Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

मजदूर दिवस पर एक रचना

मजदूर दिवस पर एक रचना
1-5-24

मजदूर …

अनमोल है वो
जिसे दुनिया
मजदूर कहती है

इसी के बल से
धरातल पर
ऊंचाई रहती है

कहने को
मेरुदंड है वो
धरा के विकास का

आसमानों को छूती
अट्टालिकाएं बनाने वाला
जो
तिनकों की झोपड़ी में रहता है
वो
सृजनकर्ता
मजदूर कहलाता है

हर आज के बाद
जो
कल की चिंता में डूबा रहता है
कल का चूल्हा
जिसकी आँखों में
सदा धधकता रहता है
कम होती
रोटियों की गोलाई
जिसकी मजदूरी को
धिक्कारती है
भूख का तांडव
जिसके चेहरे पे
सदा नज़र आता है
सच
वो सृजनकर्ता
मजदूर कहलाता है

उसकी समझ में नहीं आता
आखिर ये मजदूर दिवस
क्यों आता है ?
जीवन
जिस ढर्रे पर होता है
उसी पर चलता रहता है
धन और तन में
जंग होती रहती है
कलनी,कुल्हाड़ी,फावड़ा ,परात
यही तो उसकी जंग के साथी हैं
इन्हीं को वो अपनी व्यथा सुनाता है
इन्हीं के संग उठता है
इन्हीं के संग सो जाता है
कुछ भी तो नहीं बदलता
मजदूर दिवस पर भी
एक मजदूर
सिर्फ़
मजदूर ही कहलाता है

सुशील सरना/1-5-24

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Harminder Kaur
कुछ मीठे से शहद से तेरे लब लग रहे थे
कुछ मीठे से शहद से तेरे लब लग रहे थे
Sonu sugandh
मेरा भारत जिंदाबाद
मेरा भारत जिंदाबाद
Satish Srijan
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
*फितरत*
*फितरत*
Dushyant Kumar
छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री लड़ाई
छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री लड़ाई
Pravesh Shinde
हो जाऊं तेरी!
हो जाऊं तेरी!
Farzana Ismail
शिशिर ऋतु-३
शिशिर ऋतु-३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
आदमियों की जीवन कहानी
आदमियों की जीवन कहानी
Rituraj shivem verma
I am Me - Redefined
I am Me - Redefined
Dhriti Mishra
2387.पूर्णिका
2387.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
चौकीदार की वंदना में / MUSAFIR BAITHA
चौकीदार की वंदना में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
खुदाया करम इन पे इतना ही करना।
खुदाया करम इन पे इतना ही करना।
सत्य कुमार प्रेमी
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
जीवन का लक्ष्य महान
जीवन का लक्ष्य महान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
Shreedhar
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
Shashi kala vyas
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
चिल्हर
चिल्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खिलौनो से दूर तक
खिलौनो से दूर तक
Dr fauzia Naseem shad
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
Ravi Prakash
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
■ शेर
■ शेर
*Author प्रणय प्रभात*
हौसले के बिना उड़ान में क्या
हौसले के बिना उड़ान में क्या
Dr Archana Gupta
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...