कड़वा है मगर सच है
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/9faf01c30b22a26e26142ea77697952f_4f18b8a1f2c9d1a00af1333dcc41a74c_600.jpg)
जो बीत गई,
तो बात गई,
जीवन में एक सितारा था,
माना वो बेहद प्यारा था|
जो टूट गया,
सो टूट गया,
जीवन में एक सपना था,
माना वो लगता अपना था,
जो टूट गया सो कहां मिला,
देखो कितने तारे टूटे,
देखो कितने इसके प्यारे छूटे|
जो सौ गया,
तो खो गया,
कितने अपने प्यारे सोए,
कितने अपने प्यारे खोए,
जो बीत गई,
तो बात गई,
कहाँ वो बीती बात हुई,
कहाँ वो बात बीत गयी,
इतनी बातें होती हैं,
कितनी रातें हम सोते हैं,
कितने अपने खोते हैं,
और फिर कितने अपने होते हैं|
इसका मतलब,
कोई अपने नहीं होते हैं,
अपने तो सिर्फ सपने होते हैं|