Varun Singh Gautam Tag: कविता 187 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Varun Singh Gautam 7 Feb 2022 · 1 min read ऐ दीदी लता ऐ दीदी लता मंगेशकर वापस आ जा इस दुनिया में क्यों चलें गए हमें छोड़ ? तेरे बिना जीना अधूरा याद है मुझे एकबात जब मैं था प्रथम वर्ग में... Hindi · कविता 3 2 511 Share Varun Singh Gautam 7 Feb 2022 · 1 min read ॐ ॐ उच्चार स्वर - स्वर की लय में लग रहें तार गूंज - गूंज के बिखेरेगी दिव कली में स्वप्निल में सज रही कई स्वप्नों की बढ़ - बढ़ यहाँ , वहाँ... Hindi · कविता 2 599 Share Varun Singh Gautam 5 Feb 2022 · 1 min read शारदा माँ बसन्तपंचमी शारदा का महापर्व ज्ञान ज्योति जग घर - घर विशाल धूप - दीप - अगरबत्ती - फल - मेवा पूजा वन्दन करे माँ भवानी के हम वीणा बजी स्वर... Hindi · कविता 2 613 Share Varun Singh Gautam 5 Feb 2022 · 1 min read बसन्त पंचमी बसन्त पंचमी का महोत्सव चहुंओर फैली खुशियोंत्सव पेड़ों को डालियाँ झूल उठी क्या बच्चें या पक्षियों का खेल ! कहीं दूर से देखो बन्धु सुनायी दी कू की अमराई मानो... Hindi · कविता 1 267 Share Varun Singh Gautam 3 Feb 2022 · 1 min read गूंज उठी भुवन में गूंज उठी भुवन में, ज्योति जली सकल अविनाशी सुर सुर सुरेश्वरी, दसो दिशाओ में तेरी जय जयकार बाधा विध्न को हरण कर , संताप हरे वैष्णवी करूणेश्वरी रास जीवन हंस... Hindi · कविता 3 6 507 Share Varun Singh Gautam 28 Jan 2022 · 2 min read वतन मेघवर्ण – सी… भारत ! कोई मुझसे पूछा , आखिर क्या है यह ? मैं असमंजस में ठहरा , त्वरित गया इति के सार में जहाँ हिमालय किरीटिनीम् , वसुधैव कुटुम्बकम् जगा वहीं... Hindi · कविता 3 2 312 Share Varun Singh Gautam 22 Jan 2022 · 7 min read एक घड़ी या दो घड़ी.... १. चल दिया लौट इस तस्वीर से बन्धु इस दिव्य ज्योति - सी चमक अब नहीं आया था नव्य कलित बनके इस भव में पर , कोई पूछा भी नहीं... Hindi · कविता 4 1 344 Share Varun Singh Gautam 16 Jan 2022 · 4 min read चक्रव्यूह रक्तोच्चार अँधेरे की लपटों छाया में घिरा उजालों का आतम था न बिखरा किस - किस रन्ध्रों में ढूढ़ते थे कभी ? क्या , कभी , किसी को न मिला कभी... Hindi · कविता 1 296 Share Varun Singh Gautam 31 Dec 2021 · 1 min read गुमनाम पतझड़ के मै गुमनाम बन चला इस पतझड़ के किस करीनों से कहूँ क्या गुमशुम व्यथाएँ ? तस्वीर भी टूटी किस दर्रा में फँसी जा खोजूँ , विकलता के किस ओर गयी... Hindi · कविता 363 Share Varun Singh Gautam 31 Dec 2021 · 1 min read बहुरि अकेला भव में नव्य शैशव हुए कितने वीरान प्लव - प्लव - प्लावित माया अब इस पुलिन की क्या कसूर ? जग - जग हुँकार अब भी त्राण कौन सुने इन दुर्दिन की... Hindi · कविता 249 Share Varun Singh Gautam 31 Dec 2021 · 1 min read महोच्चार जाग्रत उर में सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैया बहती रेत – सी पीछे छुटती छैया तस्वीर बन रचती जैसी हो शशि राग बन , मुरझा उठीं अब अनस्तित्व महफ़िल महाकाल का... Hindi · कविता 227 Share Varun Singh Gautam 31 Dec 2021 · 1 min read लहर रात गुजर रही मेरे साथ चहुँओर दिखा राख - सी चित्र मानो दे रहा कोई संदेश प्रत्याशा है जैसे झींगुर राग घट के दिशा - दिशा तिरती पवनें मन्द -... Hindi · कविता 404 Share Varun Singh Gautam 27 Dec 2021 · 1 min read धार फँस गई धार बहते जीवन के इस दर तो कभी वो दलहीज़ आँखे नम नहीं जो रूकता तन्हा के लम्हें भी याद आती वो इतिवृत्त के लौट चलता सदा बस... Hindi · कविता 1 323 Share Varun Singh Gautam 7 Nov 2021 · 1 min read कहर उठी उर में इस मिट्टी में वों सुगन्ध कहाँ अब ? जब राम कृष्ण बुद्ध की बेला थी कहते वों देश काल के स्वयं प्राण भारत माँ बिखर गई जैसी गंगा - सी... Hindi · कविता 1 421 Share Varun Singh Gautam 6 Nov 2021 · 1 min read शीर्षक :- तस्वीर फूलों के महक में क्या छिपा ? उस छिपी कलियों से जाकर पूछो यह प्रश्न चिन्ह नहीं ख्वाबों के है यह प्रकृति के रंगीन तस्वीर देखो इन्द्रधनुष कैसी छाई अम्बर... Hindi · कविता 362 Share Varun Singh Gautam 6 Nov 2021 · 1 min read अग्नि में दिये ( कविता) कब जलेंगे आँगन में दीपक खूबसूरत लगेंगे यें कितना अग्नि में दिये , दिये में बाती चलें चलों खुशियां के घर में प्रेम बन्धन का दीप जलाएँ रोशनी की दुनिया... Hindi · कविता 1 259 Share Varun Singh Gautam 6 Nov 2021 · 1 min read शीर्षक :- सज रही कुन्तल ( स्वामी विवेकानंद की स्मृति में ) जग उठी है पूर्व की किरणें गिरी धो रही अँचल काया क्षितिज कोने से देखो वसन्त करता पदवन्दन तरुवर नरेन्द्र का राह के कण्टकाकीर्ण छिप रही पन्थ - पन्थ भी... Hindi · कविता 241 Share Varun Singh Gautam 30 Sep 2021 · 66 min read मँझधार 0 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे कुसीद... Hindi · कविता 2 797 Share Varun Singh Gautam 30 Sep 2021 · 36 min read मँझधार ०२ ____०२ 1. विधान जीवन का राग सङ्गीत है , जीवन का अस्तित्व अतीत है । प्रकृति रूपी अपना धरा , सम्पदा जहाँ भरपूर है । मानवता का जीवन ही , मानव... Hindi · कविता 419 Share Varun Singh Gautam 29 Sep 2021 · 31 min read मँझधार ०१__२ 1 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे... Hindi · कविता 1 489 Share Varun Singh Gautam 28 Sep 2021 · 66 min read मँझधार 1 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे... Hindi · कविता 2 658 Share Varun Singh Gautam 28 Sep 2021 · 66 min read मँझधार 1 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे... Hindi · कविता 791 Share Varun Singh Gautam 24 Sep 2021 · 10 min read मँझधार ०३ 1. विधान जीवन का राग सङ्गीत है , जीवन का अस्तित्व अतीत है । प्रकृति रूपी अपना धरा , सम्पदा जहाँ भरपूर है । मानवता का जीवन ही , मानव... Hindi · कविता 547 Share Varun Singh Gautam 24 Sep 2021 · 15 min read मँझधार ०५ 1. बरखा आई घूम - घूम के बरखा आई बूँद - बूँद के करतें मृदङ्ग बढ़ - बढ़ आँगन के चढ़ते - उतरते बहिरङ्ग सङ्गिनी चली बयार की लीन्ही सतरङ्ग... Hindi · कविता 475 Share Varun Singh Gautam 23 Sep 2021 · 1 min read क्यों लौट रहें नभ ? मधुर - मधुर विकल के तन कौन कहें तन्हां इसे ? बेला अंतिम कहाँ चली पतवार भी नहीं तम के शून्य भव ? कल के पन्थ - पन्थ में कौन... Hindi · कविता 1 451 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read सान्ध्य क्षितिज पलट गयी करवटें जीवन के उस पन्नों के इतिवृत्त भी किसका सार देखो कल के कर में ? दर - दर में बिखरा मिलिन्द मधु के भार कहाँ ? झख़... Hindi · कविता 267 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 11 min read मँझधार ०६ 1. मेसोपोटामिया सभ्यता दजला और फरात नदियाँ माँझ मेसोपोटामिया सभ्यता का इराक अर्द्धुक सभ्य शिष्ट वृहत साहित्य अंक खगोल विद्या का प्रसार सुमेर अक्कद बेबीलोन असीरिया सुमेरी अक्कदी अरामाइक भाषा... Hindi · कविता 540 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 9 min read मँझधार ०२ 1. पितृ परमेश्वर गिरिराज होते जहाँ नतशिर जगन्नियन्ता के हैं जो अरदास महारथी हैं वों , सारथी भी ख़्वाहिशों के हैं सरताज ख़्वाबों के हैं चिन्त्य कायनात मशरूफ़ियत मकुं फौलाद... Hindi · कविता 374 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 11 min read मँझधार ०४ 1. इन्तकाम मत देख उस भुजङ्ग को , गरल का घड़ा भरा है । ह्रदय की वेदना समझों मारुत की बवण्डर है । मत पूछ उस लालिमा को , उनकी... Hindi · कविता 670 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read ख़ामोशी गोधूलि बेला थी आसपास चहल - पहल - सा था कहीं लोगों की भीड़ कहीं तो गाड़ियों की गड़गड़ाहट वहीं घड़ी जब मैं.... आदर्श सखा का स्मरण आया मिथ्या ही... Hindi · कविता 204 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read विपत्ति का तान्ता जलसा ही जीवन विपत्ति का तान्ता अंकाई अंगारा - सा अंग सौष्ठव का आकर्षण अब तव दोषारोपण तासु अपजस बाता - सा बाबे - गुनाह हई सजायाफ़्ता आलमे - हुस्नो... Hindi · कविता 615 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read स्वतन्त्रता की बजी रणभेरी एकता - अखण्डता - समरस भारत भारतीय जन की स्वप्न निराली एकता की अंदरूनी शक्ति ही अदब अगाध अनुयायी तृण - तप्त - तिमिर - सा दर्प - दीप्त देवाङ्गना... Hindi · कविता 290 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read देश की धरा पवन - धरा - नीर - हरियाली प्रातः कालीन का अनातप में , सागर - नदी - झीलों का सङ्गम पारितन्त्रीय अन्योन्याश्रय सम्बन्ध हो । जैविक - अजैविक सङ्घटको का... Hindi · कविता 341 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read हयात इन्तकाल दुनिया का हयात इन्तकाल क्यों कर रहें हाहाकार ? क्या कोरोना की महामारी ? या कृतान्त का साम्राज्य पवन का पवनाशन प्रकोप प्राणवायु माहुर - सा इसका उत्तरदायी कौन !... Hindi · कविता 220 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read ओ मेरी माँ माँ तेरी महिमा अपरम्पार संसार की जननी है तू सब दुख - दर्द हर लेती है तू तू ही पालनकर्ता सर्वेश्वर तेरी छाया तरुवर की छाया तेरी चरणों में ब्रह्माण्ड... Hindi · कविता 186 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read सब भारत एक हो भारत देश की आजादी शहीदों के शहादत कुर्बानी वीर - वीराङ्गना की अटूट कहानी अमर है , अमर है , अमर है । भारत सोने की चिड़िया नालन्दा जैसा विश्वविद्यालय... Hindi · कविता 253 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read आम मञ्जरी मौसम है बड़ा सुहाना खेतों में सरसों की डाली जहाँ है आम मञ्जरी का बहाना कितना कोमल कितना सुन्दर ! मधुकर कर मधुमय निराली जहाँ है सुन्दर - सुन्दर हरियाली... Hindi · कविता 1 206 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read ऐ नर्स स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका जनमानस का कल्याण है और मिलता बहनों का प्यार जहाँ साहस है उनकी गाथा मानवता कर रही चित्कार व्याकुल हो रहे मन तेरे हैं न कोई... Hindi · कविता 267 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read विधान जीवन का राग सङ्गीत है , जीवन का अस्तित्व अतीत है । प्रकृति रूपी अपना धरा , सम्पदा जहाँ भरपूर है । मानवता का जीवन ही , मानव कल्याण का... Hindi · कविता 208 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 12 min read मँझधार ०१ 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे कुसीद... Hindi · कविता 253 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read शृङ्गार अलङ्कृत प्राण तरुवर को अलङ्गित अहर्निश स्पृहा मेरी लोकशून्य में क्या व्युत्सगँ , क्यों भृश ब्योहार ? इस तरस आहु कराह रहा अपराग हुँकार क्यों जग को ? तन - मन... Hindi · कविता 1 187 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read विकल पथिक हूँ मैं मैं चला शून्य के स्पन्दन में हिम कलित स्वर्ण आभा स्वर में न्योछावर हो चला इस जग से प्रतिबिम्बित हूँ प्रणय के बन्धन से क्षितिज आद्योपान्त विस्मृत - सी उऋण... Hindi · कविता 208 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read अकेला मैं अकेला रह गया हूँ बस हताश भरी ज़िन्दगी व्यर्थ मेरे पूछता नहीं कोई इस खल में मोहताज भरी मैं अवलम्ब स्नेही के फूट - फूट तीर रहा रूदन मेरी... Hindi · कविता 206 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read साँझ हुईं साँझ होने को है , हुईं तम तिमिर में ढ़कती जाती हौले - हौले वक्त भी लुढ़कते विलीन में मचल - मचलकर होते तस्वीर ऋजुरोहित सप्तरङ्गी अचिर में छँटी प्रस्फुटित... Hindi · कविता 211 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read क्यों है तड़पन ? क्या तृष्णा टूट पड़ी यहाँ ? इस भिखमङ्गों के बाजारों में कोई अट्टालिका खड़ा करता जाता किसी की अँतड़ियाँ अंगारो में पथ - पथ पर क्या कुर्बानी है ? त्राहि... Hindi · कविता 217 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read मैं हूँ निर्विकार पथिक हूँ उस क्षितिज के कर रहा जग हुँकार मेरी लौट आया हूँ उस नव स्पन्दन से कल - कल कलित कुसुम धरा पथ - पथ करता मेरी स्पन्दन होती... Hindi · कविता 220 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read पवित्र बन्धन इबादत करूँ मैं अल्लाह की रात की चान्दनी देखूँ तबसे मुकम्मल दास्तां की धरोहर में ख़्वाबों के सपनों मैं , सजाऊँ कैसे ? प्रेम भाव के आलिङ्गन में समाऊँ तन... Hindi · कविता 290 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read विजयपथ रेल - रेल सी ज़िन्दगी में क्या धोखा ? , क्या दीवानी हो ? पथ - पथ तिनका बिछाता मन में हो रहा वसुन्धरा सङ्कुचित काया बन बैठी मशक्कत मेरी... Hindi · कविता 653 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे कुसीद में साँवरिया आपके... Hindi · कविता 234 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 2 min read राह यूँ डगमगा जाते राह यूँ डगमगा जाते करते - करते चहुँओर यह ओट में क्या छिपा खोज रहा है कौन ? तम भी कहाँ देती पथ के वों मलिन धूल शशि भुजङ्ग रन्ध्र... Hindi · कविता 188 Share Previous Page 2 Next