सुरेखा कादियान 'सृजना' 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेखा कादियान 'सृजना' 9 Nov 2021 · 2 min read हरियाणवी कविता एक बात कहूँ सूँ यार मेरे सुणो पल्ले गाँठ लावण की कदे भी ग़लती ना करियो बड़े घर मैं बेटी ब्याहवण की उसकी ख़ुशी की ख़ातर तम कितने समझौते कर... Hindi · कविता 4 9 1k Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 22 Apr 2022 · 1 min read ग़ज़ल एक पल को यूँ लगा कितनी भली है ज़िंदगी और दूजे पल लगा विष की डली है ज़िंदगी ज़िंदगी इक मौत है या मौत कोई ज़िंदगी कौन जाने किस छलावे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 6 742 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 16 Nov 2021 · 9 min read झूठ "सौरभ, आज ऑफिस से जल्दी आ जाना| याद है ना आज आस्था जी की पुस्तक के विमोचन के लिए जाना है और मैं उनसे मिलने का ये मौका गँवा नहीं... Hindi · कहानी 2 661 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 7 Aug 2021 · 2 min read नज़्म 'जा रहा हूँ, फिर न लौटूँगा मैं तेरी दुनिया में कभी' हर बरस लौटे हो मुझे बस ये ही तो बताने तुम कहते थे के गिरा दोगे मेरे दर्द ओ... Hindi · मुक्तक 3 4 593 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 24 Jul 2021 · 22 min read "उसने मुझे बख़्श दिया" आज नए ऑफिस में शिवानी का पहला दिन है। साड़ी की प्लीट्स ठीक करते हुए, आईने के सामने ख़ुद को एक दौड़ती सी निगाह से निहारकर वह ऑफिस के लिए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 580 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 26 Jul 2019 · 1 min read सज़दा इश्क़ में ख़ुदा माना था तुम्हें और इबादत में तेरी, मन को मंदिर बनाया था पूजा था तुम्हें कुछ इस तरह कि साँसों की बाती संग तन का दिया जलाया... Hindi · कविता 2 563 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 16 Aug 2021 · 1 min read हमनाम आज कार इंश्योरेंस के सिलसिले में इंश्योरेंस कंपनी के किसी टेलीकॉलर से बात हो रही थी.. जैसे कि शिष्टाचार वश पहले ये अभिवादन सहित अपना नाम बताते हैं तो उस... Hindi · लघु कथा 2 4 541 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 1 Jan 2017 · 1 min read वादा किसी मोड़ पर ना तुमसे मिलूंगी, चलो ये भी वादा किया आज तुमसे.. कहा था कभी के उफ़ ना करुंगी, विष भी तो हँस-हँस पिया आज तुमसे... आए थे इक... Hindi · गीत 3 2 500 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 17 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल - 'दिल जला या मैं जली' हाथ मेरा थाम कर तुम चल पड़े जो हर गली राह की हर चोट भी तो लग रही थी तब भली दिख रहा था वो मुसाफिर बीच रस्ते लौटता कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 486 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 17 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल धरती से बिछड़ी तो अंबर में बदरा बन के छायी हूँ मैं बरखा की बूंदें बन सागर से मिलने आयी हूँ तुम क्या जानो कैसे हासिल होता है बंजारापन जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 486 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 1 Aug 2019 · 1 min read प्रेम गीत ठहर जाती हूँ राहों में मैं सुनके आहटें तेरी कभी आँसू कभी ख़ुशियाँ, हैं कैसी ख्वाहिशें तेरी तेरी सूरत वो दर्पन है कि जिसमें प्यार दिखता है तेरा साया वो... Hindi · गीत 2 501 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 16 Nov 2021 · 1 min read ग़ज़ल कोई नग़्मा दिया तूने ख़ुशी से उसको गाया है सदा ही ज़िन्दगी हमने तेरा रिश्ता निभाया है कभी रोते हुए ढूँढी ख़ुशी की भी वजह कोई कभी हँसते हुए हमने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 449 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 10 Apr 2022 · 1 min read श्रीराम राम ही तो मोह हैं और राम ही हैं त्याग भी राम ही विराग हैं और राम ही हैं राग भी जहाँ जहाँ है दृष्टि जाये वहाँ वहाँ श्री राम... Hindi · कविता 11 1 545 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 20 Jul 2022 · 1 min read वो कौन है जब लफ्ज़ सभी खो जाते हैं चेहरे माटी हो जाते हैं जब साँसें साथ नहीं देतीं दिल भी पत्थर हो जाते हैं जब लहू जिगर से बहता है जीवन मृत्यु... Hindi 12 4 409 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 18 Dec 2017 · 1 min read जाने क्या-क्या बीत चला है जाने क्या क्या और थमा है जाने क्या क्या हाथ बढ़ाकर दे भी देता छीन लिया है जाने क्या क्या पल भर तो मुझको सुन लेता बोल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 428 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 23 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल वो किस्से औ' कहानी से निकलकर कौन आया था मिरी ख़ातिर वो बच्चे सा मचलकर कौन आया था ये सुनती हूँ कि हँसता है मिरे टूटे हुए दिल पर तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 412 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 17 Sep 2021 · 1 min read हिंदुस्तान चाहे भारत कहो या इंडिया, चाहे तो हिन्दुस्तान कहो मातृभूमि है ये हमारी, इसे दिल, ज़िगर चाहे जान कहो सोने की चिड़ीया था ये, स्वर्णिम इसकी कहानी है चंद्रगुप्त, सम्राट... Hindi · कविता 1 2 396 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 18 Dec 2021 · 1 min read ग़ज़ल दर्द में हाथ छुड़ाये हुए लोग हैं उस ख़ुदा के मिलाये हुए लोग हैं जीने का हर हुनर जानते हैं वो जो ज़िंदगी के सताये हुए लोग हैं याद अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 336 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 7 Oct 2021 · 1 min read ग़ज़ल बड़ा बेलौस मौसम है चलो इक काम करते हैं तेरे मेरे सभी क़िस्से फ़ज़ा में आम करते हैं उदासी हो कि हैरत हो, सितम हो या कि रुसवाई ख़ुशी ग़म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 329 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 28 Dec 2017 · 1 min read प्रेम सुनो प्रेम.. तुम अब जब भी आना किसी सूरत में ढल के मत आना मत आना किसी प्रेमी या पति का चेहरा ओढ़कर मत आना किसी भी रिश्ते की चादर... Hindi · कविता 2 339 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 3 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल - दोहरा के देखा था इक किस्सा यूँ दोहरा के देखा था तुमको फिर आजमा के देखा था फिर न हँसने में वो मज़ा ही रहा मैंने हर ग़म भुला के देखा था दिल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 311 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 23 Jun 2021 · 1 min read अब तो बोल जिसने नारी को देवी माना, हम उस धरा की बेटी हैं बदल गया लेकिन अब क्या जो आज कफ़न में लेटी हैं... तेरी अस्मिता की बात लगती क्या तुझे ही... Hindi · कविता 2 4 318 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 6 Feb 2021 · 1 min read नज़्म जाने वो कैसे लोग होते हैं जिनको मिलता है प्यार बेशुमार प्यार.. किसी अपने से.. जो उदास हों अगर तो कोई जी-जान लगा दे उनके होंठों पे मुस्कुराहट देखने को..... Hindi · कविता 5 4 309 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 24 Sep 2021 · 1 min read ग़ज़ल झूठी राहों की मंज़िल का सच पायें तो बात बने अपने भीतर की दुनिया में रच पायें तो बात बने तेरी दुनिया,तेरी ताक़त तूने कब किसको बख़्शा इक दिन तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 296 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 23 Jun 2021 · 1 min read अधूरा या मुकम्मल तेरे आने के बाद यूँ भी लगा है मुझको कुछ अधूरी चीज़ें कितनी मुकम्मल होती हैं.. तुम जिसे बेख़याली में कहते थे मैं सुनती रही ख़्यालों में जिसे वो एक... Hindi · कविता 1 296 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 8 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल मैं उसकी राह में शब भर दिया बनकर जला करता भले मुझ बिन ही होती पर सहर होती, दुआ करता किया जब इश्क़ मैंने ही, थी देखी राह भी मैंने... Hindi 3 2 300 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 4 Jul 2019 · 1 min read ग़ज़ल बात जमा माड़ी थी या, तन्नै क्यूकर समझी कोन्या रै कितनी ए तगड़ी हो लड़ाई, यारी तै तगड़ी कोन्या रै न्यू लोग भतेरे मिल ज्यांगे, अर दोस्त भतेरे बण ज्यांगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 273 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 27 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल अश्क़ आँखों में लिए उस से बिछड़ना है मुझे फिर सितम ये भी कि रोने से मुकरना है मुझे कल सँवारा था जिसे मोहब्बतों में ढाल कर अब उसी के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 248 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 11 Oct 2021 · 1 min read ग़ज़ल जो हर बात सुना करता है मुझमें कौन रहा करता है.. उस से गर मैं मिल ना पाऊँ शामो सहर गिला करता है.. मेरे हिस्से के सज़दे भी वो जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 240 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 20 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल जिस दिन मुझको साँसों ने ठुकराया था उस दिन मुझसे मिलने वो भी आया था जिन राहों में साथ चले थे हम दोनों उन राहों की माटी वो ले आया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 235 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 25 Aug 2022 · 1 min read ग़ज़ल सभी की ज़िंदगानी का बड़ा छोटा फ़साना है अचानक से चले आये अचानक लौट जाना है कहानी लिख तो दूँ लेकिन वही किरदार लाज़िम है जिसे अपनी कहानी में मुझे... Hindi 5 209 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 26 Jul 2022 · 1 min read महादेव हे महाकाल, तू है विकराल है चन्द्र सजा तेरे ही भाल पावनी गंगा शीश विराजे जटाजूट, बाघम्बर साजे दे अमृत और पिए गरल है कौन भला तुझ सा सरल ध्यान... Hindi 6 2 222 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 25 May 2023 · 1 min read नज़्म बारहा पूछा है मैंने अपने दिल से पर ये है कि बरसों से यूँ ही मौन है तुम गर सबब मेरी उदासी का हो तो फिर मेरी हँसी में झलकता... Hindi 1 247 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 11 Jan 2023 · 1 min read ग़ज़ल आया नहीं उनको कभी जीना यहॉं संसार में इक उम्र गंवा देते हैं जो चार दिन के प्यार में लड़नी पड़े जब जंग और मुर्शिद खड़ा हो सामने मिलता किसे... Hindi · ग़ज़ल 2 151 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 6 Jul 2023 · 1 min read भजन जब प्रेम से भरा हुआ, था सबका मन छला गया हृदय में रहता था जो वो, हृदय लिये चला गया भोर हो तो ब्रज में सब, थे जिसके मुख को... Hindi 1 294 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 6 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल काँच गिरे ज्यूँ हाथों से यूँ खोया है कुछ लोगों को भूले से इक नग़्मे सा भी गाया है कुछ लोगों को गैरों के शानों पे झुकते लोग बहुत मिल... Hindi 1 133 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 15 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल जहाँ थे ख़्वाब ख़ुशरंगीं वहाँ फैली उदासी है न जाने ख़्वाब सच थे या अभी सच्ची उदासी है बचा कुछ भी नहीं है अब बदन ये सिर्फ़ मिट्टी है नमी... Hindi 2 162 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 11 Sep 2023 · 1 min read भजन कभी बने मुरलीधर और कभी बने घनश्याम तुम अपनी महिमा तुम ही जानो क्या-क्या रखते नाम तुम मान तोड़ने इंद्र का तुम गिरधर बन के आये थे, जीत गोपियों के... Hindi 1 166 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 31 Jul 2023 · 1 min read नारी जिसने नारी को देवी माना, हम उस धरा की बेटी हैं बदल गया लेकिन अब क्या जो आज कफ़न में लेटी हैं... तेरी अस्मिता की बात लगती क्या तुझे ही... Hindi 97 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 10 Oct 2023 · 1 min read नज़्म बारहा पूछा है मैंने अपने दिल से पर ये है कि बरसों से यूँ ही मौन है तुम गर सबब मेरी उदासी का हो तो फिर मेरी हँसी में झलकता... Hindi 82 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 27 Nov 2023 · 1 min read 'ना कहने का मौसम आ रहा है' धूप खिल रही है छँट रही है धूंध मौसम में अजब सी ये खनक है कैसी इन्तिज़ार होता था उसके आने की आहट का पर ख़ुशी दे रही ये आहट... Hindi 170 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 7 Dec 2023 · 1 min read ' क्या गीत पुराने गा सकती हूँ?' ये राह बदलकर फिर से अपनी क्या वापिस पीछे जा सकती हूँ? क्या गीत पुराने गा सकती हूँ? था बरसों पहले चला गया जो रिश्ते को माटी बना गया जो... Hindi 2 2 154 Share