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20 Jul 2018 · 1 min read

प्रीत निभाते रहे

कुछ इस तरह से वो प्रीत निभाते रहे।
हम तड़पते रहे वो मुस्कुराते रहे।
जब भी देखो तन मन को जख्मी करके-
फिर नमक भरे हाथों से सहलाते रहे।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
116 Views
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