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24 May 2020 · 1 min read

【फूटी क़िस्मत】

नही लिखी जाएंगी नज़्में कोई
नही खाई जाएंगी कसमें कोई।

सबकुछ छोड़ दिया हमने अब
जब से है हमारी ज़िन्दगी रोई।

हर बाज़ी हारते हि चले गए हम
क़िस्मत जब से हमारी है सोई।

छिछले पानी भी पार नहीं होते
नाव तूफ़ानों ने जब से है डुबोई।

दिल के हर ज़ख़्म चोट करते हैं
माला ग़म की जब से है पिरोई।

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 347 Views
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