लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 Next लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read जिन्दगी चारों तरफ दहशत और दरिन्दगी है। भूख, बीमारी, गरीबी, गंदगी है। हो गया मानव अंधा उन्माद भरा, कौड़ियों के मोल बिकती जिन्दगी है। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 241 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read वक्त वक्त ने सताया बहुत, मगर मैं परेशान नहीं हूँ। अपनों ने साथ छोड़ दिया इससे हैरान नहीं हूँ। मिलता रहा है वहीं जो कुछ मेरे नसीब में लिखा, हालातों से... Hindi · मुक्तक 151 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read नेता बिना नेता के कोई समाज नहीं होता है। देश दुनिया का कोई काज नहीं होता है। देश हित देखें और सही नेता चयन करें, वरना व्यवस्थित कोई राज नहीं होता... Hindi · मुक्तक 273 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read प्रेम विवेक पूर्ण सद् सात्विक आचरण है प्रेम। जग जीतने का सुन्दर आवरण है प्रेम। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय सदा यह, जीवन जीने का सही व्याकरण है प्रेम। . . .... Hindi · मुक्तक 128 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read प्रेम ? ? ? ? समस्त सृष्टि का आधार है प्रेम। निर्मल,कोमल,निर्विकार है प्रेम। जो मन से अंधकार को मिटाता, हृदय ज्योतिर्मय आकार है प्रेम। -लक्ष्मी सिंह ? ☺ Hindi · मुक्तक 1 1 338 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jun 2018 · 1 min read छम-छम बदरा बरस रहा है ? ? & & ? ? छम-छम बदरा बरस रहा है। विरहन मन ये तरस रहा है। शीतल पवन चले आरी-सी, बूंद-बूंद फिर विहस रहा है। आग कलेजे में धधकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jun 2018 · 1 min read साजन तेरे इश्क़ की खुमारी ? ? ? ? साजन तेरे इश्क़ की खुमारी। अब नहीं उतरेगी उम्र सारी। कुछ कहे अनकहे अल्फाजों से, जिंदगी सँवरने लगी हमारी। बिना तुम्हारे कभी आती नहीं , अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jun 2018 · 1 min read इश्क ? ? ? ? यह इश्क तो जहर से भी ज्यादा खतरनाक होता है। फिर भी यह इस जहाँ में सबसे ज्यादा पाक होता है। हो सके तो उठा कर... Hindi · मुक्तक 1 1 271 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read पुरुष ? ? ? ? अधूरा पुरुष प्रकृति के बिना। शव रूप हैं शिव शक्ति के बिना। यज्ञ पूर्ण नहीं हो सकता है- कभी पत्नी उपस्थिति के बिना। ? ? -लक्ष्मी... Hindi · नारी शक्ति · मुक्तक 216 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read दिल का रिश्ता ? ? ? ? प्रिय जब-जब तुमको सोचूँ मैं, महके सारे अहसास मेरे। दूरी चाहे कितनी भी हो, लेकिन रहते हो पास मेरे। तुम नाम वहाँ जब लेते हो, दिल... Hindi · मुक्तक 402 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read आजा रे तू काले बदरा, ले घनघोर घटा रे। ? ? ? ? ? आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे। जीवन में खालीपन घेरा ,सूखा नीर नयन रे। नाम अधर पर तेरा रहता ,हर पल मनभावन... Hindi · गीत · ललित छंद/सार छंद · विरह गीत 275 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read जागती रात अकेली-सी लगे। ? ? ? ? जागती रात अकेली-सी लगे। दर्द तन्हाई सहेली-सी लगे। जब से छोड़ कर तुम गये जाना। रूह विरान हवेली-सी लगे। तुम बिन जीना भी क्या जीना प्रिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read शादी ? ? ? ? गुड्डे -गुड़िया का नहीं ,शादी कोई खेल। ये वो बंधन है जहाँ ,होता दिल का मेल।।१ जाति-धर्म-मजहब नहीं ,शादी की पहचान। जीवन भर जो साथ दे... Hindi · दोहा 189 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं। ? ? ? ? दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं। हदसे ज्यादा जो दिल को भाते हैं। गर समय के भँवर में फँस जाऊँ हाथ दे कर हमें निकाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 382 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read कोई भी नहीं हमारा है। ? ? ? ? कोई भी नहीं हमारा है। कविता ही एक सहारा है। गम ,बेबसी ,बगावत में भी , ये करता नहीं किनारा है। आँसू से भींगे पलकों पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read खुशी जीत की नई परिभाषा का नाम है। ? ? ? ? खुशी जीत की नई परिभाषा का नाम है। जीवन जीने की चाहत का एक जाम है। गम की बेला आती है जीवन में सब के, इसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read कभी झूठे कभी सच्चे लगते हो तुम। ? ? ? ? कभी झूठे कभी सच्चे लगते हो तुम। आदत से पूरे बच्चे लगते हो तुम। मौसम-सा तुम पल-पल रंग बदलते हो, पर मन के कोमल कच्चे लगते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 139 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read चूड़ी युग बदला लेकिन ना बदला, चूड़ी का श्रृंगार। आधुनिक युग में भी रहा है श्रेष्ठता बरकरार। फैशन के युग में रोज़ाना, नव आकार-प्रकार। हर युग में हरदम बना रहा, चूड़ी... Hindi · गीत 451 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read कुछ समझो दिल की बात प्रिय। ? ? ? ? कुछ समझो दिल की बात प्रिय। कर लो एक मुलाकात प्रिय। तपती मरू-सी प्यासी मैं, प्रेम की करो बरसात प्रिय। दम घुटता है तन्हाई में, समझो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 201 Share लक्ष्मी सिंह 21 May 2018 · 1 min read तन्हाईयों में... आज बस यूँ ही..... ? ? ? ? तन्हाईयों में... यादों की इन सूखी शाख पर ना जाने कितने ही अनगिनत कोपल निकल आये हैं। कुछ हरे से, कुछ पीले... Hindi · कविता 1 320 Share लक्ष्मी सिंह 17 May 2018 · 1 min read संघर्ष जीवन संघर्ष भरा है। सहर्ष इसे स्वीकारा है। हँसते हँसते इस जीवन में, दुःख से किया किनारा है। सुबह की सूर्य किरण बनकर, गम के बादल को फारा है। अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share लक्ष्मी सिंह 17 May 2018 · 1 min read माँ/रूप प्रथम गुरू माँ वैध है, माँ देवी का रूप। वात्शल्य करुणामयी, माँ का रूप अनूप। १ सारी दुनिया से लड़े, मात शक्ति स्वरूप। जीवन पथ प्रदर्शक माँ, बुद्घि- ज्ञान का... Hindi · दोहा · माँ 556 Share लक्ष्मी सिंह 21 Apr 2018 · 2 min read गाँव भारत बसता गाँव में,मुख्यतः कृषि प्रधान। यही देश की आत्मा, यही देश की जान।। भगवन की सौगात से ,भरा हुआ है गाँव। देव सभी आते यहाँ, प्रेम भाव की छाँव... Hindi · दोहा 427 Share लक्ष्मी सिंह 21 Apr 2018 · 1 min read नेकी नेकी-नेकी कह मरा ,नेक किया नहिं काम। जीवन भर छलता रहा ,बस नेकी के नाम।। सदा नेक बनकर रहें ,चल नेकी की राह। जग में सच्चा सुख मिले,मन में शांति... Hindi · दोहा 262 Share लक्ष्मी सिंह 16 Apr 2018 · 1 min read बंशीधर श्याम आन बसो मेरे नयन, हे बंशीधर श्याम। नैना बरसत हर घड़ी, लेकर तेरा नाम।। १ माँझी बनकर श्याम जी, भव से पार उतार। मैं हूँ तेरी सांवरे, सुन लो हृदय... Hindi · दोहा 213 Share लक्ष्मी सिंह 16 Apr 2018 · 1 min read पवित्र अग्नि के सात फेरे पवित्र अग्नि के सात फेरे , जन्म -जन्म तक अब हम तेरे। जो थे तेरे अब वो मेरे , जो थे मेरे अब वो तेरे। सात वचन जन्मों के वादे,... Hindi · गीत 202 Share लक्ष्मी सिंह 16 Apr 2018 · 1 min read महानगरीय जीवन महानगर में गुमशुदा, है मेरी पहचान। हिस्सा हूँ बस भीड़ का, हर कोई अनजान।। घर से बेधर हो गई, दो रोटी की चाह। जंगल मानव का यहाँ, अंजानी-सी राह।। भीड़... Hindi · दोहा 1k Share लक्ष्मी सिंह 15 Apr 2018 · 1 min read श्याम नाम ? ? ? ? माधव,मधुसूदन,मदन,मनहर, मोहन श्याम। कितने तेरे रूप हैं ,कितने तेरे नाम।।१ महिमा तेरे नाम की , जपते भव से पार। श्याम नाम की ज्योति से ,जीवन हो... Hindi · दोहा 513 Share लक्ष्मी सिंह 15 Apr 2018 · 1 min read रब कहाँ? ? ? ? ? मात - पिता मासूम में, रब बसते हैं रोज। नादाँ मानव रब भला, कहाँ रहा है खोज।। १ रब तलाश खुद में करो, फिर दूजे में... Hindi · दोहा 274 Share लक्ष्मी सिंह 9 Apr 2018 · 1 min read जिन्दगी अनुकूल प्रतिकूल अनुभवों की कसौटी है जिन्दगी। आम के जैसी खट्टी-मीठी-चटपटी है जिन्दगी। श्रेष्ठता पूर्ण तो कभी बुराइयों के अनगिनत छिद्र- घट-छलनी के जैसी अनोखी अटपटी है जिन्दगी। -लक्ष्मी सिंह Hindi · मुक्तक 1 196 Share लक्ष्मी सिंह 9 Apr 2018 · 1 min read भाव ? ? ? ? एक नाव हो भाव की, लय-सुर की पतवार। फिर कुछ ऐसा हम लिखें, जिसमें जीवन धार।। १ जैसा मन में भाव हो, वैसा ही लिख पाय।... Hindi · दोहा 1 382 Share लक्ष्मी सिंह 9 Apr 2018 · 1 min read बीस साल तक खिच गया, काला हिरण शिकार ? ? ? ? बीस साल तक खिच गया, काला हिरण शिकार। हुआ देर से न्याय तो, न्याय नहीं सरकार।। १ जिसे कद्र पशु का नहीं, नहीं कद्र इंसान। नर... Hindi · दोहा 391 Share लक्ष्मी सिंह 4 Apr 2018 · 1 min read क्रोध नहीं सिर्फ प्यार करो ? ? ? ? क्रोध नहीं सिर्फ प्यार करो। प्रेम - रस की बौछार करो। दुख संयम और विवेक से, क्रोध रूप दरकिनार करो। सम्हलो पाते ही आहट, मौन भाषा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share लक्ष्मी सिंह 4 Apr 2018 · 1 min read कला ? ? ? मनुष्य के अपने भावों की अभिव्यक्ति है कला। जीवन की कठिन तपस्या, साधना,भक्ति है कला। अनेक विद्याओं को अपने-आप में समेट कर- कौशल पूर्ण मानवीय कार्यों की... Hindi · मुक्तक 201 Share लक्ष्मी सिंह 4 Apr 2018 · 1 min read चोर लुटेरों का बढ़ता शासन ? ? ? ? चोर लुटेरों का बढ़ता शासन। डोलने लगा है राजसिंहासन। लुट-लुट घर भरता है अपना- मिलता नहीं गरीबों को राशन। ? ? ? -लक्ष्मी सिंह ? ☺ Hindi · मुक्तक 142 Share लक्ष्मी सिंह 2 Apr 2018 · 1 min read जिन्दगी ? ? ? ? हर रोज नूतन सबक नया इम्तिहान जिन्दगी। अपने-अपने कर्मों की पहचान जिन्दगी। यथार्थों का अनुभव कराने वाली एक कड़ी, ना समझ सका कोई ऐसी दास्तान जिन्दगी।।... Hindi · मुक्तक 276 Share लक्ष्मी सिंह 2 Apr 2018 · 1 min read सुन्दरता ? ? ? ? चंचल नयन तीर कमान लिए, अमृत सिंचित सी मुस्कान लिए। नख से सिर तक सुन्दरता भरा, मुख प्रफुल्लित पद्म समान लिए।। ? ? ? ? -लक्ष्मी... Hindi · नारी शक्ति · मुक्तक 172 Share लक्ष्मी सिंह 2 Apr 2018 · 1 min read मूर्ख दिवस ? ? ? ? रहना सब हर हाल में, ठंडा-ठंडा कूल। आने वाला जल्द ही , अप्रिल वाला फूल।।१ मार्च माह के बाद में, आता है अप्रैल। मूर्ख भरी हर... Hindi · दोहा 180 Share लक्ष्मी सिंह 2 Apr 2018 · 1 min read नेता/मूर्ख दिवस मूर्ख बनाकर नित यहाँ, ठगते नेता चोर । मूर्ख दिवस पर क्या भला, कहें निशा को भोर।। १ मुर्ख बनाकर छिन रहें ,नेता मुँह का कौर । मूर्ख दिवस फिर... Hindi · दोहा 302 Share लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2018 · 1 min read माँ ? ? ? ? ? माँ के दामन में रहे, सिर्फ वफा के फूल। औलादों के हर सितम, हँस कर करे कबूल।। १ माँ को दुख देना नहीं, मत करना... Hindi · दोहा · माँ 1 1 257 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2018 · 1 min read सिन्दूर लाल रंग सिन्दूर का, होता शक्ति प्रतीक। कमजोरी समझो नहीं , दुर्गा रूप सटीक।। १ सुर्ख लाल सिन्दूर में, छुपा शक्ति का राज। इस ताकत के सामने, हार गये यमराज।।... Hindi · दोहा 205 Share लक्ष्मी सिंह 24 Mar 2018 · 2 min read अन्तर्मन चिंतन-मंथन कीजिए , अन्तर्मन से रोज । दिव्य दृष्टि होगी प्रखर , सहज सत्य की खोज ।।१ राधा जी धड़कन बसे, अन्तर्मन में श्याम। रोम-रोम सुमिरन करें, हर पल तेरा... Hindi · दोहा 449 Share लक्ष्मी सिंह 24 Mar 2018 · 1 min read ना मै तुलसीदास हूँ मैं नहिं तुलसीदास हूँ, गाँधी संत कबीर। फिर क्यों दुनिया देख कर, कलम बहाये नीर।। १ लय-यति-गति-सुर-ताल से, मैं तो हूँ अनजान । गुणी जनों के साथ से , मिल... Hindi · दोहा 355 Share लक्ष्मी सिंह 24 Mar 2018 · 1 min read नारी नर नारी नर से कम नहीं, नारी शक्ति महान। नारी निन्दा छोड़ दो, नारी से भगवान ।। १ नारी ने नर को जना,करती जीवन दान। नारी से ही नर बना,है नर... Hindi · दोहा · नारी शक्ति 296 Share लक्ष्मी सिंह 24 Mar 2018 · 1 min read बदल रहा है गांव नव युग में नव तरह से, बदल रहा है गाँव। आधुनिक चेतना हुई, रंग-रूप पहनाव ।। टावर चिमनी बन रहे , खोया पीपल छाँव। सब जन मिलते थे जहाँ, रहा... Hindi · दोहा 225 Share लक्ष्मी सिंह 24 Mar 2018 · 1 min read जल संरक्षण ? ? ? ? जल से ही जीवन बना, जल जीवन आधार। रखो बचाकर जल सदा, जल जीवन का सार।।१ जल से ही होता सदा, अपना सारा काम। जल संरक्षण... Hindi · दोहा 1k Share लक्ष्मी सिंह 12 Mar 2018 · 1 min read अनुप्रास अलंकार युक्त दोहे ? ? ? ? मदमाती मनमोहनी, मनहर मोहक रूप। मृगनयनी मायावती, मुस्काती मुख धूप।। १ सुखद सुगंधित सुमन सम, सृष्टि सृजक श्रृंगार। सरल समर्पित स्नेह से, सुखद सुधा संसार।। २... Hindi · दोहा 4 4 2k Share लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2018 · 1 min read इन्टरनेट ? ? ? ? कल्प वृक्ष सम बन गया, अब तो इंटर नेट। जो जोड़े संसार को, वैज्ञानिक की भेंट।। १ ? ? ? ? कितना अजीब हो रहा ,... Hindi · दोहा 156 Share लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2018 · 1 min read बाल मन जितना कोमल बाल मन, उतना मनहर बोल। उसकी मीठी बोल से, माँ जाती है डोल।। १ भोले भाले बाल मन, बहुत अधिक नादान । सुख दुख का होता नहीं, जहाँ... Hindi · दोहा · बचपन 483 Share लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2018 · 3 min read प्राकृतिक रंगों से हो होली स्वस्थ और सुरक्षित होली होली, रंगों भरी खुशियों का त्योहार है। इस दिन एक दूसरे पर रंग लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। होली का मतलब, रासायनिक रंग व कीचड़ नहीं... Hindi · लेख 467 Share Previous Page 14 Next