Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2018 · 1 min read

दुनिया

हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है।
रोकर कभी हँसती है हँसकर के रुलाती है।
अरमान सुलगते हैं सीने में चिता जैसे –
दुनिया की हवा जैसे कातिल नजर आती है।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Meri najar se khud ko
Meri najar se khud ko
Sakshi Tripathi
*खिलना सीखो हर समय, जैसे खिले गुलाब (कुंडलिया)*
*खिलना सीखो हर समय, जैसे खिले गुलाब (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
RKASHA BANDHAN
RKASHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
💐प्रेम कौतुक-382💐
💐प्रेम कौतुक-382💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ कोई तो बताओ यार...?
■ कोई तो बताओ यार...?
*Author प्रणय प्रभात*
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
शेखर सिंह
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पाप का भागी
पाप का भागी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मीलों का सफर तय किया है हमने
मीलों का सफर तय किया है हमने
कवि दीपक बवेजा
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
कवि रमेशराज
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नेह का दीपक
नेह का दीपक
Arti Bhadauria
Hello Sun!
Hello Sun!
Buddha Prakash
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
sudhir kumar
* मुस्कुराने का समय *
* मुस्कुराने का समय *
surenderpal vaidya
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
VINOD CHAUHAN
आप हरते हो संताप
आप हरते हो संताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...