Dr. Rajeev Jain 100 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dr. Rajeev Jain 14 Jun 2024 · 1 min read बीती बिसरी लफ़्ज़ क्या कहेंगे जो अंदाज़ कहता है किस अदा पे दीवाना हुआ, कहां याद रहता है, क्या लेना देना झूठ से और सच भी क्या, शरारत में कहा हर झूठ,... Hindi · Sagari · कविता · ग़ज़ल · राजीव · शेर 2 79 Share Dr. Rajeev Jain 12 Jun 2024 · 1 min read संतुष्टि चाह घटी परवाह घटी घटी मन की पीर जतन तो कर मन भाव से आगे है तक़दीर डा राजीव “सागरी” Hindi · कविता · नज़्म · राजीव · संतुष्टि · सांगरी 1 102 Share Dr. Rajeev Jain 12 Jun 2024 · 1 min read आज़ादी की शर्त फ़ैसले ख़ुद ही ख़ुद तो सारे लिख दिये जिरह किए बिना हमको सज़ा लिख दिये क्या करे आज़ाद पंछी क्या करे ये असमां उड़ान को पाबंदी नहीं पंख गिरवी रख... Hindi · Nazm · Rajeev · उलझन · कविता · ग़ज़ल 1 82 Share Dr. Rajeev Jain 4 Jun 2024 · 1 min read कुछ करा जाये कहानी ख़त्म न हो तब तक पर्दा न गिराया जाये आशियाना बिखरने को है इसे पहले सजाया जाये खबर ऐसी है बिना पैर ख़ुद ही चल के जाएगी नफ़रत की... Hindi · कविता · घर · पेड़ · बसाएँ · राजीव 1 82 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read सहज रिश्ता पत्थर शांत पानी को अक्सर छेड़ देता है गुलज़ार चमन की ख़ुशी को भेद देता है होता है क्या फिर तो पत्थर डूब जाता है क्या खोजें उसे जो ख़ुद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पत्थर · राजीव · सांगरी 2 125 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read नक़ली असली चेहरा धोखा खाते खाते, धोखे का इल्म जाता रहा हम तो मासूम हैं ,जो भी मिला बतलाता रहा ये तो पक्का था , ये भी कोई झूठ ही होगा सच्चा मानकर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ख्वाब · तसल्ली · राजीव · सांगरी 2 130 Share Dr. Rajeev Jain 23 May 2024 · 1 min read क्या लिखूँ कुछ ख़्वाबो को आज लिखूँ बीते कल का बयान लिखूँ छूट गई जो गलियाँ सारी उन गलियों के नाम लिखूँ सरकती जा रही आहिस्ता ज़िंदगी ,इसकी क्या चाल लिखूँ फ़ना... Poetry Writing Challenge-3 · Rajeev · कविता · बिसरीयादें · राजीव · वायदे 2 91 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read हिदायत यक़ीन करना फिर भी फ़ासला रखना मिलना सभी से पर एक दायरा रखना नहीं दोस्ती, चलो तो दुश्मनी भी नहीं मिलें फिर कभी तो कुछ क़ायदा रखना नहीं रहते कई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · फासला · राजीव · सांगरी 1 107 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read दिल खोल कर रखो दीवारें उठाओ तो भी उसमें झरोख़ा खोल कर रखना लाख हो कशीदगी, रिश्तों में भरोसा घोल कर रखना वादा करके भूल जाना तुम्हारी पुरानी आदत है कोई असली सा लगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किरदार · राजीव · सांगरी 77 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read नव वर्ष गीत सिलसिला है साल का साल का दर साल का ये तो है हर साल का अभिव्यक्तियाँ , रुझान का रश्मियाँ , ब्रह्मांड का सैनिक , खेत , किसान का संकल्प... Poetry Writing Challenge-3 · अनुसंधान · कविता · जिजीविषा · राजीव · सिलसिला 132 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जो मिला ही नहीं अच्छा है, नसीब में क्या है वह पता ही नहीं पता हो, तो भी,जो होना है, वह टला ही नहीं मिलना तो ख़ुद से था, जो कभी मिला ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तकदीर · बदा · राजीव 70 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ख़ुद ब ख़ुद अच्छा है, नसीब में क्या है वह पता ही नहीं पता हो, तो भी,जो होना है, वह टला ही नहीं मिलना तो ख़ुद से था, जो कभी मिला ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · Khoj · कविता · खोज · राजीव 97 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read यथार्थ न ताज्जुब कम हैं, न करिश्में ही कम हैं ज़िंदगी जी रहे, क्या क़यामत से कम है जिरह में जीत जाओ कोई बड़ी बात नहीं दोस्ती हार न जाओ, इस... Poetry Writing Challenge-3 · करिश्मा · कविता · ताज्ज़ुब · राजीव 141 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मेरा बचपन बड़ी खूबसूरत थीं बचपन की बातें खो खो लंगड़ी धौल धप्पा की बातें दिन की न फ़िकर बेफिक्र सी रातें रात को नानी के क़िस्सों की यादें चंदा के स्वेटर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · खेल · बचपन · भोलापन · राजीव 103 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मैं बूढ़ा नहीं माना कि बेहिसाब नहीं पर लाचार इतना भी नहीं कमर लचकती कम है, पर यारो कोई बड़ी बात नहीं सोता कम थोड़ा हूँ , थोड़ा जाग लेता हूँ रात उठके... Poetry Writing Challenge-3 · Khuddari · कविता · ख़ुद्दारी · तजुर्बा · तराशना 69 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read साकार आकार कुछ नहीं बेमक़सद यहाँ हर चीज़ का मक़सद यहाँ ले जाना ही जब कुछ नहीं क्या खोना क्या पाना यहाँ बात अब पहले जैसी रही नहीं क्या रूठना क्या मनाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बस्तियाँ सँभावना आत्मसमर्पण 64 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सब कुछ मिले संभव नहीं समेटो जितना भी,कोई हिस्सा छूट जाता है यादों के सफ़र में, कोई क़िस्सा छूट जाता है बड़ी हसरतों से, ये घर बनाये जाते हैं बसते बसाते, कोई कौना छूट जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कौना सिमैटना राजीव अधूरा · ग़ज़ल/गीतिका 79 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read अवसाद तैयारी आख़िर पूर्ण हुई उम्मीद की अंतिम किरण भी विलुप्त हुई उदास अंधेरा , उड़ा ले गया मेरी दूनियाँ , अपने आग़ोश में और मेरी पराजय , हार हुई बातों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · सूनापन अकेलापन स्याह कालिख 69 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read मतवाला मन मेरे पास टाइम कम है , दुनियाँ काम रूके है और यहाँ हम हैं मुझे आइंस्टाइन का फ़ार्मूला पलटना है अब बहुत सारे रहस्य ब्रह्माणड के रचना है एक यंत्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read फुर्सत नहीं है जो दोस्त कहते थे कुछ साल के बाद फुर्सत ही फुर्सत वो फुर्सत कहाँ है बेटा बेटी पल गये जॉब पर भी लग गये पर अभी भी फुर्सत कहाँ है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · दोस्त फ़ुरसत शिद्दत बीता 96 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read छिपे दुश्मन आइने के पीछे , छिपे हुए साये कुछ हैं मेरे बारे में रहते बतलाते इंसान कुछ हैं सब इनको पता है मेरे दिमाग़ का खोज ही लिया है ठिकाना, मकान... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · दहशत जासूस तिलिस्म जाल 68 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read यादें कभी कभी हाथ आ जाते है अपनी उम्र के साथ पीले होते वो पन्ने जो ज़्यादा ज़ोर से खींचो तो फट जायें लिखे थे अबसे तीस साल बीस साल पहले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पीलापन बेकार जीर्ण स्मृति 67 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read अंतहीन हर कोई, सबकुछ, कर गुज़रने की ज़िद में है नहीं मालूम उसको, वो भी, वक़्त की जद में है मौसम, दूर से तो, यहाँ का अच्छा लगता है वैसे शहर... Poetry Writing Challenge-3 · अज़ीब इंसान राजीव ज़िद · कविता 1 73 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read बदलाव बारिश इस बार बरसती है खार सी तल्ख़ी इसकी भी बड़ गई इंसान सी हम भी नहाते थे तो तुम भी नहाए पानी में तब ख़लिश न थी इस बार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · तिजारत ईमान राजीव व्यापार 74 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जीवन पथ तबाही का भी जलसा मनाते चलिए पराये को भी अपना बनाते चलिए हमदर्दी की, किसी से, उम्मीद मत करना ज़ख़्म अपने हैं, इन्हें भी अपनाते चलिए तकलीफ़ों से बहुत वाक़िफ़... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · दर्द राजीव टकराना अपनाना 75 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता चाँदनी हो हर रात के हिस्से में , ऐसा नहीं होता शूल भी मिलेंगे अगर आगे बढ़ना है फूलों का ही सफ़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 103 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read इस कदर भीगा हुआ हूँ इस कदर भीगा हुआ हूँ पाँव से सर तक गीला हुआ हूँ ज़र्द आँखें किसी की देखकर भीतर तक कहीं पीला हुआ हूँ उजड़े सारे चमन अपनी हवाओं से अपनों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता ग़ज़ल ज़र्द सहमा 1 92 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी की दौड़ सारी दोपहरी ढूँढने एक छाँव को चलता रहा आगे मिलेगा शजर कोई मान के चलता रहा आग बरसी सब तरफ़ फिर मैं था पानी ढूँढता इक बूँद हासिल न थी... Poetry Writing Challenge-3 · चलता दोपहरी पानी तलाश राह 1 73 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी का फ़लसफ़ा वक़्त आया तो मोहलत न मिल पानी है जो गुज़रता जा रहा है वक़्त बेमानी है शहंशाह ग़रीब सबको एक राह जानी है माटी से बनी तेरी हस्ती माटी बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 89 Share Dr. Rajeev Jain 21 Aug 2023 · 1 min read अगर कोई अच्छा खासा अवगुण है तो लोगों की उम्मीद होगी आप उस अव अगर कोई अच्छा खासा अवगुण है तो लोगों की उम्मीद होगी आप उस अवगुण को छोड़ दे यदि ऐसा कुछ न हुआ तो फिर लोगों की बहुत सी अनावश्यक उम्मीद... Quote Writer 322 Share Dr. Rajeev Jain 21 Aug 2023 · 1 min read आंख में बेबस आंसू सरहद आंख की , कोरों की, तोड़ चले आखिर आंसू बोल पड़े बहुत अरसे से जमी थी बर्फ इन किनोरों पर जरा सी हमदर्दी मिली पिघले सब्र छोड़ चले डा... Hindi 304 Share Dr. Rajeev Jain 9 Aug 2023 · 1 min read यकीन नहीं होता यकीन नहीं होता बादल से खून बरसता है चिराग नहीं घर जलता है जहर हर दिल में बसता है कफन बांध इंसान चलता है मोहब्बत में धोखा मिलता है इतना... Hindi · कविता · खून · चाय पर शायरी · यकीन · सियासी 1 342 Share Dr. Rajeev Jain 7 Aug 2023 · 1 min read सब कुछ खत्म नहीं होता *सब कुछ खत्म नहीं होता* चंद ख्वाब छिटक जाने से कुछ खिलौने छर जाने से रूठ किसी के घर जाने से सब कुछ खत्म नहीं होता पुष्प किसी मुरझाने से... Hindi · आशा · इरादा · कविता · खत्म 428 Share Dr. Rajeev Jain 30 Jul 2023 · 1 min read दोस्ती के नाम दोस्त मिलते ही नहीं हैं आजकल उस मोड़ पर रास्ते सब ठीक हैं कुछ भी मैं भुला नहीं इमारते हैं सब वहीं आवाज कोई आती नही पीठ पे थप्पी नहीं... Hindi · Rajeev · कविता · फ्रेंड्स · बियाबान · शायरी 1 684 Share Dr. Rajeev Jain 29 Jul 2023 · 1 min read सवाल जिंदगी के सवालों से मत भागो, ये फिर खड़े हो जाएंगे मसले अभी सुलझा लो , कल बड़े हो जायेंगे आंखे फेर लेना अच्छी तरकीब नही शोलों को हवा न दो, झोपड़े... Hindi · जिंदगी के फैसले समाधान · परीक्षा · शोले · हवा 306 Share Dr. Rajeev Jain 28 Jul 2023 · 1 min read दरमियाँ कभी ऐसी दूरियां न थीं फासले दरमियां तो थे, कभी ऐसी दूरियां न थी फैसले जो भी हुए , बीच में ऐसी कड़वाहट न थी हम जो सहरा से गुजरे... Hindi · Rajeev · कविता · किस्मत · दूरियां · शायरी 214 Share Dr. Rajeev Jain 27 Jul 2023 · 1 min read मिसाइल मैन को नमन द्रण प्रतिज्ञ रहे आप , अपने सपनो के लिए पलकें न झुकायीं खुली आंख के सपनो के लिए दिए मजबूत पंख हमें आसमां में उड़ने के लिए भागीरथ प्रयास आपके,... Hindi · कलामसाहब · कविता · मिसाइलमैन · राजीवसागर · शायरी 400 Share Dr. Rajeev Jain 27 Jul 2023 · 1 min read दीवार का साया मेल जोल था बड़ा, साये का दीवार से धूप से,राहत बड़ी थी साये को दीवार से जब तक दिन रहता, मस्तियां होती बहुत रात से पहले विदा होता साया ,... Hindi · अस्तित्व · कविता · दीवार · शायरी · साया 2 2 342 Share Dr. Rajeev Jain 24 May 2022 · 2 min read जहर कहां से आया नाम न बता पाओ तो मार देंगे आधार न दिखाओ तो मार देंगे भंवर लाल जैन याददाश्त को चुका था जब नाम पूछा , आधार मांगा, डर गया जेब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 552 Share Dr. Rajeev Jain 21 May 2022 · 1 min read बिक रहा सब कुछ जमीर बिक रहा है, इंसान बिक रहा है दो पैसे में यहां हर ईमान बिक रहा है ढूंढने की ज्यादा जरूरत नहीं है अब मंदिर, मस्जिदों में, राम रहमान बिक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 327 Share Dr. Rajeev Jain 9 May 2022 · 1 min read मां कोई नहीं मिलता अब रूठ जाने को बिना मतलब अपनी हनक दिखाने को वो मां तेरी याद आती है हर कोई मान जाता है कह दूं खा के आया हूं... Hindi · कविता 2 2 508 Share Dr. Rajeev Jain 25 Apr 2022 · 1 min read तलाश तलाश* भटकना रोज ही है अंदर भी बाहर भी कभी अपने को न पाया, किया तलाश कितना भी अंदर भी और बाहर भी वही मंजर, वही राहें वही इमारत, वही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 492 Share Dr. Rajeev Jain 5 Apr 2022 · 3 min read वीरांगना डा अर्चना शर्मा , तुम्हारा बलिदान बेकार न जायेगा भीड़ खचाखच मची प्रसूता थी दर्द में सुती भीड़ जमाने भर की कहानी छोटे से अस्पताल की गली का रस्ता जाम यहां बोलेरो, पंच , ऑल्टो से वाहन वहां झंडा... Hindi · कविता 319 Share Dr. Rajeev Jain 17 Mar 2022 · 1 min read भागते लोग संदेश किसका है अब कुर्बान एक हो जाए बेटी मां की हिफाजत को बेटी का बाप, पत्नी का पति यूक्रेन में दफन हो जाए यह को विछोह है बच्ची का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 504 Share Dr. Rajeev Jain 15 Mar 2022 · 1 min read नया दर्द , इलाज पुराने दर्द का नए दर्द से ही पुरना दर्द कुछ कम होगा चारागर की दवा से भी अब क्या होगा खुद बेचकर उसूल बना जो मुंसिफ है मेरा फैसला इससे क्या मुंतख़ब होगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 404 Share Dr. Rajeev Jain 12 Mar 2022 · 1 min read फरेब है जमाने में अंधेरे चंद लोगों का गर मकसद नहीं होते यहां पर लोगों के बीच में फिर सरहद नहीं होते न भूलो ये ऊंचाई तुमने हम से छीनी हैं हमारा कद नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 539 Share Dr. Rajeev Jain 11 Mar 2022 · 1 min read बचपन गुल्लक मेरी तिजोरी गुजरा सफर था कि कोई किस्सा कहानी आगे भी सफर है, न कोई किस्सा कहानी नई बाइसकल पर सेल वाली घंटी की कहानी स्कूल के नए बस्ते पर चमकते बिल्ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share Dr. Rajeev Jain 9 Mar 2022 · 2 min read चुनावी चकरघिन्नी चुनाव एक ऐसा सरकारी प्रक्रम है जो लगातार चलता है लोगों को हंसने खिलखिलाने बाहर लाफ्टर क्लब हैं यहां चुनाव तो चुनाव होते हैं चुनाव हास्य धारावाहिक सा निरंतर चलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share Dr. Rajeev Jain 9 Mar 2022 · 1 min read सुराख कांधे पर देखो अपने,कुछ मुझको उठाए हुए है फूल, करीने से कितने, जनाजे पर सजाए हुए है जो भी दोस्त, आए हैं, जनाजे में मेरे, वो,जाम सब के सब ही,लगाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 219 Share Dr. Rajeev Jain 6 Mar 2022 · 1 min read मेरे जज्बात ढूंढते हैं सहारा नहीं मिलता डूबते को किनारा नहीं मिलता मिलते तो हैं बहुत से यहां पर बस कोई हमारा ही नहीं मिलता जुबानी केवल हमदर्दी न जताते आदमी यूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share Previous Page 2