Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2023 · 1 min read

*खिलना सीखो हर समय, जैसे खिले गुलाब (कुंडलिया)*

खिलना सीखो हर समय, जैसे खिले गुलाब (कुंडलिया)
_________________________________
खिलना सीखो हर समय, जैसे खिले गुलाब
जिसका चित्त प्रसन्न है, बढ़कर हुआ नवाब
बढ़कर हुआ नवाब, सभी को लगता प्यारा
उसे न ईर्ष्या-द्वेष, मित्रवत जग है सारा
कहते रवि कविराय, प्रफुल्लित दुर्लभ मिलना
भरा हुआ उत्साह, हृदय का शिशु-सा खिलना
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
उसका प्यार
उसका प्यार
Dr MusafiR BaithA
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
-- आगे बढ़ना है न ?--
-- आगे बढ़ना है न ?--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
मां
मां
Sanjay ' शून्य'
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"प्यार तुमसे करते हैं "
Pushpraj Anant
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
gurudeenverma198
लौ
लौ
Dr. Seema Varma
........?
........?
शेखर सिंह
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
Ravi Prakash
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
(14) जान बेवजह निकली / जान बेवफा निकली
(14) जान बेवजह निकली / जान बेवफा निकली
Kishore Nigam
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अयाग हूँ मैं
अयाग हूँ मैं
Mamta Rani
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
Basant Bhagawan Roy
"एक सुबह मेघालय की"
अमित मिश्र
3213.*पूर्णिका*
3213.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल पर करती वार
दिल पर करती वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्रथम गणेशोत्सव
प्रथम गणेशोत्सव
Raju Gajbhiye
ज़रूरत
ज़रूरत
सतीश तिवारी 'सरस'
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
*कोई नई ना बात है*
*कोई नई ना बात है*
Dushyant Kumar
💐प्रेम कौतुक-163💐
💐प्रेम कौतुक-163💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*अवध  में  प्रभु  राम  पधारें है*
*अवध में प्रभु राम पधारें है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...