Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2021 · 1 min read

महोच्चार जाग्रत उर में

सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैया
बहती रेत – सी पीछे छुटती छैया
तस्वीर बन रचती जैसी हो शशि राग
बन , मुरझा उठीं अब अनस्तित्व महफ़िल

महाकाल का वज्र छिपा यह उपवन है किसकी ?
मन्त्र – मुग्ध की ललकार नही , यह धार शिखर का तेज नहीं
बढ़ आँगन उस शिखर तक लौट रहें वो किस नभमण्डल ?
यह खग किस ओर असमंजस में चला किस प्रतीर ?

इन्द्र खड्ग कौन माँगती , अब श्री कृष्ण गोवर्धन नहीं ?
यह वारिद स्वयं विप्लव द्युति आनन किस आण्विक ?
चलती राह तिरछी किरणों से गिरती बहे ओ धराधर
जैसे मानो रसपान प्रकृति या रब का हुँकार भरें ।

यह महोच्चार जाग्रत उर में कहो उपवन किस ओर ?
लौट रहे प्रतिध्वनि क्रांति की , कौन है इसका स्वरसम्राट् !
किस क्षितिज , किस किरणों से वो देती हमें सन्देश ?
बैठ आँगन महाशून्य में , दिवस लौटती क्या पन्थ पखार ?

पथ – पथ बिखरा धूल सी , करवट लें , हुआ क्यों संहार ?
व्रज उच्चाहट कहाँ छिपा , है किसका यह हथियार ?
बीत गयी धारा सब , बैठ कौन ज्ञानी दे रहा प्रकाश ?
दिवस बीती जैसे हो सान्ध्य , पन्थी के गुम हो गयी राह

Language: Hindi
201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फितरत
फितरत
Dr.Priya Soni Khare
*खिलती उसकी जिंदगी , पाई जिसने हार (कुंडलिया)*
*खिलती उसकी जिंदगी , पाई जिसने हार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ये रंगा रंग ये कोतुहल                           विक्रम कु० स
ये रंगा रंग ये कोतुहल विक्रम कु० स
Vikram soni
देखी नहीं है कोई तुम सी, मैंने अभी तक
देखी नहीं है कोई तुम सी, मैंने अभी तक
gurudeenverma198
सुकून
सुकून
Er. Sanjay Shrivastava
अकेला बेटा........
अकेला बेटा........
पूर्वार्थ
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गलतियां
गलतियां
Dr Parveen Thakur
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
ज़िंदगी के सौदागर
ज़िंदगी के सौदागर
Shyam Sundar Subramanian
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
हकमारी
हकमारी
Shekhar Chandra Mitra
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
sushil sarna
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
लक्ष्मी सिंह
रंग जीवन के
रंग जीवन के
kumar Deepak "Mani"
सूखा पत्ता
सूखा पत्ता
Dr Nisha nandini Bhartiya
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
Shweta Soni
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
Dr MusafiR BaithA
"विकृति"
Dr. Kishan tandon kranti
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐प्रेम कौतुक-185💐
💐प्रेम कौतुक-185💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक कहानी है, जो अधूरी है
एक कहानी है, जो अधूरी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...