V.k.Viraz 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid V.k.Viraz 20 Jul 2020 · 1 min read कोरोना{_हाइकु_} दुविधा भारी कोरोना महामारी बढ़ी लाचारी मुँह में मास्क दूरियाँ बढ़ गईं जां बच गई ठप हैं धंधे बढ़ी है भुखमरी जान की पड़ी Hindi · हाइकु 8 10 234 Share V.k.Viraz 3 Feb 2021 · 1 min read *कुछ खत मोहोब्बत के * पैसों के दौर में हम ग़रीब लगे उसे। शायद इसलिए वो हमसे नज़रें चुराकर गई। निभा न सके हम उससे जिस्मानी मोहब्बत शायद इसलिए वो हमसे हाँथ छुड़ाकर गई। प्यार... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 398 Share V.k.Viraz 12 Jul 2020 · 1 min read ।4।【दोहे】 (1)साथ समय के जो चले ,वो ही भरत उड़ान जो करे बरबाद इसे,बने न कभी महान"। (2)मन मे तीखा भाव रख,न मीठे कि आस कर जो चाहे मिल जाएगा,बस तनिक... Hindi · दोहा 6 6 257 Share V.k.Viraz 19 Jul 2020 · 1 min read 【जसाला वर्ड पिरामिड विधा】 (1) हैं कुल मानव एक जैसा तो क्यों कुछ सुर और कुछ असुर बन बैठे ★■■★ (2) है जब तक ये जातिवाद न होगा ख़त्म इस पावन ज़मी से कभी... Hindi · कहानी 6 5 537 Share V.k.Viraz 19 Aug 2020 · 1 min read (पुरानी संस्कृति) बीते वक़्त के साथ-साथ तुम भी बदल जाना विराज़। वर्ना तो ये दुनिया पुरानी संस्कृति सी-तुम्हे भूल जाएगी। कवि-वि के विराज़ Hindi · शेर 6 2 261 Share V.k.Viraz 25 Jul 2020 · 1 min read **बुराइयाँ टिकने न देंगे** साँस जब तक रहेगी हम भी रिश्ते मिटने न देंगे। अच्छाइयाँ इस कदर बढ़ाएंगे बुराई टिकने न देंगे। विराज़ Hindi · शेर 6 6 223 Share V.k.Viraz 6 Jul 2020 · 2 min read ◆【{{{ मै वहाँ नही जाऊँगा }}}】◆ उस शहर की ओर मै नही जाऊँगा। जहाँ बिकता है इंसान मै वहाँ नही जाऊँगा। उस गुलशन की ओर मै नही जाऊँगा। जहाँ टूटकर बिखर जाते हैं पत्ते मै वहाँ... Hindi · कविता 6 10 264 Share V.k.Viraz 15 Jul 2020 · 1 min read **प्रभु अब अवतार लो** घड़ा पाप का भर गया प्रेम बाग़ सब उजड़ गया। राक्षसों का खुनी मेला अंतिम चरण चढ़ गया। के मानवहित ख़ातिर प्रभु फिर नरसिंह रूप धार लो प्रभु तुम अब... Hindi · कविता 5 6 445 Share V.k.Viraz 17 Jul 2020 · 1 min read 【हम अलग नही】 न तुम अलग,न हम अलग हैं बस हमारा मज़हब अलग है। करते तुम भी पूजा ईश्वर की ही बस हमारा भजन तुम्हारी नमाज़ अलग है। जिसका हम व्रत रखते हैं... Hindi · कविता 5 8 261 Share V.k.Viraz 13 Jul 2020 · 1 min read **हाइकु** नोच स्त्री देह_ साधारण मानव_ बना दानव! मन चिंतन_ देख इंसानियत_ का ये खंडन! हकीकत है_ बदलता कोन है_ ग़ैरों के लिए! Hindi · हाइकु 5 8 287 Share V.k.Viraz 11 Jul 2020 · 1 min read ** हम लड़ेंगे ** बाजार की महँगाई से सत्ता की चतुराई से जीवन की हर कठिनाई से हम लड़ेंगे । हम बलिदानी वीर हैं सच्चाई के तीर हैं। लेकर जीवन को अपने रहते सदा... Hindi · कविता 5 6 301 Share V.k.Viraz 10 Jul 2020 · 1 min read ■【(3) हाइकु】■ याद प्रीतम- मन करे विभोर- हो दुःख जोर! ********* प्रेम रुआता- ह्रदय को जलाता- दर्द बढ़ाता! ********* सावन बर्षा- न आई सवारिया- मन तरसा! कवि-वि के विराज़ Hindi · हाइकु 5 4 388 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read चैन हम् ढूंढ़ लाते चैन तो हम खुद ही ढूंढ लाते। हँसकर न सही तो रोकर ही सो जाते। Viraz Hindi · शेर 5 2 226 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **कुछ भी हो सकता है** ये दुनिया है कुछ भी हो सकता है। पल में ख़ुश कोई पल में रो सकता है। Viraz Hindi · शेर 5 2 300 Share V.k.Viraz 4 Jun 2020 · 1 min read 【मानवता धँसती जाएगी】 मानवता और अधिक जमी में धँसती जाएगी। बस्ती इंसानों की जैसे जैसे और बसती जाएगी। बढ़ती जाएगी क्रूरता और प्रेम भावना घटती जाएगी। बुराइयों के ढेर बढ़ेंगे अच्छाइयों की चट्टानें... Hindi · कविता 5 8 332 Share V.k.Viraz 16 Aug 2020 · 1 min read {¶【●मैं ग़ैरों का दुःख फिर भी बंटा रहा हूँ●】¶} पता है के मै लूटा जा रहा हूँ। बाद इसके भी दोस्ती निभा रहा हूँ। कहीं पाता हूँ ख़ुद को ग़लत कहीं यारों को ग़लत पा रहा हूँ। डूबनी है... Hindi · कविता 5 2 271 Share V.k.Viraz 23 Aug 2020 · 1 min read ■||तुम चलो हम आ रहे हैं||■ तुम चलो हम आ रहे हैं जरा दोस्तों से हाथ मिला रहे हैं। न जाने फिर कब मिल पाएंगे जिनको आज छोड़कर जा रहे हैं। काटी थी जिनके संग मस्ती... Hindi · कविता 5 2 307 Share V.k.Viraz 23 Jul 2020 · 1 min read ||【*त्याग*दो*】|| बुरी मनोस्तिथियों पर गोलियाँ अब दाग दो जिस चीज़ का असर बुरा हो उस चीज को अब त्याग दो। कटु वाणी पर न सुर न ताल न अब राग दो... Hindi · कविता 4 8 373 Share V.k.Viraz 25 Jul 2020 · 1 min read **प्यार व्यापार** रंग से लोग सच्चे प्यार नही करते। जिन्हें रूह की परख होती है वो जिस्मों का व्यापर नही करते। विराज़ Hindi · शेर 4 4 431 Share V.k.Viraz 21 Aug 2020 · 1 min read 【◆कभी दिल से हाल पूछा होता◆】 कभी दिल से हाल पूछा होता तो दिल से अपना हाल बताते हम। ग़म के कितने काँटे चुभे हैं हर किस्सा कह सुनाते हम। तुम तो बस यूं ही ख़ैरियत... Hindi · कविता 4 2 420 Share V.k.Viraz 29 Aug 2020 · 1 min read ||●||साथी||●|| एक साथी बिछड़ गया है उसे ढूंढ रहा हूँ। खोज रहा हूँ पूछ रहा हूँ। यादों में उसकी तड़प रहा हूँ सिसक रहा हूँ। मिलने को उससे तरस रहा हूँ... Hindi · कविता 4 6 295 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read !:::बुरी राहें चलना मत:::! तारीफ़ों की आंच से पिघलना मत चिनगारियों से कभी जलना मत। बुरी राहें मंज़िल तक क्यों न जाएं, साथ उनके कभी तुम चलना मत। By-वि के विराज़ Hindi · मुक्तक 4 471 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read !!!! अंदरूनी लिबास !!!! कहाँ देखती है दुनिया अंदरूनी लिबास को। लत्तों से पहचानती है ये सबकी औक़ात को। By vk viraz Hindi · शेर 4 2 265 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read {【ब्याज़ पे मदद 】} अपनों से ही तो बस ,अपनीयता दिखाती है। दूसरों पर तो दुनिया मदद,ब्याज पे उठाती है। By vk viraz Hindi · शेर 4 476 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **चाहतों का डेरा** चाहतों का डेरा भी जरूरी है। कुछ मेरा तो कुछ तेरा भी जरूरी है। विराज़ Hindi · शेर 4 2 236 Share V.k.Viraz 8 Jul 2020 · 1 min read ** ||| फ़ौलादी ज़िगर||| ** मन की व्यथाओं से जीवन की दुविधाओं से भी बाहर आया जा सकता है गर जिगर फ़ौलादी हो तो हर दोष मिटाया जा सकता है। चिंताओं को आग लगाकर भय... Hindi · कविता 4 6 323 Share V.k.Viraz 4 Jul 2020 · 2 min read ¶¶【हमे चलते रहना चाहिए】¶¶ दिन तो ढलता ही है उसे ढलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है हमे चलते रहना चाहिए। सूरज तो जलता ही है उसे जलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है... Hindi · कविता 4 4 320 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read 【फूटी क़िस्मत】 नही लिखी जाएंगी नज़्में कोई नही खाई जाएंगी कसमें कोई। सबकुछ छोड़ दिया हमने अब जब से है हमारी ज़िन्दगी रोई। हर बाज़ी हारते हि चले गए हम क़िस्मत जब... Hindi · कविता 4 3 367 Share V.k.Viraz 25 Sep 2020 · 1 min read 【■ हालात ज़िन्दगी के ■】 ------------------------------------------ हालात इस क़दर बिगड़े हैं ज़िंदगी के पत्थर से ज्यादा टुकड़े है ज़िन्दगी के। सँभालना चाहा जिन्हें हर हाल में भी, ख़ुशी केवही पल बिछड़े हैंज़िन्दगी के। ------------------------------------------ By... Hindi · मुक्तक 3 2 281 Share V.k.Viraz 20 May 2020 · 1 min read 【【मज़दूर】】 एक सुकून की तलाश में निकले थे अपनों से मिलने की फ़िराक में निकले थे। मालूम न था सफ़र अधूरा रह जाएगा रास्ते भी मज़दूरों के ख़िलाफ़ में निकले थे।... Hindi · मुक्तक 3 6 227 Share V.k.Viraz 31 Aug 2020 · 1 min read // रात // ये रात भी क्या कुछ दे जाती है थके हुए इंसान को प्यारी नींद सुलाती है। चिंताओ के बोझ से भय मुक्त करवाती है ये रात भी क्या कुछ दे... Hindi · कविता 3 2 589 Share V.k.Viraz 22 Jul 2022 · 1 min read ■// जुबां-ए-विराज़ //■ अहल-ए-दिल अबभी वही है मुझमे शख्स रहता अबभी वही है। उसने वक़्त न दिया तो उसे ग़लत समझूँ बात ये बिल्कुल भी सही नही है। न दे सके कोई बहुत... Hindi · Poem 3 2 151 Share V.k.Viraz 23 Oct 2020 · 1 min read // क़िस्मत // तन्हाईयाँ भी तन्हाइयों को रास नही आतीं। कुछ तो खता होगी वर्ना काली घटाएँ यूहीं उजालों के पास नही आती। मंज़र यूहीं नही बदलता बुरी नजरों के देख लेने से।... Hindi · कविता 3 2 228 Share V.k.Viraz 19 May 2020 · 1 min read }}सड़क{{【【एक राही】】 बन सड़क चल बेधड़क रुक न किसी मोड़। *** मेहनत ख़ुद रंग लाएगी तु क़दम बढ़ा पुलजोर। *** अनसुना कर बातों को जो खींचे पीछे की ओर। *** कमजोर इरादों... Hindi · कविता 3 1 277 Share V.k.Viraz 18 May 2020 · 1 min read कोरोना हरि हरि की गुहार कर भगवान को पुकार कर मानव आज चीख़ रहा मृत्यु निकट जान कर। मंदिर में कर पूजा पाठ गलती अपनी सुधार रहा कैसे निपटें महामारी से... Hindi · कविता 3 4 387 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read ( नमकहरामी ) # खून में सबके नमकहरामी ही तो है। दुनिया के पास दुनिया की बदनामी ही तो है। Hindi · शेर 3 272 Share V.k.Viraz 15 May 2020 · 1 min read दुःख की घड़ी (दुःख कि घड़ी) ************ चिंता को दूर कर भय के मायाजाल से बाहर निकल। ये दुःख की घड़ी है प्यारे जल्दी ही तेज़ हवा की भांति ये भी जाएगा टल।... Hindi · कविता 3 6 481 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read ::(लोग मतलबी):: --------------------------------------------------- केवल धोका है सब यहाँ अपनों के नाम पर देता है ध्यान हर कोई बस अपने काम पर। किसी को क्या किसी की मन्ज़िल की फ़िक्र रखता है नज़र... Hindi · मुक्तक 3 315 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read \ लोग भी अजीब हैं // ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● गुनाहों की गठरी सर रखे चलते हैं दूसरों को अच्छे काउपदेश देते हैं। अपनी तो रखते हैंसँभाल करसदा दूसरों की इज़्ज़त को बेच देते हैं। ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● V.k.Viraz ''''''''''''''"""""""" Hindi · मुक्तक 3 2 264 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \कुछ गहरे घाव// उभर आए हैं कुछ दर्दों के भाव नजऱ आए फिर कुछ गहरे घाव। टूटा है फिर दिल का सन्नाटा मेरे, है इस पर फिर यादों का दबाव। Hindi · मुक्तक 3 2 411 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read धूल भी कब्र बना देती है// यादों में यार कि अब सारे दिन कटते हैं साँसों के प्यारे गुब्बारे हर रोज़ सिमटते है। मिट्टी कि नन्ही सी धूल भी कब्र बना देती है जिसमे हर रोज... Hindi · मुक्तक 3 2 392 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \जलता नर्क है// दुनिया की हर चीज़ में तर्क है बस सब के समझ मे फ़र्क है। किसी के लिए स्वर्ग है ये धरती तोकिसी केलिए जलता नर्क है। Poet V.k.viraz Hindi · मुक्तक 3 2 240 Share V.k.Viraz 17 Oct 2020 · 1 min read ■///【बदलता दौर】■ दौर उल्फ़त का ख़तम हो गया है। मतलबी अबहर सनम हो गया है। पहले इंसानियत हीधरम था,अब पैसा सभी का मजहब हो गया है। कागज़ के नोटों पे चलती है... Hindi · कविता 3 2 298 Share V.k.Viraz 21 May 2020 · 1 min read {【मुश्किल】}(एक पथ प्रदर्शक) जीवन मे जितनी भी मुश्किलें आती हैं। राहें मंजिलों के उतनी ही क़रीब पहुँच जाती हैं। इनसे घबराकर पीछे चलने वालों को कुछ हासिल नही होता। जिनके ईरादों में जान... Hindi · कविता 3 2 539 Share V.k.Viraz 9 Jul 2020 · 1 min read {● 【◆【अँधेरे अभी दिन तेरे हैं ] ◆】●} अँधेरे अभी दिन तेरे हैं बढ़ जितना तू बढ़ सकता है। छा जा ज़मी आसमान तक ढक उजाले को तू जितना अभी ढक सकता है। है हाँथ नही कुछ भी... Hindi · कविता 3 4 254 Share V.k.Viraz 5 May 2021 · 1 min read ■ सुर या असुर इंसान ■ तुम सुर हो के असुर मुझे बता दो इंसानों इस गहरे राज़ से पर्दा आज उठा दो इंसानों। खोल दो आज हक़ीक़त का चिट्ठा अपने, सच जो हैं सबके सामने... Hindi · कविता 3 2 490 Share V.k.Viraz 9 Jun 2020 · 3 min read 【बेटियों की उड़ान】 कृपालाल एक मजदूर है जो कबाड़े का काम करके अपने बीवी,बच्चों का भरण पोषण करता है उसके घर मे उसकी बीवी के अलावा उसकी दो बेटियां हैं जो स्कूल जाती... Hindi · कहानी 3 2 309 Share V.k.Viraz 3 Mar 2021 · 1 min read {◆काश जीवन से समझौता कर लेते◆} न गिरते अश्रु धारे,न चिंता मन को खाती न ह्रदय रोग उभरता,न ज़िंदगी कठिन कहलाती। गर अड़चनों से दृढ़ता का सौदा हम कर लेते। काश जीवन से समझौता हम कर... Hindi · कविता 3 2 304 Share V.k.Viraz 7 Aug 2020 · 1 min read ©®°°°|||【दुनिया】|||°°°®© आग-ऐ-शोलों पे चलाती है दुनिया हर काम मे टांग अड़ाती है दुनिया। सुनती नही किसी की कभी अक्सर अपनी ही अपनी चलाती है दुनिया। दूसरों के पथ पर ढेरों रोड़े... Hindi · कविता 3 4 444 Share V.k.Viraz 6 Feb 2021 · 1 min read **मैं परेशानी हूँ** आना जाना है काम मेरा सुख दुख दिखाना है काम मेरा। बैरी नही किसी की मैं न ही किसी की साथी हूँ। सौंप के स्वयं को तुम्हें जीना सिखाना है... Hindi · कविता 3 4 239 Share Page 1 Next