विनय कुमार करुणे Language: Hindi 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनय कुमार करुणे 14 Aug 2021 · 1 min read मुझे तुम आखिरी रात समझना मुझे तुम आखिरी रात समझना, बीत गयी जो, वो बात समझना, कहने को तो मैं कुछ भी कह दूं, लेकिन तुम मेरे जज्बात समझना, दूर होकर भी है करीब एक... Hindi · कविता 4 1 706 Share विनय कुमार करुणे 18 Mar 2021 · 2 min read मेरी जिंदगी (1) मेरी जिंदगी सबकी समझ से परे है, कोई मुझे समझने की कोशिश नही करता, सब को बस अपनी ही सुनानी है, कोई मेरी भी तो सुन लो, मुझे क्या... Hindi · कविता 460 Share विनय कुमार करुणे 14 Sep 2020 · 1 min read चोट लगी नही अभी चोट लगी नही अभी, और हम मरहम ढूँढने लगे, सबने कहा इश्क़ है, और इसकी हरम ढूंढने लगे, गली में उनकी जाने की बात हुई, और हम सनम ढूंढने लगे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 516 Share विनय कुमार करुणे 29 Jun 2020 · 2 min read सबेरे का अंत सबेरे का अंत (मेरी बात:मुश्किल है अब जीना) हर रोज एक नया सबेरा आता तो है पर मेरे लिए नही, दुनिया के लिए, मुझे तो जिंदगी अंधेरा ही लगता है,... Hindi · कविता 2 321 Share विनय कुमार करुणे 26 Jun 2020 · 5 min read प्रवासी मजदूर शाम का समय है बसन्त जमीन पर बिछी एक चटाई में लेटा हुआ है, मन में कुछ चिंता है लेकिन अपनी पत्नी से बोल नही पा रहा है, "सुना जी... Hindi · कहानी 3 6 859 Share विनय कुमार करुणे 24 May 2020 · 2 min read एक पहल कोरोना को हराने की आओ मिकलर पहल करें, कोरोना को हराने की, अपने भारत वर्ष को फिर से, विश्व गुरु बनाने की, मुँह पर अपने मास्क बांधलो, साबुन से धो हाथ, रखें बनाकर दूरी... Hindi · कविता 2 316 Share विनय कुमार करुणे 28 Apr 2020 · 1 min read माता पिता धूप पड़ता है मुझ पर, तो वो छांव बन जाता है, बारिश के मौसम में कभी, वो बनता छाता है, ठंडी में वह गर्म हवा सा, ग्रीष्म में शीत बरसाता... Hindi · कविता 3 426 Share विनय कुमार करुणे 20 Apr 2020 · 1 min read इस रोग का नाम कोरोना है तुम सबसे रहना बच बच कर, इस रोग का नाम कोरोना है, खतरनाक यह वायरस है, ये जादू है न टोना है मेरी बात सुनो तुम ऐ लोगों, यह रोग... Hindi · कविता 1 334 Share विनय कुमार करुणे 27 Feb 2020 · 1 min read शहर-ए-इश्क़ शहर-ए-इश्क़ में हर शक़्स हैरान सा लगता है, कड़वी किसी की बात,दर्द मुस्कान सा लगता है, इश्क़-ए-दरिया में गोते खाता है कोई, तन्हाई में दिल किसी का बियाबान सा लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 377 Share विनय कुमार करुणे 21 Feb 2020 · 1 min read इंसान की फ़ितरत गलतियां तमाम देखता है दुनिया के, खुद के लाखों ऐब छिपाता है, जहाँ भी दिखे नफ़ा अपना, आपस में करना बैर बताता है, खुद के दिल मे भले न हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 484 Share विनय कुमार करुणे 7 Feb 2020 · 1 min read आओ मिलकर आग लगायें.. आओ मिलकर आग लगायें, कानून नया बनाये हम, देश के फिर से टुकड़े करके, हिन्दू मुस्लिम हो जायें हम, अपनी मतलब के ख़ातिर हम, संविधान बदल डाले, आओ मिलकर आग... Hindi · कविता 692 Share विनय कुमार करुणे 28 Jan 2020 · 1 min read अपनी पहचान नहीं बताएंगे हम अपनी पहचान नहीं बताएंगे हम, यह देश छोड़कर नहीं जाएंगे हम, हमें निकालने की जितनी भी कोशिश करो, सह लेंगे तेरे सारे सितम, यह देश हमारा है, इसी पर दिल-ओ-जान... Hindi · कविता 2 413 Share विनय कुमार करुणे 16 Jun 2019 · 1 min read "पिता" तेरा ही नाम आता है सूरज निकलने से पहले, घर से निकलता है, और देर से शाम आता है, लगकर सीने से जिसके, हर मर्ज से आराम आता है, इंसान नही फरिश्ता है वो, चरणों... Hindi · कविता 328 Share विनय कुमार करुणे 12 May 2019 · 1 min read महतारी के कोरा (छत्तीसगढ़ी कविता) महतारी के कोरा सरग बरोबर लागे मोला महतारी के कोरा, छप्पनभोग बरोबर लागे तोर बासी वाले कटोरा, जूठा कंउरा तोर ओ दाई अमृत ले हे भारी ओ, आशिष जइसन लागे... Hindi · कविता 985 Share विनय कुमार करुणे 17 Jan 2019 · 1 min read ये दिल तुमसे कुछ कहना चाहता है ये दिल तुमसे, कुछ कहना चाहता है, दूर रहकर भी, तेरे साथ रहना चाहता है, मुझे पता है कि, तू मेरी हो नही सकती, फिर भी ये पागल, तेरा होना... Hindi · कविता 589 Share विनय कुमार करुणे 25 Dec 2018 · 4 min read चुनाव में बढ़ता धनबल प्रयोग (चुनौतियां एवं समाधान) ? आलेख (निबन्ध)? ? *चुनाव में बढ़ता धनबल प्रयोग* ? ?? (चुनौतियां एवं समाधान)?? लेखक - विनय कुमार करुणे✍?✍? ___________________________ भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है । एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में... Hindi · लेख 2k Share विनय कुमार करुणे 25 Dec 2018 · 1 min read "इस नए साल में" "इस नए साल में" बदलें नही सिर्फ पुराना कैलेंडर, इस नए साल में, पुरानी सोच,पुराना विचार, बदलो नए साल में, कुबुद्धि को पीछे छोड़ो, साथ चलो उजाले के, स्वागत करो... Hindi · कविता 402 Share विनय कुमार करुणे 11 Aug 2018 · 2 min read मैं घर का बड़ा लड़का हूँ... मैं घर का बड़ा लड़का हूं, जानता सब हूं पर कुछ कहता नहीं, बहुत सी जिम्मेदारियां है मुझ पर, चूंकि उमर हो चुकी है पापा की, घर का खर्चा,और भाई... Hindi · मुक्तक 1k Share विनय कुमार करुणे 5 Mar 2018 · 1 min read सम्हल के रहना बाबू... सम्हल के रहना बाबू... सम्हल के रहना बाबू यहां यह है अपना देश, पहचान किसी को नही पाओगे, क्या है किसका भेष, कौन है नेता कौन कुनेता, अलग सभी के... Hindi · मुक्तक 255 Share विनय कुमार करुणे 3 Mar 2018 · 1 min read मेरी जिंदगी *मेरी ज़िंदगी* थोड़ा थक सा जाता हू अब मैं... इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है, पर ऐसा भी नही हैं कि अब... मैंने चलना ही छोड़ दिया है। फासलें अक्सर... Hindi · कविता 328 Share विनय कुमार करुणे 3 Mar 2018 · 3 min read बिलासपुर :- मेरा शहर अरपा नदी के किनारे बसा बिलासपुर पहले एक छोटी बस्ती के रूप में था जिसे अब जूना (पुराना) बिलासपुर के नाम से जाना जाता है। यह सन 1861 के पूर्व... Hindi · कहानी 754 Share विनय कुमार करुणे 3 Mar 2018 · 1 min read मोहब्बत का बुखार मोहब्बत का बुखार मोहब्बत सा हमने, न बुखार देखा, खोलकर न पुराना, अखबार देखा, कई आशिकों की किताब पढ़ी, हीर रांझा सा न तलफ़गार देखा, जो सांसो से धड़कन में... Hindi · कविता 514 Share विनय कुमार करुणे 1 Mar 2018 · 2 min read पगलु जस्ट चील... पगलु जस्ट चील... सम्हाल के रहना भइया यहां, यह है भारत देश, गरीबों की कोई सुनता नही, अमीरों की है ऐश, विकास के नाम का यहां, सरकार दिखाती है रील,... Hindi · कविता 2 4 450 Share विनय कुमार करुणे 28 Feb 2018 · 1 min read होली का मौसम आया है होली का मौसम आया है, रंग खुशी का लाया है, सभी तरफ होली की हलचल, जितने प्यारे उतने चंचल, रंगों के थाल सजे है, सब तरफ नगाड़े ढोल बजे है,... Hindi · कविता · बाल कविता 369 Share विनय कुमार करुणे 27 Feb 2018 · 1 min read मैं बेरोजगार हूँ मैं भारत का युवा,सच्चाई का तलवार हूँ, मगर अब घर पर भार हूँ, क्योंकि मैं बेरोजगार हूँ ।। मेरा बचपन बीत गया, लोगों से सुनते सुनते, मैं देश का भविष्य... Hindi · कविता 354 Share विनय कुमार करुणे 27 Feb 2018 · 1 min read चाँद मेरा नाराज है तू ही मेरी दिन है, तू ही मेरी रात है, तू ही मेरी कल है, तू ही मेरी आज है, तू ही मेरी सुर है, तू ही मेरी साज है,... Hindi · कविता 1 395 Share