sushil sarna 549 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . अवगुंठन में काल के, लुप्त हुए सब हर्ष । जरा अवस्था देखती, मुड़ -मुड़ बीते वर्ष ।। पीत पात सी काँपती, जरा काल में देह ।... Quote Writer 0 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read नई फरेबी रात … नई फरेबी रात … छोडिये साहिब ! ये तो बेवक्त बेवजह ही ज़मीं खराब करते हैं आप अपनी अंगुली के पोर इनसे क्यूं खराब करते हैं। ज़माने के दर्द हैं... 3 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read लौटेगी ना फिर कभी, लौटेगी ना फिर कभी, माँ जाने के बाद । कर लो उससे दो घड़ी , कुछ मीठे संवाद ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 10 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बाट जोहती पुत्र का, बाट जोहती पुत्र का, माँ निहारती द्वार । अविरल बहती आँख से, खारे जल की धार ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 6 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बड़े हुए सब चल दिये, बड़े हुए सब चल दिये, अपने - अपने नीड़ । माँ आँखों से पोंछती, पुत्र विरह की पीड़ ।। सुशील सरना / 12-5-25 Quote Writer 6 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . माँ दोहा सप्तक. . . . माँ माँ क्या जाने पुत्र के, मन में है क्या बात । वो तो चाहे पुत्र को, देखूं मैं दिन- रात ।। माँ है तो... 5 Share sushil sarna 11 May 2024 · 1 min read माटी :कुछ दोहे माटी :कुछ दोहे माटी मिल माटी हुआ, माटी का इंसान। माटी अंतिम हो गई,मानव की पहचान।। ...........माटी अंतिम हो गई,मानव की पहचान। ...........माटी- माटी हो गया, साँसों का अभिमान।। माटी... 1 9 Share sushil sarna 11 May 2024 · 1 min read दोहे . . . . दोहे . . . . नैन शरों की वेदना, होती है गंभीर । चोटिल मन की बात को, कह देता फिर नीर ।। भोर काल में भागता , लगे सकल... 6 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read यकीं के बाम पे ... यकीं के बाम पे ... हो जाता है सब कुछ फ़ना जब जिस्म ख़ाक नशीं हो जाता है गलत है मेरे नदीम न मैं वहम हूँ न तुम वहम हो... 6 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read ग़म मौत के ......(.एक रचना ) ग़म मौत के ......(.एक रचना ) ग़म मौत के कहाँ जिन्दगी भर साथ चलते हैं चराग़ भी कुछ देर ही किसी के लिए जलते हैं इतने अपनों में कोई अपना... 13 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दोहा पंचक. . . . . लँगड़ा दौड़े दौड़ में, गूँगा गाए गीत । बहरों की सब टोलियाँ , चलें दिशा विपरीत ।। व्यथा पूछ उस वृक्ष से, जिसके टूटे... 9 Share sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read डूब गए ... डूब गए ... तिमिर गहराने लगा एक ख़ामोशी सांसें लेने लगी तेरे अंदर भी मेरे अंदर भी तैर रहे थे निष्पंद से कुछ स्पर्श तेरे अंदर भी मेरे अंदर भी... 13 Share sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . नयन बड़े बेशर्म हैं, नयनों का क्या धर्म। प्रीत सयानी जानती , प्रणय क्षुधा का मर्म।। अभिसारों के वेग में, टूट गए सब बंध... Quote Writer 13 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read बूढ़ी माँ ... बूढ़ी माँ ... अपनी आँखों से गिरते खारे जल को अपनी फटी पुरानी साड़ी के पल्लू से बार- बार पौंछती फिर पढ़ती गोद में रखी रामायण को बूढ़ी माँ व्यथित... 15 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read थाली भोजन की लगी, वधू करे मनुहार । थाली भोजन की लगी, वधू करे मनुहार । पापड़ चलेगा साथ में , या फिर चले अचार । या फिर चले अचार, पिया जी कुछ तो बोलो । गुस्से की... 16 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read पहले अपने रूप का, पहले अपने रूप का, कर लूँ मैं शृंगार । साजन फिर आराम से, कर लेना दीदार ।। सुशील सरना / 8-5-24 Quote Writer 21 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . रिश्ते दोहा सप्तक. . . . रिश्ते आपस के माधुर्य को, हरते कड़वे बोल । मिटें जरा सी चूक से, रिश्ते सब अनमोल ।। शंका से रिश्ते सभी, हो जाते बीमार... 14 Share sushil sarna 7 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . दोहा त्रयी. . मैखाने में जाम से, टकराये जब जाम । जन्नत जैसी हो गई, मस्तानों की शाम ।। छम- छम करती बज्म में, साकी लायी जाम । डूबे यूँ... Quote Writer 11 Share sushil sarna 6 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . तोड़ दिए आवेश में, मधुर सभी संबंध । कैसी फैली स्वार्थ की, संबंधों में गंध ।। मतलब निकला खो गई, आपस की पहचान । खून देखता... Quote Writer 16 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read मेरी तुझ में जान है, मेरी तुझ में जान है, तेरी मुझ में जान। जान धड़कती जान से , आखिर क्यों अंजान ।। सुशील सरना / 5-5-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . जीवन जीने के सभी, बिगड़ गए अनुपात । उधर लुड़कते लोग अब, झुकती जिधर परात । झुकती जिधर परात , सभी हैं अवसरवादी । फेरे लेते सात... Quote Writer 15 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read सिन्दूर (क्षणिकाएँ )..... सिन्दूर (क्षणिकाएँ )..... सजावट की नहीं निभाने की चीज है सिन्दूर ****** निभाने की नहीं आजकल सजावट की चीज है सिन्दूर ****** छीन लिया है अर्थ सिन्दूर का वर्तमान के... 11 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read यादों के संसार की, यादों के संसार की, बड़ी अजब तासीर । पास नहीं लेकिन बसे , नैनों में तस्वीर ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 22 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read हुई बात तो बात से, हुई बात तो बात से, निकली फिर वही बात । बात - बात में रात को, तड़पा गया प्रभात ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 15 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read अहं के ताज़ को …………… अहं के ताज़ को …………… पूजा कहीं दिल से की जाती है तो कहीं भय से की जाती है कभी मन्नत के लिए की जाती है तो कभी जन्नत के... 15 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read चिंगारी के गर्भ में, चिंगारी के गर्भ में, निहित आग का ताप । आ जाए जो क्रोध में, बन जाती ये श्राप ।। सुशील सरना / 3-5-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read गजब हुआ जो बाम पर, गजब हुआ जो बाम पर, देखा एक शबाब । उस पर फिर रुखसार से, उड़ता रहा हिजाब ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 25 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । हर करवट अब चश्म है, अश्कों से गुलज़ार ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 19 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read क्षणिकाएँ. . क्षणिकाएँ. . रात लग गई गरीबी की हाट सज गया फुटपाथ ...................... काली रात रोशन गरीबों से फुटपाथ ..................... वोटों का खजाना आश्वासनों पर खाली पेट गरीबों का सिर हिलाना... 1 24 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूरों से पूछिए, मजदूरों से पूछिए, उनके दिल का हाल । दूर पहुंचे पेट से, उनके आटा- दाल ।। सुशील सरना / 1-5-24 Quote Writer 25 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूर की मजबूरियाँ , मजदूर की मजबूरियाँ , प्रतिदिन के हैं दंश । अर्थ अर्जन में झोंकता, अपना सारा वंश ।। सुशील सरना /1-5-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . मजदूर दोहा पंचक. . . . मजदूर रात बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ ।। सभी दिवस मजदूर के, जाते एक समान... 17 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूर दिवस पर एक रचना मजदूर दिवस पर एक रचना 1-5-24 मजदूर ... अनमोल है वो जिसे दुनिया मजदूर कहती है इसी के बल से धरातल पर ऊंचाई रहती है कहने को मेरुदंड है वो... 16 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read इल्म हुआ जब इश्क का, इल्म हुआ जब इश्क का, दिल धड़का सौ बार । बार -बार करने लगा, दिल उसका दीदार ।। सुशील सरना / 30-4-24 Quote Writer 17 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read उल्फत के हर वर्क पर, उल्फत के हर वर्क पर, अश्क लिखें तहरीर । किसने बदली ख्वाब की, चुपके से तकदीर ।। सुशील सरना / 30424 Quote Writer 18 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read असर हुआ इसरार का, असर हुआ इसरार का, जागे सारे ख्वाब । बाँहों की आगोश में, लिपटा रहा शबाब ।। सुशील सरना / 30-4-24 Quote Writer 19 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read गुजरा कल हर पल करे, गुजरा कल हर पल करे, जीवन से संवाद । वर्तमान को छेदती , याद सुवासित नाद ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 1 29 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read आता है संसार में, आता है संसार में, कौन किसी के काम । काम निकाला सब चले, अपने -अपने धाम ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 27 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read काला धन काला करे, काला धन काला करे, मानव का हर कर्म । अर्थ प्राप्ति संसार में, उसका बनता धर्म ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 27 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास । था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।। महफिल में तनहा जली, लेकर... 14 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read Micro poem ... Micro poem ... We have to take off glasses From eyes To wipe The pain inside Written on the cheeks A story Before drying Sushil Sarna 28424 Quote Writer 19 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read पंख पतंगे के मिले, पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास । था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।। सुशील सरना / 28-4-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष । काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष । व्यर्थ खर्च को रोकिए , बीता संचित कोष। बीता संचित कोष , व्यर्थ के रोको खर्चे । देखो मेरी जेब , भरे... 18 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read साहिलों पर .... (लघु रचना ) साहिलों पर .... (लघु रचना ) गुफ़्तगू बेआवाज़ हुई अफ़लाक से बरसात हुई तारीकियों में शोर हुआ सन्नाटे ने दम तोड़ा तड़प गयी इक मौज़ बह्र-ए-सुकूत में और डूब गए... 14 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read दलदल.............. दलदल.............. लोभ,लालच,प्रलोभन एक ही भाव के अलग अलग परिधान ये तीनों अंतस गर्भ में कुंडली मारे हमारे कर्मों में व्यवधान डालते हैं आँख खुलते ही जीने का मोह सताता है... 18 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, इक हादसा हुआ और सहर हो गई । सुशील सरना / 27-4-24 Quote Writer 19 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि गंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे डोर ।। अलिकुल की गुंजार से, सुमन हुए... 13 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read देख स्वप्न सी उर्वशी, देख स्वप्न सी उर्वशी, बेकल बहके भाव । मन की नटखट कामना, लगी चलाने नाव ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 21 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read पुष्प रुष्ट सब हो गये, पुष्प रुष्ट सब हो गये, देख पवन का रोष । बिना गंध उद्यान में , सूना लगे प्रदोष ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 22 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read कभी लगे इस ओर है, कभी लगे इस ओर है, कभी लगे उस ओर । जाने मन के गाँव की, प्रीत छाँव किस छोर ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 20 Share Page 1 Next