विनय कुशवाहा 'विश्वासी' Tag: मुक्तक 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 7 Dec 2020 · 1 min read मौन प्रेम मेरे दिल में बसी है जो, कहो तुमको बता दूँ मैं। चलो उससे मिला दूँ या कहो उसका पता दूँ मैं। न आँखें फाड़कर देखो,ज़रा समझो इशारे को- तुम्ही से... Hindi · मुक्तक 2 1 283 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Oct 2020 · 1 min read जय माता दी करें माँ वंदना तेरी, सदा हम पर दया करना। हमारी जिंदगी में माँ,सदा ही कुछ नया करना। न कोई भूल हो हमसे, न कोई पाप हो जाए- अनैतिक कर्म जो... Hindi · मुक्तक 1 2 306 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 3 Oct 2020 · 1 min read आज के हालात न जाने क्या हुआ है अब, बताओ इस जमाने को। लपकते जिस्म को ही अब,सभी क्यों नोच खाने को। कहाँ है सभ्यता अपनी , कहाँ हैं रीतियाँ अपनी- बने हैं... Hindi · मुक्तक 5 304 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Sep 2020 · 1 min read सुख के साथी सुख में सब तो रहते हैं। अपना मुझको कहते हैं। दुख में पर पास न आयें। घर में अपने छुप जायें। अब मैं सब जान गया हूँ। सबको पहचान गया... Hindi · मुक्तक 1 4 283 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Sep 2020 · 1 min read करें सम्मान हिंदी का हमारे देश में अब तक,हुआ अपमान हिंदी का। नहीं करता यहाँ कोई, कभी गुणगान हिंदी का। लड़ाई है बहुत लंबी, बने यह राष्ट्र की भाषा- दिलाकर श्रेष्ठता जग में, करें... Hindi · मुक्तक 1 2 417 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी हैं हम हमारी आन है हिंदी, हमारी शान है हिंदी। हमारी रूह है हिंदी, हमारी जान है हिंदी। मरें भी हम तो हिंदी से,जिएँ भी हम तो हिंदी से- चले जाएँ कहीं... Hindi · मुक्तक 1 457 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 11 Sep 2020 · 1 min read आ गले मुझको लगाओ 2122 2122 2122 2122 जाँ न जाओ लौट आओ, यूँ न तनहा छोड़ जाओ। क्यों खफ़ा हो इस तरह तुम,बात क्या मुझको बताओ। मानता हूँ भूल अपनी, जो हुई है... Hindi · मुक्तक 2 242 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 9 Sep 2020 · 1 min read नैनों के इशारे 221 2122 221 2122 ये नैनों के इशारे, मुझको न मार डाले। दे बख़्श जान मेरा, कातिल नज़र हटा ले। दिल हार मैं गया हूँ,बस एक ही झलक में, अब... Hindi · मुक्तक 4 255 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 8 Sep 2020 · 1 min read याद आदमी की अब कौन ये सुने जी, फरियाद आदमी की। विश्वास पर टिकी है, बुनियाद आदमी की। यह देह तो चली जो,उस लोक की तरफ को- पर पास रहती हरदम, बस याद... Hindi · मुक्तक 2 2 447 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 1 Sep 2020 · 1 min read सियाराम हम द्वार खड़े कबसे, हे नाथ चले आओ। ले मातु सिया को भी, अब साथ चले आओ। करते हैं भजन निशि दिन,विनती ये सुनो सबकी- कोदंड उठाकर अब, ले हाथ... Hindi · मुक्तक 1 344 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 30 Aug 2020 · 1 min read जय माँ सरस्वती शरण में हम तुम्हारे हैं, दया का दान माँ दे दो। करें सेवा तुम्हारी ही, यही वरदान माँ दे दो। भटकते हैं जहाँ में हम,मिटा दो मैल उर का सब-... Hindi · मुक्तक 2 4 285 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 23 Aug 2020 · 1 min read तुम्हें अब लाज कैसी है छिपाया था जिसे अब तक,मुहब्बत आज कैसी है। कभी थे सख्त इतने तुम, मधुर आवाज कैसी है। लिया जो मान अपना ही, निकलकर सामने आओ- कहो अपना मुझे खुलकर, तुम्हें... Hindi · मुक्तक 3 2 297 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 20 Aug 2020 · 1 min read मिली है हार अपनों से जिसे समझा कि अपना है,हुआ वो तो पराया है। लिया था संग जिसको मैं,वही वर्षों फिराया है। सरलता से भरा जीवन,सदा अविजित रहा हूँ मैं- मिली है हार अपनों से,नहीं... Hindi · मुक्तक 3 415 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Aug 2020 · 1 min read दिवस ये खास आया है चलो खुशियाँ मनाएँ हम,दिवस ये खास आया है। मिली स्वाधीनता इस दिन,नया अहसास आया है। गगन में झूमकर अपना, लहरता है तिरंगा ये- इसे ही चूमने खातिर,गगन भी पास आया... Hindi · मुक्तक 1 2 241 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा तिरंगा आन है मेरी, तिरंगा शान है मेरी। तिरंगा रूह है मेरी, तिरंगा जान है मेरी। मरूँ भी तो तिरंगे पर,जियूँ भी तो तिरंगे पर- चला जाऊँ कहीं भी मैं,यही... Hindi · मुक्तक 2 409 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 Aug 2020 · 1 min read राम मंदिर निर्माण नगर का घाट दीपों के, उजाले से नहाया है। सजी हैं फूल से गलियाँ,खुशी का प्रात आया है। हुआ ऐलान जब से है, शुरू निर्माण मंदिर का- जुटी है भीड़... Hindi · मुक्तक 4 4 427 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 1 Aug 2020 · 1 min read अजब सी चाहत बताओ बात क्या है जो,अभी मुझसे छिपाते हो। मुझे यूँ तंग करके तुम, हमेशा मुस्कुराते हो। तुम्हारे प्यार करने का, अजब ही ये तरीका है- हुआ है प्यार मुझसे ही,... Hindi · मुक्तक 5 4 383 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Jul 2020 · 1 min read प्यार जताओ #भुजंग प्रयात छंद कहाँ जा रहे हो मुझे भी बताओ। मुझे संग ले लो अकेले न जाओ। सदा साथ दोगे, दगा तो न दोगे- तुम्हें प्यार है तो यहाँ भी... Hindi · मुक्तक 6 6 447 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 24 Jul 2020 · 1 min read करोगे क्या हजारों का ज़रा समझा करो मतलब, सनम मेरे इशारों का। निकल जाए नहीं फिर से,कहीं मौसम बहारों का। इधर भी हैं उधर भी हैं , तुम्हारे चाहने वाले- बनाओ एक को हमदम,... Hindi · मुक्तक 2 336 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 22 Jul 2020 · 1 min read प्यार से डर है नहीं प्रतिकार से डर है,नहीं इनकार से डर है। नहीं तकरार से डर है,नहीं ललकार से डर है। कहूँ भी क्या भला मैं अब,मुझे क्या है परेशानी- बहुत जो दर्द... Hindi · मुक्तक 4 8 500 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Jul 2020 · 1 min read ख़ुदा की रहमत दुआ ये आपकी हरदम, हमारे काम आई है। मिली है आप ही से तो,ख़ुशी जो आज छाई है। हुए थे दूर कितने हम, नहीं था संग कोई भी- ख़ुदा की... Hindi · मुक्तक 5 4 430 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 16 Jul 2020 · 1 min read कली खिलती नहीं यारों दवाई इश्क़ की जग में, कहीं मिलती नहीं यारों। बने जो ज़ख्म गर दिल पर,कहीं सिलती नहीं यारों। मुहब्बत की डगर में तो, मिले दुश्वारियाँ लेकिन- बिना भँवरे के बागों... Hindi · मुक्तक 4 2 295 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 12 Jul 2020 · 1 min read सावन के झूले सुपर्वों में भले ही अब, खुशी से हम सभी फूले। नहीं है याद सावन की, ये कजरी गीत भी भूले। बहे पुरवा पवन मद्धम,पड़े रिमझिम फुहारें भी- मगर दिखते नहीं... Hindi · मुक्तक 2 6 561 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 10 Jul 2020 · 1 min read रातें कटती नहीं चेहरे से नज़र तेरे हटती नहीं। चाहतें तुमसे मिलने की घटती नहीं। छोड़कर अब मुझे तुम न जाओ कभी- रातें तेरे बिना यार कटती नहीं। Hindi · मुक्तक 1 290 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 8 Jul 2020 · 1 min read दीदार कर लो तुम बधाई दे रहा हूँ मैं, इसे स्वीकार कर लो तुम। नहीं हूँ तोहफा लाया, मुझे दो-चार कर लो तुम। ठिकाना जिंदगी का क्या, करो दो प्यार की बातें- मिले फ़ुर्सत... Hindi · मुक्तक 1 4 479 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 4 Jul 2020 · 1 min read बेरोजगारों का दर्द न समझे दर्द कोई भी कभी बेरोजगारों का। मिले उनको नहीं यारों, कहीं मौसम बहारों का। व्यथा क्या है सबब क्या है न कोई पूछने आता- रुका है ब्याह भी... Hindi · मुक्तक 4 4 508 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 2 Jul 2020 · 1 min read हैसियत किसी की हैसियत को देख गर तुम प्यार करते हो। मुझे लगता कि जैसे अब, ये तुम व्यापार करते हो। बिना मंजिल की राहों में, भटकते हो किधर बोलो- ये... Hindi · मुक्तक 4 2 246 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Jun 2020 · 1 min read छटा भू की निराली है फुहारे पड़ रहे रिमझिम, घटा ये छायी काली है। लिपटकर जल की बूंदों से,झुकी पेड़ों की डाली है। उमस से है मिली राहत, कृषक भी गा रहे हैं अब- नया... Hindi · मुक्तक 4 515 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 27 Jun 2020 · 1 min read खुशी फिर लौट आएगी सुनहरे ख़्वाब से केवल, नहीं बन बात पाएगी। करो जो मेहनत मन से, तो किस्मत जाग जाएगी। कभी मायूस मत होना, बदलते जिंदगी से तुम- मिला है आज गम तो... Hindi · मुक्तक 5 4 346 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 25 Jun 2020 · 1 min read एक ख़्वाहिश लबों को चूम लूँ तेरे,गले तुमको लगा लूँ मैं। अलख ये प्रेम की जानम,जरा दिल में जगा लूँ मैं। दरस अपना मुझे दे दो, नहीं अब दूर जाओ तुम- बदन... Hindi · मुक्तक 5 2 346 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 22 Jun 2020 · 1 min read एक सैनिक की आवाज़ हिमाक़त जो करे दुश्मन, कसम से ठोक देंगे हम। बढ़ेगा जो कदम उनका, वहीं पर रोक देंगे हम। रहेगा जब तलक तन में,लहू का एक भी कतरा- वतन की आन... Hindi · मुक्तक 4 2 483 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 20 Jun 2020 · 1 min read मिलन ये दो दिलों का है (भाग - 2) शहर की एक मैं छोरी,कि तुम हो गाँव का छोरा। भले है रंग काला ही, मगर है दिल तेरा गोरा। न जाओ रूप पर यारा, नज़र में... Hindi · मुक्तक 6 357 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 19 Jun 2020 · 1 min read गाँव का छोरा भाग - 1 मैं तो हूँ गाँव का छोरा, शहर की एक तुम छोरी। मैं तो हूँ साँवला बिल्कुल,मगर तुम हो बहुत गोरी। बनेगा मेल कैसा ये, तुम्हारा और मेरा... Hindi · मुक्तक 3 2 688 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 17 Jun 2020 · 1 min read छप्पन इंची सीना सरहदों पर आँख दिखाता, चीन बहुत कमीना है। पाँव बढ़ाकर ऐसे ही ,अमन चैन को छीना है। सैनिकों का यह जीवन क्या लगता अनमोल नहीं- सिर्फ भाषणों में ही क्यों... Hindi · मुक्तक 3 2 523 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Jun 2020 · 1 min read ख़ुदकुशी खुदकुशी से खुशी, क्या कोई भी पाते हैं। त्यागकर निज प्राण, सबको ही रुलाते हैं। हो जाते मुक्त भले ही, खुद पीड़ा से वे- जीवन भर तिल-तिल,अपनों को तड़पाते हैं। Hindi · मुक्तक 3 4 450 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 11 Jun 2020 · 1 min read मैं खुद को श्याम कर दूँगा मुहब्बत में तुम्हारे मैं, सुबह को शाम कर दूँगा। बड़े मासूम से दिल को, तुम्हारे नाम कर दूँगा। दुआ माँगू मैं जब रब से, रहे बस ध्यान तेरा ही- बनो... Hindi · मुक्तक 5 6 349 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 9 Jun 2020 · 1 min read सदा ही मुस्कुराओ तुम मिटाकर द्वेष आपस का,गले सबको लगाओ तुम। भरा है जो ज़हर दिल में,उसे फौरन हटाओ तुम। मिलेगा कुछ नहीं तुमको, किसी से नफ़रतें करके- बढ़ाकर दोस्ती आगे, सदा ही मुस्कुराओ... Hindi · मुक्तक 4 420 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 7 Jun 2020 · 1 min read अभी से चेत जाओ तुम नदी के गर्भ से इतना, न लेकर रेत जाओ तुम। खजाना लूटकर ऐसे, न अपने केत जाओ तुम। पड़ेगी मार जब उसकी, मिले जीवन नहीं फिर से- प्रकृति के कोप... Hindi · मुक्तक 3 2 351 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 Jun 2020 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता को लिए अब,क्या से क्या हम हो गये। देखकर बस लाभ अपना ,स्वार्थ में हम खो गये। खोजते हैं घूमकर हम, फल मुहब्बत का वहीं- बीज नफरत का जहाँ... Hindi · मुक्तक 1 2 248 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 May 2020 · 1 min read इंसाफ कर दें हम लगे हैं झाले जो दिल में,जरा सा साफ कर दें हम। करे गलती अगर कोई, उसे भी माफ कर दें हम। जिएँ इंसानियत खातिर, मरें इंसानियत खातिर - खुदा दे... Hindi · मुक्तक 5 513 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 27 May 2020 · 1 min read विरह की वेदना विरह की वेदना हम तो,कभी भी सह नहीं सकते। दबी है बात दिल में जो,किसी से कह नहीं सकते। अजब बंधन बना देखो, हमारे बीच दिल का ये- बिना तेरे... Hindi · मुक्तक 2 243 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 25 May 2020 · 1 min read गर्मी से बुरा हाल बढ़ा है ताप सूरज का, गगन से आग ही बरसे। भलाई है इसी में अब,कहीं निकलें नहीं घर से। जलाती है तपिश ऐसी, कि रेगिस्तान की राहें- मिले पानी न... Hindi · मुक्तक 1 214 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 23 May 2020 · 1 min read दूर हमसे जाते रहे तुझे हम तो पाने के सपने सजाते रहे। मगर और भी दूर तुम हमसे जाते रहे। खता क्या हुई ये हमें तो पता भी नहीं- रुलाकर अकारण हमें तुम सताते... Hindi · मुक्तक 2 196 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 21 May 2020 · 1 min read राजनीतिक पाखंड लड़ें आपस में सब नेता,मरा आँखों का पानी है। उन्हें चिंता नहीं जन की, फ़क़त बातें बनानी है। मुसीबत है खड़ी आगे,पड़ी उनको सियासत की- मिले सत्ता कहीं से भी,... Hindi · मुक्तक 3 4 248 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 19 May 2020 · 1 min read विवशता हुईं विपरीत शुभ घड़ियाँ, गमों के मेघ छाये हैं। विवशता हो गयी ऐसी,सभी पर भय के साये हैं। हजारों मील की दूरी, नहीं वाहन मिले कोई- बहुत छोटी हुईं राहें,... Hindi · मुक्तक 5 480 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 17 May 2020 · 1 min read पलायन का दर्द ये कवि की लेखनी भी दर्द अब तो लिख नहीं सकती। बना है घाव जो तन पर, किसी को दिख नहीं सकती। बहुत निर्मम हुई सरकार हर सुविधा नदारद है... Hindi · मुक्तक 3 363 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 May 2020 · 1 min read गाँव की मिट्टी हमारे गाँव में तुम भी, कभी तो घूमने आओ। हवा के संग बागों में, जरा तुम झूमने आओ। मिलेगी हर खुशी तुमको जहाँ भी पग बढ़ाओगे- बहुत पावन यहाँ की... Hindi · मुक्तक 2 369 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 13 May 2020 · 1 min read कहाँ जा रहे हो? मुझे छोड़कर तुम कहाँ जा रहे हो? कि दिल तोड़कर तुम कहाँ जा रहे हो? तुम्हें ही तो माना था बस एक अपना- यूँ मुँह मोड़कर तुम कहाँ जा रहे... Hindi · मुक्तक 4 293 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 11 May 2020 · 1 min read निजी विद्यालयों की खुली लूट हर साल ही बच्चों की किताबें बदल रहे। बातें बनाकर कैसे सभी को ये छल रहे। कैसे खरीदे कोई महंगी किताब को - मासूम बच्चों के अब ये सपने कुचल... Hindi · मुक्तक 2 2 220 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 9 May 2020 · 1 min read दूर जाने लगे हैं न जाने वो क्यों दूर जाने लगे हैं। घड़ी हर घड़ी क्यों सताने लगे हैं। कभी रोज आँखें मिलाये थे जिनसे, हमें आज आँखे दिखाने लगे हैं। Hindi · मुक्तक 2 468 Share Page 1 Next