3)प्रथम स्पर्श, प्रथम आलिंगन, माँ का चुम्बन। 4) मधु सा मीठा, दुख-दर्द... Hindi · हाइकु 5 3 873 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2018 · 1 min read मेरी तकदीर सब चले जाते हैं। मैं बंद कमरे में अकेली रह जाती हूँ। तन्हाईयों से लड़ती हूँ। उन्हीं से बातें करती हूँ। दरों-दिवार चिखती हैं, खड़ा-खड़ा मुझे घूरती हैं। छत भी... Hindi · कविता 4 2 583 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2018 · 1 min read झूठ बोलना पड़ा ? ? ? ? आज फिर मुझे झूठ बोलना पड़ा। अर्थात् सच्चाई की मार्ग को छोड़ना पड़ा। परआत्मा पर बोझ सा बन गया। क्यों? इतनी छोटी बात पर झूठ बोल... Hindi · कविता 3 3 719 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2018 · 1 min read माँ भारती की पुकार आजादी के पर्व पर, सुन माँ की फरियाद। चीख-चीख कर कह रही, हम कितने आजाद।।१ पूर्ण रूप से है नहीं, अभी देश आजाद। जाति-धर्म के नाम पर, दंगा कहीं फसाद।।२... Hindi · दोहा 1 248 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2018 · 2 min read कल्पना कविता भी क्या चीज़ है, कल्पना की उड़ान। कवि शब्दों के जाल से, बुनता नया जहान।।१ भाव भरी यह कल्पना, कवि मन की पहचान। इसी कल्पना से लिखे, कितने काव्य... Hindi · दोहा 430 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read कवि की कविता में वो शक्ति ? ? ? ? कवि की कविता में वो शक्ति , जो दिल में देश प्रेम की लगन करें । वीरों के पथ पर गिर जाने की , अभिलाषा हर... Hindi · मुक्तक 1 219 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read वर्षा/किसान ? ? ? ? वर्षा रानी को देख कर खुश हो रहा किसान। मन में उसके सज गये आज हजारों अरमान। गुनगुनाता गीत गाता काधे पर हल लेकर- चल दिया... Hindi · मुक्तक 166 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read मैं अंबर चाँद सितारा हूँ ? ? ? ? मैं अंबर, चाँद, सितारा हूँ। धरती का सुखद नजारा हूँ। मैं फूल, हवा औ' खुश्बू में- मौसम का सभी इशारा हूँ। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 2 242 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read वर्षा ? ? ? ? वर्षा बड़ी सुहानी है। ये ऋतुओं की रानी है। प्रकृति स्वयं को सजा रही, बरसा छम-छम पानी है। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 1 199 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read शून्य शून्य रिक्त होता मगर,है अनंत के तुल्य । जुड़ता जिसके साथ है, बढ़ता उसका मूल्य।। १ छुपा शून्य में ज्ञान का, बहुत बड़ा भंडार। अनंत-अपरिमीत रहा, निरूपित निराकार।। २ होता... Hindi · दोहा 1 278 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read मृत्यु अटल सत्य जीवन मरण , कोई सका न रोक। जो आया जाना उसे, उचित नहीं है शोक।।१ जन्म हर्ष देता सदा, मृत्यु भयानक पीर। काल चक्र निर्मम बड़ा, जड़ जंगम... Hindi · दोहा 182 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read मात-पिता भाई-बहन मात-पिता,भाई-बहन,हरदम आते याद। मिलना मुश्किल हो गया ,जब शादी के बाद।।१ मात-पिता भाई-बहन, बचपन का अहसास। दूरी कितनी भी रहे,रहते मन के पास।। २ प्यार बहुत दिल में भरा, लब... Hindi · दोहा 663 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read लालच पनप रहा है हर तरफ, नफरत का बाजार। मानव लालच में पड़ा, करता हद को पार।। १ स्वर्ण हिरण होता नहीं, जान रहे थे राम। फसना लालच में नहीं,देना था... Hindi · दोहा 253 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 2 min read सावन देखो सावन आ गया, लेकर रंग हजार। धरती अंबर से मिली, कर धानी श्रृंगार।। १ सावन लाया है सखी, कई पर्व - त्योहार। छिपा हुआ हर पर्व में, जीवन का... Hindi · दोहा · सावन 1 325 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read जीत कर भी हार जाना चाहिए। ? ? ? ? जीत कर भी हार जाना चाहिए। फासले ऐसे मिटाना चाहिए। बात छोटी जो करे कोई भूलकर, दिल बड़ा अपना बनाना चाहिए। खून के रिश्ते बड़े अनमोल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 531 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read मोहब्बत एक ऐसी बीमारी है। ? ? ? ? ? मोहब्बत एक ऐसी बीमारी है। जो सबके दिलों पर पड़ता भारी है। जिन्दा जलाकर जिस्म जो राख कर दे, मोहब्बत एक ऐसी चिंगारी है। जगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 406 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read आजादी दिवस ? ? ? ? आया आजादी दिवस, है आज पन्द्रह अगस्त। भेद-भाव को भूल कर, हो जाये सब मस्त।।१ जन-गन-मन के गान से, झंकृत मन का तार। आज सजी माँ... Hindi · दोहा 333 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2018 · 1 min read मैं मायूस हूँ पर बेचारा नहीं हूँ। मैं मायूस हूँ पर बेचारा नहीं हूँ। अब तक मुश्किलों से मैं हारा नहीं हूँ। मोहब्बत ने जालिम निकम्मा बनाया, मैं मजबूर हूँ पर नाकारा नहीं हूँ। ये कठिन रास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 283 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2018 · 1 min read पति बाबुल आँगन छोड़ कर, आई पति के साथ। किसी अजनबी शक्स ने, जब थामा था हाथ।। १ बँधा प्यार की डोर से, यह रिश्ता मजबूत। फौलादी जंजीर -सा, होते नाजुक... Hindi · दोहा · प्रेम 2 313 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2018 · 1 min read चौपाल बूढ़ा बरगद के तले, लगता सदन विशाल। सभी समस्या हल करें,लगता जब चौपाल।। १ चौपाल लगाकर सुने, ग्रामीणों का हाल। आपस में सहयोग से, आनंदित दृगपाल।। २ युवा बुजुर्गों संग... Hindi · दोहा 173 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read मौन से बेहतर है शोर ? ? ? ? अपना कान ही नहीं, मन भी पक गया है, महानगर के शोर से। बोलते-बोलते खुद ही, चिखने लगे हैं जोर से। सड़कों पर हर किस्म के... Hindi · कविता 211 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read बात-बात पर क्यों रोती हो? ? ? ? ? बात-बात पर क्यों रोती हो? द्युति प्राण की क्यों खोती हो? दर्द छुपा कर दिल में रखना, सजल नयन में क्यों मोती हो? सुख-दुख तो आना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 192 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read ऐसे ना मुझको तुम तड़पाया करो। ? ? ? ? ऐसे ना मुझको तुम तड़पाया करो। याद आने से पहले आ जाया करो। देख आया है सावन रंगीला सनम, करके वादा यूँ तुम ना भुलाया करो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 236 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read मैं मतवाला मस्त फकीरा मैं मतवाला मस्त फकीरा, कोई हमारा नहीं है। इस जग का हमें मोह माया , तनिक भी प्यारा नहीं है। धरती पर मनुज का जन्म तो, मिलता बहुत ही भाग्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 198 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read भारतीय आहारऔर जंक फूड अच्छी सेहत का सभी, केवल करते बात। जंक फूड फिर भी मगर, खाते हैं दिन-रात।। १ जंक फूड सेवन करे, बिगड़े उसका पेट। ऐसे भोजन को समझ, सौ रोगों का... Hindi · दोहा 1 367 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read शून्य ? ? ? ? शून्य का होता है नहीं ,कोई ओर-छोर। शून्य से करके शुरू ,चले अनन्त की ओर। इक अजीब सा सुख यहाँ ,करता भाव विभोर। अजब-गजब दुनिया चले,... Hindi · मुक्तक 222 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jul 2018 · 1 min read सावन बिन साजन के सावन कैसा। जलती बूँद अगन के जैसा। बढ जाती है तन की पीड़ा- हर ले प्राण तपन है वैसा। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 123 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jul 2018 · 1 min read बादल अनकहा - सा वादा निभाया। फिर से घिर कर बादल छाया। धरती पर छाई हरियाली- नेह-कलश ले सावन आया। -लक्ष्मी सिंह ? ☺ Hindi · मुक्तक 298 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2018 · 1 min read मैं दिल से सिर्फ तुमको तुमको ही चाहती हूँ। मैं दिलसे सिर्फ तुमको तुमको ही चाहती हूँ। तुमको ख़ुदा की मैं तो परछाई मानती हूँ। तेरी ये बेरूख़ी भी मेरी तो जान लेगी, तेरे ख़याल में ही सोती न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 180 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2018 · 1 min read सावन आषाढ़ गया सावन आया। हरियाली मनभावन आया। उग आये अंकुर जीवन में- ले निर्मल जल पावन आया। लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 2 1 191 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2018 · 1 min read गगन गगन घन कीओढ़ ली ओढ़नी। नाच उठा मन बनके मोरनी। लूट लिया सभी चैन दिलों का- बारिश है या दिल की चोरनी। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 144 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2018 · 1 min read समर्पण श्रद्धा-प्रेम-विश्वास का , मैं पूर्ण समर्पण लाई हूँ। तुम जो चाहो वही दिखाए , ऐसा दर्पण लाई हूँ। तन-मन-धन सब सौप दूँ तुमको , तुम से ही है जीवन प्राण-... Hindi · मुक्तक 149 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jul 2018 · 1 min read मानव मानव कहलाये मगर, भूले मानव धर्म। दुर्लभ मानव देह से, किया नहीं शुभ कर्म।।१ पत्थर भी रोने लगा, देखा मानव हाल। इक-दूजे को डस रहा, खुद ही बनकर काल।। २... Hindi · दोहा 155 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jul 2018 · 1 min read पावस /बरसात /बारिश छम-छम बारिश ने किया, पावस का आगाज। हवा सुहानी बह रही, झूम रहे वनराज।। १ वर्षा आई झूम कर, प्रकृति भाव विभोर। बूँद-बूँद जादू भरा, मौसम है चितचोर।। २ वर्षा... Hindi · दोहा · बरसात 2 386 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jul 2018 · 1 min read अनुशासन अनुशासन बंधन नहीं, जीवन का आधार। स्वप्न उसी के पूर्ण हो, जिसको इससे प्यार।। १ अनुशासन सम तप नहीं, बहुत बड़ा ये ध्यान। जो इसका पालन करे, बनता वही महान।।... Hindi · दोहा 1 1 321 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read आज सखी प्रिय वर आयेगे तिथि - 23/7 /2018 आज सखी प्रियवर आयेगे, स्वागत में दीप जलाओ। घर-आँगन फूलों से भर दो, धरती-आकाश सजाओ। झोका आया है मधुवन में, साजन का संदेश लिए - दुल्हन... Hindi · मुक्तक 2 208 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read विरहन ? ? ? मेघा छाए जब नील गगन । व्याकुल विरहन की व्यथा सघन। जब विरहानल से तन दहके- तब दग्ध हृदय होता न सहन। -लक्ष्मी सिंह ? ☺ Hindi · मुक्तक 1 207 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read कृषक ? ? ? कृषक जनों की सुनकर पुकार। बरसो मेघा मूसलाधार। जूझ रहे हैं वो कमियों से - जीवन में छाया अंधकार। -लक्ष्मी सिंह ? ☺ Hindi · मुक्तक 1 314 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read बरसात ? ? ? रिमझिम कर बरसातें आईं। खुशियों की सौगातें लाईं। मिट जाए हर द्वेष धरा से- प्रीत-प्रेम की बातें छाईं। ? ? ? -लक्ष्मी सिंह ? ☺ Hindi · मुक्तक 127 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read पावस उमड़-घुमड़ कर छम-छम करती पावस सुख बरसाने आई । पंक्ति बद्ध हो कमर झुकाए करें नारियाँ धान रुपाई । श्रम सुन्दरियाँ तन्मयता से हाथ लिए नन्हें बिरवा को- अद्भुत लय... Hindi · मुक्तक 159 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read कृषक टपकता रहता घर जिसका टूटा फूटा छप्पर है। फिर भी 'बारिश हो जाये' ध्यान लगाये नभ पर है। वो खेतों की मेड़ों पर उदास अकेला बैठा है - इस बार... Hindi · मुक्तक 1 168 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read दुनिया हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है। रोकर कभी हँसती है हँसकर के रुलाती है। अरमान सुलगते हैं सीने में चिता जैसे - दुनिया की हवा जैसे कातिल... Hindi · मुक्तक 2 1 262 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read पहली बूँद जब बादल की पहली बूँद तपती धरा पर गिरती है। तब धरा से एक सोंधी-सोंधी-सी खुश्बू उठती है। इस खुश्बू पर मंत्र-मुग्ध कवि के मन में अनायास ही - इन्द्रधनुषी... Hindi · मुक्तक 300 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jul 2018 · 1 min read रातआई है। बड़ी मुद्दतों के बाद एेसी रातआई है। मारे खुशी के आंखों में बरसात आई है। कई बरसों से मैं जो भी सुनना चाहती थी - उनकी जुबाँ पर आज तो... Hindi · मुक्तक 136 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2018 · 1 min read बरखा श्वेत शीतल, निर्मल बूँदों की बरखा पहनी चुनर है। बिजली की पायल पहने बरखा लगती अति सुन्दर है। श्यामल, उज्ज्वल, कोमल,लहराता सुरभित केश गगन में - इस आकर्षित प्यारी छवि... Hindi · मुक्तक 1 179 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2018 · 1 min read तन भी सूखा मन भी सूखा, तन भी सूखा मन भी सूखा, फिर नेह कलश छलकाओ प्रिय । दहक रही हूँ विरह ताप में, अब और नहीं दहकाओ प्रिय । बीत गये हैं कई बरस अब,... Hindi · मुक्तक 159 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2018 · 1 min read पैरों में बेड़ियाँ पैरों में बेड़ियाँ हैं और हाथ भी बंधे हुए हैं। हर मुस्कुराते चेहरों के पीछे दिल जले हुए हैं। बड़ा ही अजब-सा माजरा है इस दुनिया का ए खुदा -... Hindi · मुक्तक 214 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2018 · 1 min read प्रीत निभाते रहे कुछ इस तरह से वो प्रीत निभाते रहे। हम तड़पते रहे वो मुस्कुराते रहे। जब भी देखो तन मन को जख्मी करके- फिर नमक भरे हाथों से सहलाते रहे। -लक्ष्मी... Hindi · मुक्तक 133 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jul 2018 · 1 min read मानव जाने क्यों मानव इतना बदलता जा रहा है। अन्दर से पूरा खोखला दहलता जा रहा है। कोई भी अब किसी का दुख दर्द नहीं बाँटता- इन्सानियत खत्म हालात बिगड़ता जा... Hindi · मुक्तक 1 152 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read प्यार जब भी किसी को किसी से प्यार होता है। इक पल में ही जीना दुश्वार होता है। तब तो अपने भी लगने लगते हैं पराये, इक अजनबी पर इतना ऐतबार... Hindi · मुक्तक 1 139 Share Previous Page 13 Next