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9 Apr 2018 · 1 min read

जिन्दगी

अनुकूल प्रतिकूल अनुभवों की कसौटी है जिन्दगी।
आम के जैसी खट्टी-मीठी-चटपटी है जिन्दगी।
श्रेष्ठता पूर्ण तो कभी बुराइयों के अनगिनत छिद्र-
घट-छलनी के जैसी अनोखी अटपटी है जिन्दगी।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
1 Like · 159 Views
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